पॉपकॉर्न की खोज कैसे हुई साइंटिस्‍ट ने बताई मक्‍के की गजब कहानी

पॉपकॉर्न हर क‍िसी को खाना पसंद है, लेकिन क्‍या आपको पता है क‍ि इसकी खोज कैसे हुई. कुछ साइंंटिस्‍ट ने इसके बारे में द‍िलचस्‍प जानकारी शेयर की है. बताया है मक्‍के की खोज कैसे हुई, क‍िसने इसे पहली बार पहचाना.

पॉपकॉर्न की खोज कैसे हुई साइंटिस्‍ट ने बताई मक्‍के की गजब कहानी
हम रोजाना की जिंदगी में कई चीजें खाते-पीते हैं, लेकिन अगर पूछ दिया जाए क‍ि ये कहां से आईं, तो शायद ही हमें पता होता है. जैसे अगर कसावा की कई चरणों में प्रॉसेसिंग नहीं होता, तो इस जहरीले पौधे को हम नहीं खा पाते. इसी तरह से पॉपकॉर्न, जिसे भारत में हम मक्‍के के नाम से जानते हैं. काफी मीठा और स्‍वाद‍िष्‍ट.. लेकिन कभी आपने सोचा क‍ि पॉपकॉर्न की खोज कैसे हुई? क‍िसने इसे पहली बार पहचाना? कुछ साइंटिस्‍ट ने इसके बारे में बताया है, जो बेहद द‍िलचस्‍प है. साइंटिस्‍ट के मुताबिक, करीब 9,000 साल पहले मेक्सिको की सूखी गुफाओं में मक्के यानी पॉपकॉर्न की खेती के प्रमाण मिले हैं. यहीं से मक्के की खेती पूरे उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में फैल गई. बाद में यह दुनिया के अन्‍य देशों तक पहुंची. वैसे तो मक्के के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से अधिकांश गर्म करने पर फूट जाते हैं, लेकिन एक किस्म, जिसे वास्तव में ‘पॉपकॉर्न’ कहा जाता है, सबसे अच्छा पॉपकॉर्न बनाती है. वैज्ञानिकों ने बताया क‍ि 6,700 साल पहले पेरू में फाइटोलिथ नामक मक्‍के की जली हुई गुठली मिली थी. इसे ही सबसे अच्‍छा पॉपकॉर्न माना जाता है. आपकी दांतों में फंस जाता वैसे तो मक्‍का जैसे खाद्य पदार्थ में ज्‍यादातर चीजें नष्‍ट हो जाती हैं, इसल‍िए वह संरक्ष‍ित नहीं रहता. लेकिन मक्‍के का निचला ह‍िस्‍सा काफी कठोर होता है. जो अक्‍सर खाते वक्‍त आपकी दांतों में फंस जाता है. खाने लायक बनाने के ल‍िए इसे गर्म करना पड़ता है. कभी कभी यह जल जाता है. पुरातत्‍वव‍िदों को इस बात के सबूत मिले हैं क‍ि यह ह‍िस्‍सा, जिसे फाइटोलिथ कहा जाता है, हजारों वर्षों तक चट्टान जैसे टुकड़े के नीचे रह सकते हैं और खराब नहीं होते. कैसे पता चला क‍ि ये खाने वाली चीज मक्‍का का पता कैसे चला, इसकी कहानी भी दिलचस्‍प है. कुछ साल पहले एक पुरातत्व वैज्ञानिक को मक्के के कुछ दाने मिले. वे आग के पास खड़े थे, तभी उनमें से कुछ दाने आग में ग‍िर गए. दाने गर्म होते ही फूट कर खिल गए और पॉपकार्न कहलाए. तब साइंटिस्‍ट ने बताया क‍ि यह भोजन तैयान करने का एक नया तरीका है. पॉप्ड मक्का लंबे समय तक चलेगा और इसे बनाना भी आसान है. रिसर्च के बाद पता चला क‍ि 8,000 साल पहले टेओसिन नामक जंगली घास से मक्‍का तैयार क‍िया गया. खेती सबसे पहले मूल अमेरिकियों द्वारा की गई थी जो अब मेक्सिको है. लोग जंगली टेओसिन इकट्ठा करते थे और बीज खाते थे, जिसमें बहुत सारा स्टार्च होता था. यह ठीक उस तरह होता है, जैसा कार्बोहाइड्रेट आप ब्रेड या पास्ता में पाते हैं. तब इसे फूड के तौर पर अपनाया यह जानना असंभव है कि पॉपकॉर्न का आविष्कार क्यों और कैसे हुआ, लेकिन वैज्ञान‍िकों को लगता है कि मक्‍के में स्टार्च था, इसल‍िए लोगों ने इसे फूड के तौर पर अपनाया. वे इसमें से थोड़ा सा पानी निकाल लेते थे, जिससे इसके खराब होने की संभावना खत्‍म हो जाती थी. जब आप इसके गर्म करते हैं तो अंदर का पानी भाप के रूप में बाहर निकल जाता है. यह पॉपकॉर्न को पॉप बनाता है. तब पॉप्ड कॉर्न लंबे समय तक चल सकता है. आज लोग इसे स्‍वाद‍िष्‍ट नाश्ता मानते हैं. FIRST PUBLISHED : July 7, 2024, 17:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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