फसलों की पैदावार हो रही है कम तो किसान अपनाएं ये उपाय बंपर होगा उत्पादन
फसलों की पैदावार हो रही है कम तो किसान अपनाएं ये उपाय बंपर होगा उत्पादन
वर्तमान समय में कई किसानों ने कृषि विभाग में अपनी शिकायत दर्ज कराई. किसानों का कहना है कि उनकी फसल कम पैदावार दे रही है. इसके साथ ही दवाओं के छिड़काव के बाद भी उनकी फसल में तरह-तरह के लोग रोग लग रहे हैं.
आदित्य कृष्ण/ अमेठी: वर्तमान समय में बढ़ती गर्मी और मौसम में बदलाव के साथ-साथ किसानों की फसलों में तरह-तरह की समस्याएं आ रही हैं, लेकिन कुछ किसानों की फसलों में रोग लगने के साथ-साथ उनकी जमीन बंजर होती जा रही है. कई किसानों की जमीन पर जो फसल हो रही है उसमें नाइट्रोजन और ऑक्सीजन की ज्यादा कमी पाई जा रही है. जिससे किसानों को चिंता सता रही है और वह अपनी पैदावार को लेकर बेहद परेशान दिख रहे हैं. ऐसे में किसानों को कृषि विभाग इस समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रयासरत है और उसके लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं
कम पैदावार होने का यह है कारण
वर्तमान समय में कई किसानों ने कृषि विभाग में अपनी शिकायत दर्ज कराई. किसानों का कहना है कि उनकी फसल कम पैदावार दे रही है. इसके साथ ही दवाओं के छिड़काव के बाद भी उनकी फसल में तरह-तरह के लोग रोग लग रहे हैं. जिससे उनकी फसल खराब हो जा रही है. मिट्टी की जांच में किसानों के खेतों में ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और फास्फोरस की करीब 30% से अधिक कमी आई है. वहीं यह कमी जांच में इसलिए पाई गई है क्योंकि किसान अपने खेतों में लगातार रासायनिक खादों का प्रयोग कर रहे हैं. ऐसे में किसानों को रासायनिक खादों से बचने की सलाह दी जा रही है. इसके साथ ही उन्हें जैविक खाद का प्रयोग करने समेत कई टिप्स दिए जा रहे हैं. जिससे वह अपनी फसल की पैदावार को बढ़ा सकें और उनकी जमीन उपजाऊ हो सके.
ऐसे बढाएं नाइट्रोजन
किसान यदि अपने खेतों में नाइट्रोजन की कमी और ऑक्सीजन की कमी को दूर करना चाहते हैं तो अपने खेतों में बागवानी की खेती भी करें. समय चक्र वाली फसल ज्यादा तैयार करें. इसके साथ ही फसल की समय-समय पर देखरेख के लिए उसकी नियमित सिंचाई करने के साथ गोबर की खाद और ढैचें का प्रयोग करें.
किसानों को किया जा रहा जागरूक
वरिष्ठ कृषि रक्षा इकाई अधिकारी डॉक्टर हरिओम मिश्रा बताते हैं कि वर्तमान समय में किसान समय चक्र की फसल तैयार करने के बजाय अन्य फसलें लगातार उगा रहे हैं. बागवानी से दूर जा रहे हैं. रासायनिक खादों का प्रयोग कर रहे हैं. ऐसे में किसानों को समय-समय पर जागरूक किया जाता है. इसके साथ ही मृदा संरक्षण लैब में किसानों को जांच की सुविधा दी गई है. जहां वह अपनी मिट्टी की जांच करा कर उसके अनुसार खाद और दवा का छिड़काव कर अपनी मिट्टी को उपजाऊ बना सकते हैं.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 14, 2024, 15:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed