एक माफी से जिंदा हो गई कई भेड़ें दिलचस्प है मंदिर की कहानी यहां जानिए

Unique Temple of Firozabad: खेरा वाली माता के मंदिर के महंत धनीराम ने बताया कि इस मंदिर के बारे में उनके पूर्वजों ने बताया था कि यहां एक मेवाड़ी भेड़ चराने के लिए आया था, तभी उसकी भेडें यहां रखी हुई माता की मूर्तियों पर चढ़ गईं. इसके बाद उन भेड़ों की मौत हो गई, जिसके बाद मेवाड़ी ने यहां माता की पूजा की और माफी मांगी. इसके बाद उसकी सभी भेड़े जीवित हो गईं.

एक माफी से जिंदा हो गई कई भेड़ें दिलचस्प है मंदिर की कहानी यहां जानिए
धीर राजपूत /फिरोजाबाद: भारत में माता रानी के करोड़ों मंदिर हैं, जहां भक्तों को अलग-अलग चमत्कार देखने को मिलते हैं. यूपी के फिरोजाबाद में भी माता का एक ऐसा मंदिर हैं जहां एक अनोखी मान्यता है. आसपास इलाके में रहने वाले लोग इस मान्यता को सदियों से मानते आ रहे हैं. माता के मंदिर पर हर साल चैत्र में एक भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है. लेकिन, इस मंदिर पर सोमवार के दिन का भी अलग महत्व है. टूंडला के बेहड में स्थित इस प्राचीन प्रसिद्ध मंदिर को मां खेरा वाली के नाम से जाना जाता है, जहां दर्शन के लिए आने वाले हर भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. फिरोजाबाद के टूंडला इलाके में यमुना किनारे स्थित मां खेरा वाली माता मंदिर के महंत धनीराम ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि यह मंदिर लगभग सौ साल से भी ज्यादा पुराना है. यहां प्राचीन काल से पूजा-अर्चना की जा रही है. वहीं, उन्होंने कहा कि इस मंदिर के बारे में उनके पूर्वजों ने बताया था कि यहां एक मेवाड़ी भेड़ चराने के लिए आया था, तभी उसकी भेडें यहां रखी हुई माता की मूर्तियों पर चढ़ गईं. इसके बाद उन भेड़ों की मौत हो गई, जिसके बाद मेवाड़ी ने यहां माता की पूजा की और माफी मांगी. इसके बाद उसकी सभी भेड़े जीवित हो गईं. फिर उसने यहां छोटा सा मंदिर बनवाया और उन पर जानवरों का दूध चढ़ाया. तब से इस मंदिर पर घर में पाले जाने वाले जानवर के दूध चढाने की परंपरा है. आज भी लोग अपने घरों में भैंस, गाय पालते हैं तो उनका दूध इस मंदिर पर जरूर चढ़ाते हैं. वहीं, अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उसकी भैंस दूध देना बंद कर देती है. यहां नौकरी, संतान की होती है प्राप्ति मंदिर के पास एक गांव में रहने वाले प्रताप सिंह निषाद ने बताया कि वह बचपन से इस मंदिर पर पूजा-अर्चना करने आ रहे हैं. माता का यह मंदिर बेहद ही चमत्कारी है. यहां आने वाले हर भक्त की मां खेरा वाली सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. उन्होने कहा कि यहां सोमवार वाले दिन भक्तों की ज्यादा भीड़ होती है. सोमवार को यहां दूर-दूर से दर्शन के लिए भक्त आते हैं. इसके अलावा यहां निसंतान महिलाओं को संतान की प्राप्ति होती है. और युवाओं को सरकारी नौकरी भी मिलती है. चैत्र में माता के भक्त यहां नेजा चढ़ाने आते हैं. Tags: Dharma Aastha, Dharma Culture, Firozabad News, Local18FIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 12:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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