हो रही नई समस्या खड़ी धरती के कोर में हो रहा कुछ ऐसा बदल जाएगी दिनों की लंबा
हो रही नई समस्या खड़ी धरती के कोर में हो रहा कुछ ऐसा बदल जाएगी दिनों की लंबा
Study on earth: करीब 14 सालों से धरती के भीतर यह हरकत हो रही थी जिसका पता अब लगा. 40 वर्षों में पहली बार है कि यह पृथ्वी के पटल की तुलना में यह धीमी गति से चल रहा है. क्या आप जानते हैं कि यदि घूमने की यह रफ्तार ऐसे ही रही तो आने वाले समय में क्या होगा?
पृथ्वी जिन तीन परतों से मिलकर कर बनी है, उसकी सबसे आखिरी और बेहद महत्वपूर्ण परत की घूमने की रफ्तार तेजी से कम हो रही है. धरती के आंतरिक कोर में हो रही इस हलचल को वैज्ञानिकों ने हाल ही में भांपा और विस्तृत रिपोर्ट पेश की जिसके नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं. करीब 14 सालों से धरती के भीतर यह हरकत हो रही थी जिसका पता अब लगा. 40 वर्षों में पहली बार है कि यह पृथ्वी के पटल की तुलना में यह धीमी गति से चल रहा है. क्या आप जानते हैं कि यदि घूमने की यह रफ्तार ऐसे ही मिस-मैच करती रही तो आने वाले समय में क्या होगा?
बता दें कि धरती की तीन परतें होती हैं. पहली और सबसे ऊपरी परत को क्रस्ट कहते हैं जिस पर दुनिया बसी है. इसके बाद यानी नीचे की ओर परत है मेटल. तीसरी और सबसे भीतर की परत है कोर. जो बदलाव देखने को मिल रहा है, वह इसी कोर में देखने को मिल रहा है. लोहे और निकल का यह एक बेहद गर्म, एकदम घना गोला है जोकि हमारे पैरों के नीचे 4,800 किमी से अधिक दूरी पर पाया जाता है.
यूनिवर्स अपनी रफ्तार से अनुशासनपूर्ण तरीके से चलता है. पृथ्वी भी इस ब्रह्रांड का जरूरी हिस्सा है जिस पर हम रहते हैं. यह भी अपने नियम के मुताबिक ही ‘चलायमान’ है. लेकिन अब हालिया अध्ययन बताते है कि पृथ्वी के आंतरिक कोर का घूमना साल 2010 से धीमा हो रहा है. यानी इसमें कमी आने लगी है. नया शोध इस बात का सबूत देता है कि आंतरिक कोर पृथ्वी की सतह की तुलना में धीमी गति से चलने लगा है. दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूएससी) के वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है. साइंस अलर्ट मैगजीन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इसका पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की स्थिरता और हमारे दिनों की अवधि (Duration) दोनों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है. हालांकि दिनों में यह बदलाव शुरुआती समय में 1 सेकंड या चंद सेकंड का हो सकता है. इसका लॉन्ग लास्टिंग असर क्या हो सकता है, इस पर और अधिक जानकारी आनी बाकी है.
इसका नतीजा यह होगा कि दिनों की लंबाई पर फर्क पड़ेगा. कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे आज के मुकाबले दिन छोटे हो जाएंगे जबकि कुछ का कहना है कि यह लंबाई बढ़ जाएगी. श्री विडाले, यूएससी डोर्नसाइफ कॉलेज ऑफ लेटर्स, आर्ट्स एंड साइंसेज में पृथ्वी विज्ञान के डीन प्रोफेसर कहते हैं कि पूरे ग्रह के इस बदलाव के चलते हमारे दिन बढ़ सकते हैं. जबकि इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, लंबे समय से आंतरिक कोर की धीमी गति पर वैज्ञानिक समुदाय उन अध्ययनों का हवाला भी देता रहा है जो कहते हैं कि पृथ्वी की सतह की तुलना में यह कोर तेजी से घूमता है. (न्यूज एजेंसी PTI के इनुपट के साथ)
Tags: Earth, Science facts, Science newsFIRST PUBLISHED : June 17, 2024, 11:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed