Digvijay Singh: कभी थे अर्जुन सिंह के शागिर्द फिर बने राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु
Digvijay Singh: कभी थे अर्जुन सिंह के शागिर्द फिर बने राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु
Congress Leader Digvijay Singh: दिग्विजय सिंह को उनके राजनीतिक गुरु कहे जाने वाले अर्जुन सिंह ने दिल्ली की सत्ता के गलियारों से परिचय कराया था. इसके बाद दिग्विजय सिंह ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. देखते ही देखते वह गांधी परिवार के खासम-खास हो गए.
हाइलाइट्सदिग्विजय सिंह का नाम आने से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव दिलचस्प हुआमध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को गांधी परिवार का विश्वस्त माना जाता है अर्जुन सिंह के शागिर्द रहे दिग्विजय सिंह राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु भी बने
नई दिल्ली. राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव और भी दिलचस्प हो गया है. अशोक गहलोत के नाम पर जहां संशय बना हुआ है, वहीं गांधी परिवार के एक और करीबी नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम अब सामने आने लगा है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं. दिग्विजय सिंह का राजनीतिक कॅरियर काफी लंबा है. उन्होंने राजनीति में MP के ही एक और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की शार्गिदी से सफलता पाई. कहा जाता है कि इसके बाद वह पीवी नरसिम्हा राव के खेमे में शामिल हो गए थे. दिग्विजय सिंह को राजीव गांधी का भी करीबी माना जाता था.
दिग्विजय सिंह भाजपा और आरएसएस के मुखर आलोचकों में से एक रहे हैं. वह पूर्व में ऐसे कई बयान दे चुके हैं, जिससे राजनीतिक बखेड़ा खड़ा हो चुका है. कई बार तो कांग्रेस को भी असहज स्थितियों का सामना करना पड़ा है. इन सबके बावूद दिग्विजय सिंह को गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से उनकी नजदीकियां जगजाहिर हैं. दिग्विजय को राहुल गांधी का राजनीतिक गुरु भी माना जाता है. ऐसे में यदि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ते हैं तो मुकाबला काफी दिलचस्प हो सकता है.
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राजीव गांधी से लेकर राहुल गांधी तक
दिग्विजय सिंह ने राजनीति की शुरुआत वर्ष 1969 में राघोगढ़ नगर निगम के अध्यक्ष के तौर पर की थी. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. दिग्विजय सिंह राजीव गांधी के जमाने से गांधी परिवार के सबसे भरोसंमंद लोगों में शामिल रहे हैं. राजीव गांधी ने ही उन्हें मध्य प्रदेश की कमान सौंपी थी. माना जाता है कि उन्होंने सोनिया गांधी को सक्रिय राजनीति में लाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. मौजूदा समय में दिग्विजय सिंह राहुल गांधी के करीब रहने वाले नेताओं में से एक हैं.
राजनीति से संन्यास
दिग्विजय सिंह साल 1993 से 2003 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. वर्ष 2003 में चुनाव हारने के बाद उन्होंने 10 साल तक सक्रिय राजनीति में न आने का संकल्प लिया था. इसके बाद वह फिर से राजनीति में सक्रिय हुए. कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से संकट के दौर से गुजर रही है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि दिग्विजय सिंह पार्टी को इससे कैसे उबारते हैं. यदि वह कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनने में सफल होते हैं तो उनकी कार्यशैली और साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियों को लेकर उन पर निगाहें रहेंगी.
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Tags: Congress, Digvijay singh, National NewsFIRST PUBLISHED : September 29, 2022, 12:44 IST