दिल्लीः 10 नाबालिग आदिवासी लड़कियां फंसी थी प्लेसमेंट एजेंसी के चंगुल में बचपन बचाओ आंदोलन ने कराया मुक्त
दिल्लीः 10 नाबालिग आदिवासी लड़कियां फंसी थी प्लेसमेंट एजेंसी के चंगुल में बचपन बचाओ आंदोलन ने कराया मुक्त
10 tribal girl rescued by Bacpan bachau andolan: दक्षिण दिल्ली के एक प्लेसमेंट एजेंसी से बचपन बचाओ आंदोलन और एनसीपीसीआर ने मिलकर 10 आदिवासी नाबालिग लड़कियों को उसके चंगुल से मुक्त करवाया है. इन सभी लड़कियों को अवैध तरीके से झारखंड के दक्षिणी सिंहभूम जिले से लाई गई थी. इन्हें अच्छे काम व पैसे का लालच देकर यहां लाया गया था.
हाइलाइट्सदिल्ली में एक प्लेसमेंट एजेंसी ने झारखंड से तस्करी के माध्यम से इन लड़कियों को लाया थामुक्त करवाई गई सभी लड़कियों की उम्र 13 से 17 साल के बीच है
नई दिल्ली। नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित बचपन बचाओ आंदोलन(बीबीए) ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग(एनसीपीसीआर), एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट(एएचटीयू) और दिल्ली पुलिस के सहयोग से दक्षिणी दिल्ली में चल रही एक अवैध प्लेसमेंट एजेंसी से 10 नाबालिग आदिवासी लड़कियों को मुक्त करवाया है. इन सभी लड़कियों को अवैध तरीके से झारखंड के दक्षिणी सिंहभूम जिले से लाया गया था. इन्हें अच्छे काम व पैसे का लालच देकर यहां लाया गया था. पुलिस ने इस मामले में दो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
13 से 17 साल के बीच उम्र
मुक्त करवाई गई सभी लड़कियों की उम्र 13 से 17 साल के बीच है. सभी लड़कियों का मेडिकल टेस्ट करवा लिया गया है और इसके बाद इन्हें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी(सीडब्ल्यूसी) के सामने पेश किया जाएगा. बीबीए के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा, हमारा संगठन उन प्लेसमेंट एजेंसियों की गतिविधियों के खिलाफ है, जो गरीब व कमजोर वर्ग के बच्चों को लालच देकर या बहला-फुसलाकर ट्रैफिकिंग का शिकार बनाती हैं. उन्होंने आगे कहा, हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह आने वाले समय में ऐसी अवैध गतिविधियों में लिप्त रहने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों के खिलाफ एक कठोर कानून लाए. गौरतलब है कि देश की राजधानी में पहले भी ऐसे मामले सामने आते रहे हैं.
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Tags: Delhi, Human Trafficking Case, NCPCRFIRST PUBLISHED : July 19, 2022, 23:25 IST