बाहुबली से कम नहीं यह सब्जी हर दिन देती है मोटी कमाई घर बैठे होगी मौज

Lady Finger Farming: कुछ सब्जियां सेहत के साथ किसानों को भी फायदा देती हैं. इन्हीं सब्जियों की लिस्ट में शामिल है भिंडी. जिसकी खेती से बाराबंकी के किसान लाखों कमा रहे हैं.

बाहुबली से कम नहीं यह सब्जी हर दिन देती है मोटी कमाई घर बैठे होगी मौज
बाराबंकी: किसान अब धान-गेहूं के अलावा आधुनिक विधि से अन्य फसलों की भी खेती कर रहे हैं. इससे किसानों की कमाई में बढ़ोतरी भी हुई है. हरी सब्जी की गर्मी बरसात के दिनों में डिमांड अधिक होती है और पैदावार कम होती है. जिस कारण से बाजारों में सब्जी के दाम अधिक होते हैं. इसी के चलते ज्यादातर किसान भिंडी, तोरई, लौकी आदि की खेती कर लाखों रुपए मुनाफा कमा रहे हैं. पर इन सब्जियों की खेती के लिए उपजाऊ जमीन और पानी के अच्छे निकास की व्यवस्था होना जरूरी है. भिंडी की खेती से मिल रहा मुनाफा भिंडी की खेती बरसात और गर्मी के मौसम में कर सकते हैं. इसकी अच्छी पैदावार लेने के लिए दोमट व बलुई मिट्टी होनी चाहिए. इसके लिए ज्यादा जगह की भी जरूरत नहीं होती. जिससे किसानों को जबरदस्त फायदा मिलता है. बाराबंकी जिले के रसूलपुर गांव के रहने वाले किसान अमित सिंह ने 2 बीघे जमीन में भिंडी की खेती कर एक फसल पर 80 से 90 हजार रुपए की कमाई की है. किसान अमित सिंह ने क्या कहा? भिंडी की खेती करने वाले किसान अमित सिंह ने बताया कि वो लगभग 3-4 सालों से सब्जियों की खेती कर रहे हैं. उन्हें अन्य फसलों के मुकाबले सब्जियों की खेती से  अच्छा प्रॉफिट मिल रहा है. उन्होंने कहा, ‘बरसात के मौसम में हम भिंडी लगाते हैं. इस समय करीब दो बीघे में इसकी खेती की है. जिसमे लागत एक बीघे में 4 से 5 हजार रुपए आती है और मुनाफा करीब 80 से 90 हजार रुपये तक हो जाता है.’ इसे भी पढ़ें: इस सब्जी की खेती से मिलेंगे 3 फायदे, पशुओं के लिए नहीं खरीदना पड़ेगा चारा, खेती की मिट्टी के लिए भी फायदेमंद हर दिन होती है कमाई भिंडी की खेती बहुत ही कम किसान करते हैं क्योंकि बरसात के मौसम में रोग लगने के साथ पौधे गलने का खतरा ज्यादा रहता है. इसकी पैदावार भी थोड़ी कम होती है. पर ये फसल एक बार लगाने के बाद ढाई से 3 महीने चलती है, जिससे हम हर दिन कमाई कर सकते हैं. कैसे होती है भिंडी की खेती? इसकी खेती करना काफी आसान है. पहले खेत की दो बार जुताई की जाती है. उसके बाद भिंडी के बीजों की लाइन टू लाइन बुवाई की जाती है. करीब 10 से 15 दिनों बाद पौधा निकलता है. तब इसमें  गोबर की खाद का छिड़काव कर पानी की सिंचाई जाती है. 50 से 60 दिन बाद फसल तैयार हो जाती है. Tags: Agriculture, Barabanki News, Local18FIRST PUBLISHED : September 21, 2024, 09:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed