15 दिन में मंदिर से मूर्ति हटाओऔर दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी याचिका
15 दिन में मंदिर से मूर्ति हटाओऔर दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी याचिका
Pracheen Shiv Mandir News: दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) इन दिनों अवैध कब्जा हटाने के लिए अभियान चला रहा है. इसके तहत अतिक्रमण कर बनाए गए तहत मंदिर और मस्जिद को ढहाया जा रहा है. गीता कॉलोनी के समीप स्थित प्राचीन शिव मंदिर को भी ढहाया जाना है. DDA के इस कदम के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
नई दिल्ली. दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) इन दिनों अवैध अतिक्रमण को हटाने का अभियान चला रहा है. इसके तहत आम स्ट्रक्चर के साथ ही धार्मिक भवनों जैसे मंदिर, मस्जिद आदि को भी ढहाया जा रहा है. गीता कॉलोनी के समीप स्थित प्राचीन शिव मंदिर भी इस लिस्ट में शामिल है. DDA के इस कदम को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि यहां रोजाना 300 से 400 श्रद्धालु पूजा-पाठ के लिए रोजाना आते हैं. साथ ही खास मौकों पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है, ऐसे में यह एक सार्वजनिक स्थल है. याचिका में भगवान शिव को भी अभियोजन पक्ष का बताया गया. दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि देवों के देव महादेव को हमारी नहीं, बल्कि हमलोगों को भगवान शिव के संरक्षण और सुरक्षा की जरूरत है.
प्राचीन शिव मंदिर यमुना बाढ़ क्षेत्र के समीप स्थित है. DDA ने इस मंदिर को हटाने का फैसला किया. दिल्ली विकास प्राधिकरण के इस कदम के खिलाफ प्राचीन शिव मंदिर एवं अखाड़ा समिति ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी. इसमें DDA को मंदिर को ढहाने से रोकने का आदेश देने की मांग की गई. जस्टिस धर्मेश शर्मा की पीठ के समक्ष इस मामले को लिस्ट किया गया था. सुनवाई के दौरान जस्टिस शर्मा ने पाया कि प्राचीन शिव मंदिर एवं अखाड़ा समिति संबंधित सिविक प्रॉपर्टी पर अपना अधिकार साबित करने में नाकाम रहा. ऐसे में उन्हें मंदिर को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. इसके साथ ही हाईकोर्ट याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने कहा, ‘याची की ओर से आधे मन से याचिका दायर करते हुए भगवान शिव (मंदिर के देवता) को भी अभियोजन पक्ष में शामिल करने की मांग की गई. यह हताशा में किया गया प्रयास है, ताकि पूरे मामले को दूसरा रंग देकर इसके सदस्यों (अखाड़ा समिति) द्वारा निहित हितों को साधा जा सके.’
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‘भगवान शिव को नहीं, हमलोगों को उनके संरक्षण की जरूरत’
हाईकोर्ट ने प्राचीन शिव मंदिर एवं अखाड़ा समिति की याचिका पर सख्त टिप्पणी की है. जस्टिस शर्मा ने आगे कहा, ‘यह कहने की जरूरत नहीं है कि भगवान शिव को हमारे संरक्षण की जरूरत नहीं है, बल्कि हमलोगों को महादेव के संरक्षण और आशीर्वाद की आवश्यकता है. इसमें रत्ती मात्र भी संदेह नहीं कि यमुना नदी से सभी तरह के अवैध कब्जे और गैरकानूनी निर्माण को हटाने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होंगे.’ बता दें कि याचिका में DDA को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन के पास ताज इन्क्लेव (गीता कॉलोनी) में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना करने में कोई बाधा उत्पन्न न हो. याचिका में कहा गया था कि यह पूरे समाज का मामला है.
15 दिन की मोहलत
दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका को ठुकराते हुए पाया कि प्राचीन शिव मंदिर यमुना के बाढ़ क्षेत्र में स्थित है. DDA एनजीटी के निर्देशानुसार इसे डेवलप कर रहा है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया, जिससे इस बात की पुष्टि की जा सके कि यह आमलोगों के लिए समर्पित है, कोई निजी संपत्ति नहीं है. हाईकोर्ट की पीठ ने आगे कहा कि सिर्फ पूजा-पाठ करने और खास समारोह आयोजित करने मात्र से कोई स्थान सार्वजनिक महत्व का नहीं बन जाता है. कोर्ट ने पीटिशनर को 15 दिन का वक्त दिया, ताकि वे मंदिर से प्रतिमा और अन्य धार्मिक वस्तुओं को हटाकर किसी दूसरे मंदिर में शिफ्ट कर सकें. निर्धारित अवधि में ऐसा न करने पर DDA को सलाह-मशवरे के बाद उचित कदम उठाने का आदेश दिया गया है.
Tags: DELHI HIGH COURT, Delhi newsFIRST PUBLISHED : May 31, 2024, 06:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed