किसान ध्यान दें बिना टाइप सर्टिफिकेट के ड्रोन तो नहीं उड़ा रहे बन सकता है मुसीबत का कारण
किसान ध्यान दें बिना टाइप सर्टिफिकेट के ड्रोन तो नहीं उड़ा रहे बन सकता है मुसीबत का कारण
कृषि जगत में ड्रोन के कई फायदे हो सकते हैं. बहुत सारे किसान इसे लेकर आकर्षित हो रहे हैं, लेकिन किसान भाई अगर ड्रोन खरीदना चाहते हैं, तो नॉन टाइप सर्टिफिकेट वाले ड्रोन के प्रति सतर्क रहें. यानी वे बिना टाइप सर्टिफिकेट के एग्री ड्रोन अपने खेतों में उड़ा रहे हैं तो यह गैरकानूनी है.
नई दिल्ली : कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग लगातार बढ़ रहा है और सरकार भी इसे प्रोत्साहन दे रही है. इसके बाद से ही ड्रोन का बाजार बहुत तेजी से विकसित हो रहा है. किसान अपने खेतों में भारी पैमाने पर इसका उपयोग करने लगे हैं. लिहाजा, इसके बाजार में कुछ सालों में भारी तेजी रहने की संभावना है. केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि भारत ने 2030 तक ड्रोन हब बनाने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय ड्रोन उद्योग का कुल कारोबार 80 करोड़ से बढ़कर 2026 तक 15000 करोड़ के होने की संभावना है. इसमें भारत सरकार की पीएलआई स्कीम की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
कृषि जगत में ड्रोन के कई फायदे हो सकते हैं. बहुत सारे किसान इसे लेकर आकर्षित हो रहे हैं, लेकिन किसान भाई अगर ड्रोन खरीदना चाहते हैं, तो नॉन टाइप सर्टिफिकेट वाले ड्रोन के प्रति सतर्क रहें. यानी वे बिना टाइप सर्टिफिकेट के एग्री ड्रोन अपने खेतों में उड़ा रहे हैं तो यह गैरकानूनी है. टाइप सर्टिफिकेट नागरिक विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए जारी करता है. भारत में अभी तक दो ही ऐसी कंपनी है, जिन्हें यह टाइप सर्टिफिकेट मिला हुआ है. इनमें सबसे पहले गुड़गांव के आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड को ड्रोन नियम 2021 के तहत पहला टाइप सर्टिफिकेट केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदान किया है. अगर वे ड्रोन खरीदने की सोच रहे हैं तो उन्हें इस बात के लिए जागरूक रहना पड़ेगा कि कहीं वे बिना टाइप सर्टिफिकेट के ड्रोन तो नहीं खरीद रहे हैं. उसका टाइप सर्टिफिकेट होना अति आवश्यक है.
एयरक्राफ्ट एक्ट के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति ड्रोन के प्रावधानों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. साथ ही ऐसे व्यक्तियों पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसलिए ड्रोन के खरीदार किसानों को इस बात से हमेशा सतर्क रहना चाहिए.
बता दें कि ड्रोन से खाद या पेस्टिसाइड का छिड़काव करना लाभकारी हो सकता है. इससे फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी हो सकती है, साथ ही कीट- पतंगों को मारने या अन्य चीजों में भी इसका लाभ मिलता है. लेकिन इन फायदों के बावजूद अगर आप ड्रोन खरीदने के इच्छुक हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि डीजीसीए द्वारा मान्यता प्राप्त टाइप सर्टिफिकेट ड्रोन ही होना चाहिए. बिना टाइप सर्टिफिकेट के ड्रोन उड़ाना गैर कानूनी है.
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Tags: IndiaFIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 21:28 IST