दिल्ली का वह मेडिकल कॉलेज-अस्पताल रात छोड़ दीजिएदिन में ही बन जाता मयखाना

राजधानी के एक बड़े मेडिकल कॉलेज और उससे जुड़े 3 अस्पतालों में तकरीबन 1800 रेजिडेंट डॉक्टर्स काम करते हैं. इसमें 600 से 700 महिला डॉक्टर्स हैं. लेकिन, महिला डॉक्टरों की समस्याएं जानकर आप हैरान हो जाएंगे. इन डॉक्टरों को रात को अकेले ही दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है. ड्यूटी रूम नहीं है, टॉयलेट नहीं है यहां तक कि कैंपस में दिन में ही लोग शराब पीते रहते हैं. इससे इन लेडी डॉक्टरों के मन कोलकाता के आरजी कर अस्पताल जैसी घटना होने का डर हर समय सताता रहता है. पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

दिल्ली का वह मेडिकल कॉलेज-अस्पताल रात छोड़ दीजिएदिन में ही बन जाता मयखाना
नई दिल्ली. देश के बड़े मेडिकल कॉलेजों में से एक मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज कैंपस का हाल देखकर आपको नहीं लगेगा कि यह अस्पताल है या फिर टैक्सी, बस और ट्रकों का स्टैंड. कॉलेज और अस्पतालों का यह पूरा कैंपस असमाजिक तत्वों का अड्डा बनता जा रहा है. यहां छिनैती, चोरी और शराब पी कर हंगामा करने की कई घटनाएं आम हो गई हैं. ऐसे में कॉलेज के अंतगर्त आने वाले एलएनजेपी, जीबी पंत और गुरु नानक हॉस्पिटल की महिला ड़ॉक्टरों को कोलकाता के आरजी कार जैसी घटना का डर सताने लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में डॉक्टरों की सुरक्षा और अन्य मांगों को लेकर एक टास्क फोर्स का गठन किया था. लेकिन, इस कॉलेज कैंपस का हाल देखकर नहीं लगता है कि उसपर अभी तक अमल हुआ है. कॉलेज के अस्पतालों में रोज-रोज मरीजों का हंगामा भी आम बात हो गई है. न्यूज 18 हिंदी ने कई रेजिडेंट डॉक्टरों से कैंपस की सुरक्षा से जुड़े विषय पर बात की. उन सबों का कहना था कि हाल के दिनों में एलएनजेपी अस्पताल, जीबी पंत और मौलाना आजाद के कैंपस में ट्रक, टैक्सी, बस और ठेला लगाने वालों की संख्या बढ़ गई है. कैंपस की हालत देखकर लगता है कि यह अस्पताल नहीं बल्कि, असमाजिक तत्वों का अड्डा? इस कैंपस में घंटों बस और ट्रकें खड़ी रहती हैं. अस्पताल से सटे 64 खंभा एरिया, जो कबाड़ी और फर्नीचर सामनों का दुकान है, वहां असमाजिक तत्वों की गतिविधियां हर समय बनी रहती है.’ एलएनजेपी अस्पताल, जीबी पंत और मौलाना आजाद के कैंपस में ट्रक, टैक्सी, बस और ठेला लगाने वालों की संख्या बढ़ गई है. आरजी कर जैसी घटना होने का डर डॉ संध्या (बदला हुआ नाम) न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहती हैं, ‘रात को ड्यूटी के दौरान ट्रेनी डॉक्टरों को मरीज के साथ या कभी-कभी अकेले भी गांधी मार्केट जाने वाले रास्ते से गुरु नानक अस्पताल जाना होता है. लेकिन, इस रास्ते में सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं. हर समय डर रहता है कि कोई घटना न हो जाए. अस्पताल से सटे कबाड़ी मार्केट और 64 खंभा झुग्गी का इलाका होने से डर और बढ़ जाता है.’ मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की डॉ रेखा (बदला हुआ नाम) न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहती हैं, देखिए मौलाना आजाद कॉलेज के साथ तीन अस्पताल एसोसिएटेड हैं. लोक नायक, जीबी पंत और गुरु नानक आई अस्पताल. ये चारों कैंपस अंदर से जुड़े हुए हैं. पर इनके बीच में कुठ खुला रास्ता है, जहां पर पब्लिक रहती है. कैंपस का एंट्री और एग्जिट कंट्रोल नहीं है. कैंपस में कोई भी आता है कोई भी जाता है. किसी मरीज को रात को अल्ट्रासाउंड या अन्य तरह की इमरजेंसी जांच के लिए लोक नायक से जीबी पंत जाना होता है तो डॉक्टर को भी साथ जाना पड़ता है. लेकिन, वह रास्ता सेफ नहीं है.’ मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज का यह कैंपस एरिया है. क्या कहती हैं कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर रेखा आगे कहती हैं, ‘हमें किसी तरह की सुविधा नहीं मिलती है. जैसे अगर हमें मरीज को जीबी पंत लेकर जाना होता है तो हमारे साथ गार्ड नहीं रहता. हाल ही में मेडिसिन की इमरजेंसी में कुछ लड़ाई झगड़ा हो गया था. गार्ड उठकर वहां से भाग गया. सबसे बड़ी बात यह है कि गार्ड भी खाली हाथ क्या कर सकता है? उनके पास कोई डंडा भी नहीं होता है कि लोग डरें. देखिए मरीजों को लगता है कि सरकारी अस्पताल है तो फ्री में मेडिसिन मिलेगा, जांचें होंगी. लेकिन हकीकत यह है कि दवा मिलती नहीं है और टेस्ट के लिए दो-दो साल का समय मिलता है.’ जानें क्या कहा मेडिकल डायरेक्टर एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, हमने सुरक्षा व्यवस्था काफी अच्छी कर दी है. जहां-जहां जरूरत थी सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं. अभी डॉक्टर्स ड्यूटी रूम का काम चल रहा है. हम उसको अच्छे कर देंगे.’ न्यूज 18 हिंदी ने पूछा कि छात्र तो कह रहे हैं कि अभी भी सीसीटीवी नहीं लगा है तो मेडिकल डायरेक्टर कहते हैं एक दिन में थोड़े हो जाता है सारा. रिपेयर हो रहे हैं.. जहां अंधेरा रहता था वहां लाइट लग रही हैं. जहां तक ट्रक, कैंपस में शराब पीना ये मेरे अंदर नहीं प्रींसिपल के अंदर आता है. आप इसके लिए मेडिकल कॉलेज के डीन से बात करें. जहां तक टॉयलेट की बात है हमने पीडबल्यूडी वालों को बता दिया वो काम कर रहे हैं.’ लेडी डॉक्टर्स रात हो दिन इसी रास्ते से जाती हैं गुरु नानक अस्पताल डीन ने भी सवालों से किया किनारा आपको बता दें कि न्यूज 18 हिंदी ने जब मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ पूनम पसरिचा नारंग से बात की तो उन्होंने पहले तो सारे सवालों को सुना फिर कहती हैं आप कॉलेज आकर मुझसे बात कीजिए. मैं कैसे समझूं कि आप सही आदमी हैं.’ न्यूज 18 हिंदी ने कई ट्रेनी महिला डॉक्टरों से बात कर रोज-रोज आने वाली समस्याओं के बारे में जाना. एलएनजेपी अस्पताल में महिलाओं के लिए टॉयलेट नहीं है. रात को टॉयलेट के लिए दूर-दूर जाना पड़ता है. टॉयलेट में हाइजीन की दिक्कतें हैं. साफ-सफाई और हाथ साफ करने के लिए साबून तक नहीं होते हैं. सीसीटीवी लगे हुए हैं, लेकिन खराब हैं. कई खुले जगहों पर तो सीसीटीवी लगे हीं नहीं. पार्किंग एरिया में लाइटिंग नहीं है. रात को कैंपस के अंदर लोग शराब पीते हैं. क्यों पिछड़ रहा है यह अस्पताल और कॉलेज आपको बता दें कि मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज एनआईआरएफ के मानदंडों पर पहले की तुलना में काफी पिछड़ गई हैं. कभी टॉप-5 में आने वाला यह कॉलेज अब अभी टॉप 20 में भी नहीं है. जानकार बताते हैं कि इसकी कई वजहें हैं. इन वजहों में से एक वजह यह भी है कि कॉलेज से जुड़े अस्पतालों जैसे लोक नायक अस्पताल में भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामने आना. Tags: Delhi Government, Delhi news, Government Medical College, LNJP Hospital, Medical StudentsFIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 15:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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