इस समय पशुओं में तेजी से फैलते हैं ये 3 रोग अभी से कर लें बचाव नहीं तो

Animals diseases in rainy season: बरसात में पशुओं को होने वाली बीमारियों का टीका अभी नहीं आ पाया है. थैलेरिओसिस के लिए टीका आया है लेकिन, वह सिर्फ फार्म में ही लगाया जा है क्योंकि इसको लिक्विड नाइट्रोजन के कंटेनर में माइनस 196 डिग्री पर ही स्टोर किया जा सकता है. यह फील्ड में.....

इस समय पशुओं में तेजी से फैलते हैं ये 3 रोग अभी से कर लें बचाव नहीं तो
सुशील सिंह/मऊ: बरसात का मौसम चल रहा और इस समय बहुत सारी बीमारियां पशुओं को हो जाती हैं. ऐसे में पशु पालकों को अपने पशुओं का ध्यान रखना चुनौती पूर्ण होता है. इस बारे में मऊ के पशु चिकित्सक बिजेंद्र सिंह बताते हैं कि बरसात में मौसम काफी नम और गरम होता है. ये मौसम बीमारियों के लिए काफी अनुकूल होता है. ऐसे में पशुओं को बैक्टिरियल, वायरल और प्रोटोजोअल बीमारियों के होने की काफी संभावना होती है. हो जाती हैं ये बीमारियां उन्होंने बताया कि यदि इस मौसम में पशुओं को नम और गंदे स्थानों पर बांधा जाएगा तो उन्हें फुटरॉट जैसी तरह-तरह की बीमारियां घेर लेंगी. ये पशुओं की एक कॉमन बीमारी है जो फंगस लगने से होती है. इसके अलावा पशुओं में गलाघोंटू जिसको लंगड़ी बुखार भी कहते हैं हो जाता है. इसके अलावा सर्रा जिसे बबेसियोसिस भी कहते हैं. इसमें पशु का पेशाब कॉफी कलर का हो जाता है. इसके अलावा थैलेरिओसिस भी एक बीमारी है जो पशुओं को हो जाती है. ये तीनों बीमारियां वेक्टर जनित होती हैं जो मच्छर, मक्खी या किलनी के काटने से होती हैं. इसमें सर्रा सीसी फ्लाई या डस जो एक प्रकार की बड़ी मक्खी होती है उसके काटने से होता है. बीमारी से बचाव के लिए उपाय इनसे बचने के लिए पशु को खुले और साफ तथा सूखे स्थान पर बांधना चाहिए. पशु के बांधने के स्थान पर गंदगी न जमा होने पाए इसका ध्यान रखना चाहिए. घूरा तथा मलमूत्र रखने की जगह पशु बांधने के स्थान से दूर होनी चाहिए. इससे आसपास मक्खी, मच्छर और अन्य जीव पनप नहीं पाते. इसके अलावा कीटनाशकों का छिड़काव भी भरपूर मात्रा में करना चाहिए. थैलेरिओसिस का टीका गांव-गांव लगाना है मुश्किल उन्होंने बताया कि इन बीमारियों के लिए टीका अभी नहीं आ पाया है. थैलेरिओसिस के लिए टीका आया है लेकिन, वह सिर्फ फार्म में ही संभव है क्योंकि इसको लिक्विड नाइट्रोजन के कंटेनर में माइनस 196 डिग्री पर ही स्टोर किया जा सकता है. यह फील्ड में ले नहीं जाया जा सकता है. इसके अलावा गलाघोंटू का टीकाकरण 1 जून से प्रारंभ हो कर 14 जुलाई तक चला है. इसमें प्रत्येक गांव के पशुओं को यह टीका लगाया गया है. 15 जुलाई से खुरपका और मुंह पका के टीकाकरण का अभियान चलेगा. इसके लिए टीमें गठित कर ली गईं हैं. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 21, 2024, 09:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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