सैन फ्रांसिस्को से भी महंगे दिल्‍ली के इस इलाके में है सबसे बड़ा धोबीघाट!

राजधानी दिल्‍ली का यह इलाका किराए के मामले में सैन फ्रांसिस्को को भी पीछे छोड़ता है. लेकिन आपको यह जानकर ताज्‍जुब होगा कि इतने महंगे इलाके में राजधानी का सबसे बड़ा धोबीघाट है.

सैन फ्रांसिस्को से भी महंगे दिल्‍ली के इस इलाके में है सबसे बड़ा धोबीघाट!
नई दिल्‍ली. राजधानी दिल्‍ली का यह इलाका किराए के मामले में सैन फ्रांसिस्को को भी पीछे छोड़ता है. यहां पर देसी-विदेशी लगभग सभी बड़े ब्रांडों के शोरूम हैं. आपको यह जानकर ताज्‍जुब होगा कि इतने महंगे इलाके में जहां पर एक-एक इंच जमीन की कीमत काफी अधिक है, वहीं पर राजधानी का सबसे बड़ा धोबीघाट है. आइए जानें, ये धोबीघाट कहां है और क्‍यों खास है? यह धोबीघाट दिल्‍ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्‍लेस पर है. बाराखंभा रोड के हेली रोड पर देवी प्रसाद सदन नाम से यह घाट है, जो दिल्‍ली का सबसे बड़ा और पुराना घाट है. यह एनडीएमसी क्षेत्र में आता है. यहां पर कुल 16 घाट और एमसीडी क्षेत्र में 47 घाट हैं. यहां पर करीब 60 लोगों के घाट हैं और इनकों रहने के लिए क्‍वार्टर मिले हैं. ये तीन से चार पीढि़यों से यहीं रह रहे हैं. एक घाट के मालिक रोहित कनौजिया बताते हैं कि उनके पास 1932 का लाइसेंस हैं, जो दादा जौहरी लाल के नाम पर है. घाट उससे भी पहले का है, इस तरह ये घाट करीब 100 साल पुराना है. यानी लुटियन जोन बनने से पहले का यह घाट है. दूसरे घाट के मालिक अमित बताते हैं कि अंग्रेज अफसरों ने अपने कपड़ों को धुलवाने के लिए कनॉट प्‍लेस में इन लोगों को बसाया था. एनडीएमसी घाट के लिए लाइसेंस जारी करता है. इसके बदले फीस भी चुकानी होती है. कपड़े धोने के लिए इन लोगों ने भी मशीनों का इस्‍तेमाल शुरू कर दिया है. सैन फ्रांसिस्को से भी महंगा यहां का किराया कनॉट प्‍लेस का इलाका किराए के मामले में सैन फ्रांसिस्को से महंगा है. यहां पर इंच-इंच जमीन की कीमत काफी होती है. यहां पर सभी बड़े ब्रांड के शोरूम हैं, इसके बावजूद यहां पर धोबीघाट बना है. इसी के अंदर कपड़े सुखाने की जगह भी है. इस तरह कनॉट प्‍लेस एरिया में धोबीघाट की बात सुनकर चौंकना लाजिमी है. मंत्रियों और सांसदों के यहां सीधी एंट्री चूंकि यह घाट लुटियन जोन में है और यहां पर तमाम मंत्रियों और सांसदों की कोठियां हैं. इन सभी के कपड़े इसी घाट में घुलते हैं. इसलिए इनकी मंत्रियों और सांसदों के यहां सीधी एंट्री होती है. अमित बताते हैं कि कोठियों में रहने वाले सांसद बदलते रहते हैं, लेकिन जो व्‍यक्ति जिस बंगले से कपड़े ला रहा है, वो लगातार उसी में जाता रहता है. इस तरह इन लोगों ने बंगले तय कर रखे हैं. Tags: Connaught place, New DelhiFIRST PUBLISHED : May 27, 2024, 10:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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