विदेश में पढ़ाई के साथ कर सकते हैं नौकरी फिक्स हैं काम के घंटे जानें कैसे
विदेश में पढ़ाई के साथ कर सकते हैं नौकरी फिक्स हैं काम के घंटे जानें कैसे
Study Abroad Jobs: विदेश में पढ़ाई करने का सपना देख रहे युवाओं को पॉकेट मनी के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है. कई देश विदेशी स्टूडेंट्स को पार्ट टाइम जॉब करने की अनुमति देते हैं. इससे वह अपने जरूरी खर्च आसानी से निकाल सकते हैं. हालांकि विदेश में पार्ट टाइम जॉब करने के लिए सख्त नियम भी बनाए गए हैं.
नई दिल्ली (Study Abroad Jobs). हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाते हैं. ज्यादातर स्टूडेंट्स ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, रशिया, कनाडा जैसे देशों का रुख करते हैं. कॉलेज की फीस भरने के लिए स्टूडेंट्स एजुकेशन लोन का सहारा लेते हैं. फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझ रहे कई स्टूडेंट्स के लिए विदेश जाकर पॉकेट मनी निकाल पाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे स्टूडेंट्स पढ़ाई के साथ वहां पार्ट टाइम जॉब का ऑप्शन भी चुन सकते हैं.
पढ़ाई के साथ नौकरी करके विदेश में बेसिक खर्च निकालना आसान हो जाता है (Part Time Jobs). हालांकि इसको लेकर हर देश के अपने खास नियम हैं. विदेशी स्टूडेंट्स को काम करने की इजाजत तो मिल जाती है लेकिन इसके लिए उस देश के नियम मानने पड़ते हैं (Abroad Working Hours Guidelines). ज्यादातर देशों ने विदेशी स्टूडेंट्स के लिए काम के घंटे तय किए हैं. उससे ज्यादा घंटे काम करने पर उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जा सकता है.
Work Permit: वर्क परमिट क्या होता है?
अलग-अलग देशों में वर्क परमिट को अलग नाम से जाना जाता है. कई देशों में वर्क परमिट को वर्क वीजा (Work Visa) कहते हैं. आप जिस देश में काम करना चाहते हैं, वहां की सरकार से अधिकृत डॉक्यूमेंट लेना होता है, जिसे वर्क परमिट या वर्क वीजा कहा जाता है. यह वीजा विदेशी स्टूडेंट्स को वहां पर रहकर पढ़ाई करने और नौकरी करने की परमिशन देता है. वर्क परमिट के लिए अप्लाई करने से पहले यह जानना जरूरी है कि वह देश प्रवासी स्टूडेंट्स को जॉब देता भी है या नहीं.
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विदेश में क्या काम कर सकते हैं?
विदेश में पढ़ाई के साथ काम करने के लिए कैंपस के अंदर और बाहर जॉब देख सकते हैं. कई यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स कोॉ ऑन-कैंपस जॉब के अवसर देते हैं. इनमें लाइब्रेरी असिस्टेंट, कैफेटेरिया में काम करना जैसे ऑप्शन शामिल हैं. वहीं, जरूरी नियमों का पालन करते हुए कैंपस के बाहर भी जॉब के अवसर तलाश जा सकते हैं. इन ऑप्शंस के अलावा आप चाहें तो विभिन्न कंपनियों में इंटर्नशिप करके पढ़ाई के साथ काम का अनुभव भी हासिल कर सकते हैं.
किस देश में क्या नियम बनाए गए हैं?
विभिन्न देशों में वर्क परमिट के नियम भी अलग हैं. अगर आपने पढ़ाई के साथ जॉब करने का निर्णय लिया है तो एडमिशन से पहले उस देश के नियम पता कर लें. इससे बाद में परेशानी नहीं होगी.
Working Hours in America: अमेरिका में कितने घंटे काम कर सकते हैं?
इंटरनेशनल स्टूडेंट्स अमेरिका में पढ़ाई के दौरान हर हफ्ते 20 घंटे और छुट्टियों में हर हफ्ते 40 घंटे तक काम कर सकते हैं. हालांकि कैंपस के बाहर नौकरी करने की इजाजत सिर्फ एफ-1 वीजा होल्डर्स को दी जाती है. इसके लिए भी कम से कम 1 एकेडमिक ईयर की पढ़ाई पूरी करना जरूरी है. अगर कोई छात्र आर्थिक तौर पर कमजोर है तो उसे भी काम करने की अनुमति दी जा सकती है.
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Working Hours in Canada: कनाडा में कितने घंटे काम कर सकते हैं?
कनाडा में पढ़ाई कर रहे इंटरनेशनल स्टूडेंट्स हर हफ्ते 20 घंटे तक काम कर सकते हैं. वहीं, सेमेस्टर ब्रेक में यह नियम लागू नहीं होता है. तब स्टूडेंट्स कितने भी घंटे काम कर सकते हैं. हालांकि, यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर या किसी कंपनी में नौकरी करने के लिए वैलिट स्टडी परमिट होना जरूरी है. उसके बिना कहीं काम करने की अनुमति नहीं मिलेगी.
Working Hours in Britain: ब्रिटेन में कितने घंटे काम कर सकते हैं?
ब्रिटेन की किसी भी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे इंटरनेशनल स्टूडेंट्स हफ्ते में अधिकतम 20 घंटे और सेमेस्टर ब्रेक के दौरान अनलिमिटेड घंटे काम कर सकते हैं. किसी मान्यता प्राप्त एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में फुल-टाइम डिग्री या उससे ऊपर के कोर्स में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के पास कैंपस के बाहर काम करने का ऑप्शन भी होता है. पार्ट टाइम पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स को यह ऑप्शन नहीं मिलता है.
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Working Hours in Australia: ऑस्ट्रेलिया में कितने घंटे काम कर सकते हैं?
विदेशी स्टूडेंट्स ऑस्ट्रेलिया में हर महीने दो हफ्तों में 48 घंटे और निर्धारित ब्रेक के दौरान अनलिमिटेड घंटे काम कर सकते हैं. इसके लिए विभिन्न यूनिवर्सिटी के नियम पता कर लें. इससे आपको नियम समझने में आसानी होगी. पोस्टग्रेजुएट रिसर्च स्टूडेंट्स मास्टर्स या डॉक्टरेट डिग्री शुरू करने के बाद अनलिमिटेड घंटे काम कर सकते हैं.
Working Hours in Germany: जर्मनी में कितने घंटे काम कर सकते हैं?
हर साल बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ाई करने के लिए जर्मनी जाते हैं. वहां एडमिशन मिलना आसान है और पढ़ाई भी सस्ती है. जर्मनी में विदेशी स्टूडेंट्स हर हफ्ते 20 घंटे तक काम कर सकते हैं. वहीं, सेमेस्टर ब्रेक के दौरान 40 घंटे काम करने की अनुमति होती है. बता दें कि जर्मनी में स्टूडेंट्स को आम तौर पर हर साल 120 दिन या 240 हाफ डे काम करने की परमिशन मिलती है.
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Tags: Abroad Education, Foreign university, Jobs newsFIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 12:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed