15 में हो सकती है मुस्लिम लड़की की शादी CJI के सामने तुषार मेहता की दलील
15 में हो सकती है मुस्लिम लड़की की शादी CJI के सामने तुषार मेहता की दलील
क्या मुस्लिम बेटियों की शादी की उम्र शादी की कानूनी उम्र यानी 18 साल से अलग है? इसी सवाल पर सुप्रीम कोर्ट एक अहम सुनवाई करने वाला है. NCPCR इस मामले को शीर्ष अदालत के समक्ष उठाया है.
क्या मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत 15 साल की नाबालिग मुस्लिम लड़की की शादी की इजाजत दी जा सकती है? यह एक गंभीर सवाल बन गया है क्योंकि देश के कई हाईकोर्ट ने इस बारे में अलग-अलग फैसले दिए हैं. इससे एक तरह से भ्रम की स्थिति बन गई है. इसी भ्रम को दूर करने के लिए नेशनल कमिशन फॉर चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) ने याचिका दाखिल की है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस वाईडी चंद्रचूड़ की अदालत में इस याचिका पर बहस के लिए सॉलिटर जनरल तुषार मेहता पहुंचे.
दरअसल, सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने मंगलवार को सीजेआई की कोर्ट के सामने ये मामला उठाया. उन्होंने कहा कि इस मसले पर विभिन्न हाईकोर्ट के अलग-अलग फैसले आ रहे हैं, जिसके कारण भ्रम की स्थिति बन रही है. इन फैसलों के खिलाफ फिर विभिन्न हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दाखिल हो रही है. ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट इससे जुड़ी सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर इस पर स्पष्टता दे दे.
मुख्य न्यायाधीश ने भी इस पर जल्द विचार करने पर सहमति जताते हुए कहा कि इस पर स्पष्टता की जरूरत है. कुछ समय पहले पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ का हवाला देते हुए 15 साल की मुस्लिम लडकी की शादी को वैध करार दिया था. हाईकोर्ट के इस फैसले को राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और सॉलिसीटर जनरल ने इसे लेकर स्पष्टता देने का अनुरोध किया.
बुधवार को सुनवाई की अपील
तुषार मेहता ने इस मसले को बुधवार या गुरुवार को सुनवाई के लिस्ट करने की अपील की. इस चीफ जस्टिस ने कहा कि एक बार मामला सेटल हो जाने दीजिए. हम इस पर जल्दी सुनवाई की तारीख देंगे.
देश में अभी वैधानिक तौर पर लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल और लड़कों की उम्र 21 साल है. हालांकि लॉ कमिशन और अन्य संस्थाएं लड़कियों की शादी की उम्र भी 21 करने की सिफारिश कर चुकी है. दूसरी तरफ पर्सनल लॉ बोर्ड कहता है कि मासिक धर्म शुरू होने के बाद लड़की की शादी की उम्र हो जाती है. भले वह 18 साल से कम की हो. इस पर 2022 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट अपना मुहर लगा चुका है.
Tags: Muslim Girls, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : August 6, 2024, 16:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed