PG करके परिवार के पेशे को आगे बढ़ा रहे प्रदीप बनाते हैं मिट्टी के दिए

Diwali Diya: शिलकुरी के उच्च शिक्षित युवा प्रदीप कुमार ने दीपावली पर मिट्टी के 70-80 हजार दीये तैयार किए हैं. पारिवारिक मृत्तिका व्यवसाय को जीवित रखते हुए, प्रदीप इस काम से अपनी पढ़ाई का खर्च भी निकाल रहे हैं.

PG करके परिवार के पेशे को आगे बढ़ा रहे प्रदीप बनाते हैं मिट्टी के दिए
असम: शिलचर शहर के नजदीक, शिलकुरी के युवा प्रदीप कुमार ने पढ़ाई के साथ-साथ पिता की पारिवारिक जीविका को ज़िंदा रखने के लिए अथक प्रयास किया है. दीपावली की रात प्रदीप कुमार द्वारा बनाई गई हजारों मिट्टी की दीये चारों ओर उजाला फैलाएंगे. अब दीपावली के लिए सभी तैयारियाँ हो चुकी हैं, और इस पर्व के अवसर पर मृत्तिका कलाकारों के पास व्यस्तता की कमी नहीं है. मिट्टी के दीयों की माँग बढ़ी चीनी लाइट्स की चमक के बावजूद भी मिट्टी के दीयों की माँग बनी हुई है. दीपावली के इस अवसर पर मिट्टी के दीयों की मांग व्यापक रूप से बढ़ जाती है, जिससे शिलकुरी और अन्य स्थानों के कुम्हार लाखों मिट्टी के दीये और अन्य पूजन सामग्री तैयार कर बाजार में बेचने में सक्षम होते हैं. प्रदीप का शिक्षा और पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ाव प्रदीप कुमार नामक 24 वर्षीय यह युवक शिलचर शहर के पास शिलकुरी का निवासी है. वर्तमान में वह कृष्ण कांत संधिकाई मुक्त विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर कर रहा है और साथ ही नौकरी की परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहा है. उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद भी प्रदीप ने अपने पिता और दादा के पारिवारिक मृत्तिका व्यवसाय को जीवित रखने का प्रयास जारी रखा है. वर्तमान में प्रदीप और उनका छोटा भाई इस व्यवसाय में लगे हुए हैं और परिवार की आर्थिक स्थिरता के लिए प्रदीप ने अपने पिता के साथ खड़े होने का निर्णय लिया है. दीपावली की तैयारी और आर्थिक मजबूती प्रदीप ने बताया कि इस दीपावली पर उन्होंने 70 से 80 हजार मिट्टी के दीये बनाए हैं. मृत्तिका कला उनके परिवार का पारंपरिक व्यवसाय है, और इस काम के माध्यम से उनका परिवार चलता है. जीविका उपार्जन के अलावा, इस कार्य से प्रदीप अपनी पढ़ाई का खर्च भी निकालते हैं. दीपावली के इस अवसर पर उनकी व्यस्तता और बढ़ गई है. इन दीयों को थोक और खुदरा बाजार में बेचने के लिए तैयार किया गया है. उनके द्वारा बनाए गए दीये बराखाई, एनआईटी, शिलकुरी, फकीरटिला सहित कछार जिले के कई बाजारों में बिकते हैं. Tags: Assam, Diwali, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : October 27, 2024, 16:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed