‘साहब! गर्मी से बचने को मुंह धोएंगे मालिक पैसा काटेगा’ रेहड़ी वालों का दर्द

पानी की रेहड़ी वाले धूप में छाता या चादर लगाकर 14 से 15 घंटे तक खड़े रहते हैं. इतनी कड़ी मेहतन के बाद कमाई जानकर होश उड़ जाएंगे. रेहड़ी वालों की दर्दभरी कहानी, जानिए उन्‍हीं की जुबानी-

‘साहब! गर्मी से बचने को मुंह धोएंगे मालिक पैसा काटेगा’ रेहड़ी वालों का दर्द
नई दिल्‍ली. झुलसा देने वाली गर्मी में तपिश झेलकर सड़क किनारे रेहड़ी लगाकर लोगों की प्‍यास बुझा रहे हैं. अगर हमें कुछ मिनट के लिए धूप में निकलना पड़ जाता है, तो परेशान हो जाते हैं. वहीं, ये रेहड़ी वाले धूप में छाता या चादर लगाकर 14 से 15 घंटे तक खड़े रहते हैं. इतनी कड़ी मेहनत के बाद रोजाना की कमाई महज 300 से 400 रुपये से ज्‍यादा नहीं हो पाती है. रेहड़ी वालों की दर्दभरी कहानी, जानिए उन्‍हीं की जुबानी- दिल्‍ली यूपी बार्डर पर पानी की रेहड़ी लगाने वाले सनी यादव कहते हैं ‘साहब चूंकि मुर्गा और फूल मंडी बगल में है, इसलिए सुबह से लोगों का आना जाना शुरू हो जाता है. हम भी सुबह 6 बजे रेहड़ी लेकर आ जाते हैं और रात 9 बजे तक रहते हैं. करीब 15 घंटे तक लगातार खड़े रहते हैं’. यह पूछने पर धूप में ही क्‍यों रेहड़ी लगाते हो, उसने बताया ‘ लोगों को धूप में ही ज्‍यादा प्‍यास लगती है. अगर छांव में लगाएंगे तो बिक्री कम होगी. गर्मी से बचने के लिए क्‍या करते हो, बोला ‘साहब क्‍या करेंगे, पानी पीते रहते हैं’. यह पूछने पर कि गर्मी लगने पर मुंह धोते हो, उसने कहा ‘ साहब अगर पानी से मुंह धो लेंगे या सिर पर डालेंगे तो नुकसान हो हमारा ही होगा, इसमें 8 से 10 ग्‍लास पानी लगेगा, इसका पैसा मालिक काट लेगा’. वहीं, एनएच 9 पर रेहड़ी लगाने वाले लक्ष्‍मण शर्मा सुपौल बिहार के रहने वाला है, सुनसान जगह खड़े होने का कारण पूछने पर बताया कि ’ बाबूजी यह हाईवे है, यहां से गुजरने वाले लोग दूर दराज के होते हैं. क्‍योंकि आसपास इलाकों के रहने वाले लोग पानी पीकर निकलते हैं या पानी की बोलत लेकर निकलते हैं लेकिन दूर आने वाले लोगों का बोतल का पानी खत्‍म हो जाता है और पानी लेकर नहीं निकलते हैं, ऐसे में पानी की रेहड़ी देखकर लोग रुकते हैं और पानी पीते भी हैं और कई लोग बोतल भी भरवाते हैं. इससे कमाई बढ़ जाती है’. वहीं, लिंक रोड गाजियाबाद में पवन यादव बेल का जूस का ठेला लगा रखा है. गर्मी पूछने पर कहा’ साहब धूप और गर्मी देखेंगे तो खाएंगे क्‍या. बिक्री होगी तभी तो खाना खा पाएंगे. जब ज्‍यादा गर्मी लगती है और बर्दाश्‍त नहीं होती तो पेड़ छांव में आराम कर लेते हैं, लेकिन ग्राहक के आते ही दोबारा से ठेले पर खड़े हो जाते हैं. Tags: Ghaziabad News, Heat WaveFIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 08:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed