इन 5 तरीकों से करें कड़कनाथ मुर्गी की पहचान! नहीं खाएंगे धोखा

डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि अगर आप कड़कनाथ मुर्गी पालना चाहते हैं तो आपको उसकी पहचान होना भी बेहद जरूरी है. कड़कनाथ मुर्गे की त्वचा, पंख, मांस, खून सभी का रंग काला होता है.मुर्गे की अन्य प्रजाति और उनके अंडों की तुलना में कड़कनाथ मुर्गा काफी मंहगा होता है.

इन 5 तरीकों से करें कड़कनाथ मुर्गी की पहचान! नहीं खाएंगे धोखा
शाहजहांपुर : सरकार किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिए खेती के साथ-साथ मुर्गी पालन के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. बात मुर्गी पालन की हो तो कड़कनाथ मुर्गे की बात ना हो ऐसा हो नहीं सकता. देसी नस्ल का मुर्गा कड़कनाथ जो अपने औषधीय गुणों और स्वाद के लिए जाना जाता है. बाजार में भी कड़कनाथ मुर्गे और इसके अंडो की बहुत मांग रहती है. कड़कनाथ मुर्गी पालन करना किसानों के लिए फायदे का सौदा है. मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए मुर्गी पालन को बढ़ावा दे रही है. किसान 1000 देसी नस्ल की मुर्गी के साथ 50 देसी नस्ल के मुर्गे पाल सकते हैं. जिसके लिए 50 लाख रुपए का पूरा प्रोजेक्ट है. जिस पर किसानों को 50% सब्सिडी मिलेगी. इसकी स्कीम के तहत मुर्गी और मुर्गे नहीं बेचे जा सकते, बल्कि मुर्गियों से निकलने वाले अंडों से बच्चे पैदा कर बेचे जाएंगे. सरकार का उद्देश्य है कि देसी नस्ल की मुर्गियों को बढ़ाया जाए. ऐसे मिलेगा लाभ डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि मुर्गी पालन की इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसानों को विभाग की उद्यम मित्रा वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा. मुर्गी पालन की इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसान को मुर्गी पालन की पंजीकृत संस्था से प्रशिक्षण लेना जरूरी है. इसके अलावा किसान के पास एक एकड़ भूमि होना भी जरूरी है. भूमि पर किसी तरह का कोई पहले से लोन नहीं होना चाहिए. अगर किसान की जमीन पर किसान क्रेडिट कार्ड भी चल रहा है तो भी वह किसान मुर्गी पालन की स्कीम का लाभ लेने से वंचित रह जाएगा. अगर किसान के पास अपनी जमीन ना हो तो वह 10 साल के लिए पंजीकृत लीज पर जमीन लेकर भी मुर्गी पालन कर सकता है. कैसे करें कड़कनाथ की पहचान? डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि अगर आप कड़कनाथ मुर्गी पालना चाहते हैं तो आपको उसकी पहचान होना भी बेहद जरूरी है. कड़कनाथ मुर्गे की त्वचा, पंख, मांस, खून सभी का रंग काला होता है. सफेद चिकन की तुलना में इसमें कॉलेस्ट्रोल की मात्रा काफी कम होती है, फैट की मात्रा कम होने के चलते इसे हृदय और मधुमेह के रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है. कड़कनाथ मुर्गा रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ कम वसा, प्रोटीन से भरपूर, हृदय-श्वास और एनीमिक रोगी के लिए लाभकारी है. 35 रुपए है 1 अंडे की कीमत डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि मुर्गे की अन्य प्रजाति और उनके अंडों की तुलना में कड़कनाथ मुर्गा काफी मंहगा होता है. इसका एक अंडा करीब 30 से 35 रुपए और मुर्गा 900 से 1100 रुपए प्रति किलो तक आसानी से बिक जाता है. जबकि इस प्रजाति की मुर्गी की कीमत कड़कनाथ मुर्गे से भी तीन गुना ज्यादा होती है. मुर्गी पालन में इन बातों का रखें ध्यान डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि कड़कनाथ मुर्गी पालन करने के लिए पोल्ट्री फार्म गांव या शहर से थोड़ी दूरी पर ही खोलना चाहिए. कड़कनाथ मुर्गी पालन करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र या पंजीकृत संस्था से प्रशिक्षण जरूर ले लें. कड़कनाथ मुर्गे के स्वस्थ चूजों को ही पोल्ट्री फार्म में रखें. फार्म को जमीन से थोड़ी ऊंचाई पर बनाएं, ताकि फार्म में जल भराव न हो. मुर्गी फार्म में रोशनी और पानी की उचित व्यवस्था रखें. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 2, 2024, 18:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed