10वीं से पहले न करें यह गलती JEE की तैयारी के लिए क्या है सही उम्र
10वीं से पहले न करें यह गलती JEE की तैयारी के लिए क्या है सही उम्र
IIT JEE Coaching: आईआईटी में एडमिशन के इच्छुक ज्यादातर स्टूडेंट्स जेईई कोचिंग में एडमिशन लेते हैं. कई अभिभावक क्लास 6 से ही बच्चों को कोचिंग की दुनिया में धकेल देते हैं. हर बच्चा अलग होता है. इतनी कम उम्र से उन्हें कोचिंग भेजना उनकी ओवरऑल ग्रोथ पर असर डाल सकता है. जानिए आईआईटी जेईई कोचिंग में एडमिशन की सही उम्र क्या है.
नई दिल्ली (IIT JEE Coaching). आईआईटी में एडमिशन के लिए जेईई कोचिंग की सही उम्र क्या है? हर साल लाखों अभिभावक इस सवाल से गुजरते हैं. कुछ लोग अपने बच्चों को क्लास 6 से ही कोचिंग भेजना शुरू कर देते हैं. इससे कई बच्चों की परफॉर्मेंस में सुधार होता है तो कई अत्यधिक प्रेशर में आने से सुस्त और उदास रहने लगते हैं. जानी-मानी कोचिंग सुपर 30 के फाउंडर आनंद कुमार ने इस संबंध में एक बहुत अच्छी सलाह दी है (Super 30 Coaching Founder Anand Kumar).
देशभर में कोचिंग मंडी का विस्तार हो रहा है (Coaching Culture). उनके लुभावने विज्ञापन अभिभावकों को काफी आकर्षित करते हैं. उन्हें लगने लगता है कि इसमें पढ़ाई करके ही उनके बच्चे का जीवन सुधर पाएगा. कुछ वर्किंग पेरेंट्स अपने व्यस्त रूटीन की वजह से भी बच्चों को कम उम्र से कोचिंग भेजने लगते हैं. लेकिन सुपर 30 कोचिंग के फाउंडर आनंद कुमार इस तरह के कल्चर के खिलाफ हैं. उनका मानना है कि कम उम्र से बच्चे को जेईई कोचिंग भेजना गलत साबित हो सकता है.
Disadvantages of Coaching: कोचिंग से कम होती है सोचने की क्षमता
आनंद कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया, बच्चों पर कभी भी पढ़ाई का प्रेशर नहीं बनाना चाहिए. ज्यादातर स्टूडेंट्स आईआईटी की तैयारी करने के लिए कोचिंग जाते हैं, जहां मनमानी फीस वसूली जाती है. उससे बड़ी बात है कि जो बच्चा कोचिंग जा रहा है, उसको अपना कुछ सोचने का मौका ही नहीं मिल रहा है. सभी मशीन की तरह काम कर रहे हैं. हमारे देश में साइंस और टेक्नोलॉजी के सेक्टर में जितना इनोवेशन होना चाहिए, उतना अभी हो नहीं पा रहा है.
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Career Tips: कैसे सीखेगा बच्चा?
कोचिंग में बच्चों को सटीकता से ज्यादा स्पीड पर काम करवाया जाता है. उन्हें ज्यादा से ज्यादा प्रॉब्लम सॉल्व करने के लिए कहा जाता है. इससे वे एक ही तरह की प्रॉब्लम सॉल्व करते रहते हैं और कुछ नया नहीं सीख पाते हैं. उन्हें यह नहीं सिखाया जाता है कि एक ही प्रॉब्लम को नए तरीके से कैसे हल किया जाए या नया प्रॉब्लम कैसे बनाया जाए या एक ही सवाल के अलग-अलग जवाब कैसे निकाल सकते हैं? बच्चों को इतनी जल्दी कोचिंग भेजने के बजाय उन्हें अपना दोस्त बनाइए.
Right Age for Coaching: 10वीं के बाद भेजें कोचिंग
आनंद कुमार की मानें तो 10वीं पास करने के बाद ही बच्चे को कोचिंग भेजना चाहिए. तब तक वह स्कूल और होमवर्क के बलबूते पढ़ाई कर सकता है. क्लास 1, 2 या 6 से उस पर कोचिंग का प्रेशर डालने से वह पढ़ाई से कतराने लगेगा. बच्चों के डिप्रेशन में जाने की खबरें आम हो गई हैं. वह इस कल्चर में सर्वाइव नहीं कर पा रहे हैं. बच्चों को हमेशा आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करना चाहिए. उन्हें समझाना चाहिए कि कम नंबर से उनकी वैल्यू नहीं घट जाती है. उनकी छोटी जीत को भी सेलिब्रेट करने की आदत डालिए.
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IIT JEE Coaching: आईआईटी जेईई कोचिंग के लिए सही उम्र क्या है?
आईआईटी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) की तैयारी के लिए क्लास 8 से बेस बनना शुरू होता है. लेकिन इसके लिए उन्हें कोचिंग भेजने की जरूरत नहीं है. आमतौर पर क्लास 11 और 12 के स्टूडेंट्स को आईआईटी की तैयारी के लिए कोचिंग भेज सकते है.
क्लास 8-10:
– आधारभूत गणित और विज्ञान की तैयारी शुरू करें.
– ओलंपियाड और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लें.
– आईआईटी की तैयारी के लिए जरूरी स्किल्स डेवलप करें, जैसे कि प्रॉब्लम सॉल्विंग और तर्कशक्ति.
क्लास 11-12:
– आईआईटी की तैयारी के लिए विशेष कोचिंग जा सकते हैं.
– जेईई मेन और एडवांस की तैयारी करें.
– जेईई परीक्षा पैटर्न और सिलेबस को समझें और उसके अनुसार तैयारी करें.
– जेईई मेन मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस पेपर्स का अभ्यास करें.
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Tags: Coaching class, Iit, JEE Exam, Jee main, Kota Coaching, Super 30FIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 11:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed