ट्रंप की जीत से टेंशन में भारत के 4 दुश्मन! चीन-PAK के पहले ही उतरे चेहरे
ट्रंप की जीत से टेंशन में भारत के 4 दुश्मन! चीन-PAK के पहले ही उतरे चेहरे
चुनाव प्रचार के दौरान ही डोनाल्ड ट्रंप कई बार पीएम मोदी को अपना खास दोस्त बता चुके हैं. दिवाली पर उन्होंने हिन्दुओं को बधाई देते हुए भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश की क्लास भी लगाई थी. ट्रंप अगले साल जनवरी में राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे.
नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव जितने से भारत के चार दुश्मन देश पर असर पड़ना तय है. आतंकवाद हो या अलगाववाद या फिर हिंदुओं की सुरक्षा और ट्रेड वार… ट्रंप की एक जीत ने भारत के साथ दुश्मन वाला रवैया रखने वाले 4 देशों के लिए बैड न्यूज है. भारत के लिए इन दिनों दुश्मन नंबर एक बनकर उभरे कनाडा को सुरक्षा और खालिस्तान समर्थकों के मसले पर गंभीर और साफ संदेश भी जाएगा. अमेरिका और कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियां के बढ़ने से हाल के महीनों में भारत को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. कनाडा में भारतीय हिंदुओं की सुरक्षा भी खतरे में आ गई है. ट्रंप के प्रशासन में अमेरिका में भारतीय हिंदुओं को खालिस्तान से होने वाले खतरे और धमकी को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा. बांग्लादेश में हिंदुओ के मसले पर ट्रंप बयान देकर ये साफ कर चुके हैं. दूसरी तरफ कनाडा की ट्रूडो सरकार की तरफ से भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल खालिस्तान समर्थकों की आवाज भी मंद पड़ेगी.
चीन
ट्रंप के आने से भारत के बड़े पड़ोसी चीन को साधने में भी भारत को मदद मिलेगी. चीन के मुकाबले अमेरिका हमेशा भारत को ज्यादातर तरजीह देता है क्योंकि अमेरिका नहीं चाहता की दुनिया में व्यापार के मामले में चीन अमेरिका के मुकाबले खड़ा हो. राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप प्रशासन चीन पर टैरिफ बढ़ा सकता है और चीन को आर्थिक चोट पहुंचा सकता है. ट्रंप पहले भी चीन के साथ ट्रेड वॉर की बात कर चुके हैं. डोनाल्ड ट्रंप के आने से अमेरिका चाहेगा कि उसकी निर्भरता चीन पर कम हो और ऐसे में अमेरिकी कंपनियों को अपने सप्लाई चैन को दूसरे देश में ट्रांसफर करने का दबाव भी होगा. इसका सीधा फायदा भारत को होगा क्योंकि जो कंपनियां अपने सप्लाई चैन में विविधता लाना चाहेंगी वो भारत की तरफ रुख कर सकती हैं. इसके अलावा हिंद-प्रशांत महासागर में चीन को साधने के लिए QUAD को भी ट्रंप ज्यादा ताकतवर बनाएंगे और इसकी शुरुआत अगले साल भारत में होने वाले QUAD लीडर्स सम्मेलन में हिस्सा लेकर ट्रंप कर सकते हैं. गौर करने वाली बात यह भी है कि अपने 4 साल के शासनकाल के दौरान चीन के साथ LAC विवाद और चीन की मनमानी पर बाइडन ने कुछ नहीं बोला. लेकिन ट्रंप के साथ ऐसा नहीं होगा.
पाकिस्तान
भारत में पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के लिए ट्रंप एक सीधा और साफ संदेश है. अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप पाकिस्तान को प्रायोजित आतंकवाद के लिए लताड़ चुके हैं और यही नहीं ट्रंप ने पाकिस्तान को अमेरिका से मिलने वाली आर्थिक सहायता भी रोक दी थी. पाकिस्तान इस वक्त आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में आतंकवाद समेत किसी मसले पर पाकिस्तान से ट्रंप की नाराजगी उसे न सिर्फ अमेरिका से मिलने वाली मदद बल्कि अलग-अलग संगठनों से मिलने वाली आर्थिक सहायता पर भी तेज आंच डाल सकती है. भारत के दो छोर पर पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी को देखते हुए अमेरिका के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास, हथियारों की खरीद और इनके तकनीक का ट्रांसफर दोनो को भारत विरोधी किसी भी गतिविधि को अंजाम देने से पहले सोचने पर मजबूर करेगा.
बांग्लादेश
दीपावली के मौके पर धर्म विरोधी एजेंडे के तहत हिंदू अमेरिकन की रक्षा की बात करने वाले ट्रंप बांग्लादेश में हिंदू और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की भर्त्सना कर चुके हैं. ऐसे में बांग्लादेश की यूनुस सरकार को भी ट्रंप ने अपने निर्वाचन से पहले ही साफ संदेश दे दिया था. जो बाइडेन और मुख्य सलाहकार यूनुस की करीबी किसी से छिपी नहीं है. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद यूनुस सरकार पर लगाम कसने वाली है. यानी ट्रंप के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश में हिंदुओं के सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए यूनुस सरकार की जवाबदेही तय करेंगे.
एक बात तो साफ है ट्रंप के अमेरिका में चुने जाने से भारत की सीमा से सटे दुश्मनी रवैया रखने वाले पड़ोसी हों या फिर हजारों मील दूर कनाडा की ट्रुडो सरकार – ट्रंप के निर्वाचन से एक तीर से चार शिकार हो गए हैं.
Tags: Canada News, Donald Trump, Justin Trudeau, Pakistan news, US Presidential Election 2024FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 14:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed