बैंकों को वापस दिलाए 23000 करोड़900 से ज्यादा केस में चार्जशीट अब तक शानदार रहा है ईडी का रिकॉर्ड
बैंकों को वापस दिलाए 23000 करोड़900 से ज्यादा केस में चार्जशीट अब तक शानदार रहा है ईडी का रिकॉर्ड
Enforcement Directorate: मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ज्यादातर केस पेंडिंग हैं. लेकिन इसके बावजूद एजेंसी ने अब 25 लोगों को सज़ा दिलाई है. बता दें एजेंसी पर कई तरह की कानूनी अड़चनें आती हैं.
हाइलाइट्सप्रवर्तन एजेंसी ने PMLA के तहत 5,400 से अधिक जांच दर्ज किए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 23,000 करोड़ रुपये वापससार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 23,000 करोड़ रुपये वापस
नई दिल्ली. केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन एक विशेष वित्तीय जांच एजेंसी है. इस एजेंसी के खिलाफ विपक्षी नेता हमेशा निशाना साधते हैं. लेकिन ईडी के कामकाज पर अगर नजर डाले तो उनका शानदार ट्रैक रिकॉर्ड रहा है. साल 2005 में इस एजेंसी का गठन किया गया था. तब से लेकर अब तक यानी पिछले 15 सालों में ईडी ने बैंकों के फंसे 23 हज़ार कर्ज को वापस दिलाया है. साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 992 केसों में चार्जशीट फाइल की है.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत ईडी ने अब तक 8 हजार ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है. एजेंसी ने जिन आरोपियों की संपत्ति कुर्क की थी, उनकी संपत्ति बेचकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 23,000 करोड़ रुपये वापस कर दिए हैं. बता दें कि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा फेमा और भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत अपराधों की जांच के लिए भी नामित एजेंसी है. साल 2018 में उन्हें ये अधिकार दिए गए थे.
अब तक 25 को सज़ा
मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ज्यादातर केस पेंडिंग हैं. लेकिन इसके बावजूद एजेंसी ने अब 25 लोगों को सज़ा दिलाई है. बता दें एजेंसी पर कई तरह की कानूनी अड़चनें आती हैं. दरअसल उनके पास कई ऐसे लोगों के केस हैं जो बड़े बिजनेसमैन और नेता हैं. ये ऐसे लोग हैं जो कानून से बचने के तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं.
जांच एजेंसी पर दबाव
2005 के बाद से, प्रवर्तन एजेंसी ने PMLA के तहत 5,400 से अधिक जांच दर्ज की हैं. ये प्रवर्तन निदेशालय के लिए परीक्षा की घड़ी है. ये देखना अहम होगा कि वो कितने प्रभावी ढंग से मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग केस को डील करते हैं. एजेंसी को पेरिस की फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के आधार पर तैयार किया गया है. ऐसे में एजेंसी को ये भी दिखाना होता कि वो कामकाज में कितने प्रभावी है. ईडी को FATF को ये दिखाना होगा कि PMLA और टेरर फंडिंग के केस किस तरह से डील हो रहे हैं.
FATF में अच्छे रिकॉर्ड की जरूरत
FATF के अच्छे स्कोर के बाद ही किसी देश को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड से लोन दिए जाते हैं. ये लोन बेहद सस्ते ब्याज दर पर मिलते हैं. ऐसे में एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड भारत को लोन लेने में मदद कर सकता है. साल 2010 में भारत FATF में शामिल हुआ था. हाल के दिनों में ईडी ने विजय माल्य, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के 19 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी अटैज की है.
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Tags: Directorate of Enforcement, Money Laundering CaseFIRST PUBLISHED : September 08, 2022, 08:11 IST