Delhi Electricity Bill: पिछले 10 सालों से बिजली बिल के मामले में राहत की सांस ले रहे दिल्लीवासियों को इस बार का बिल देखकर जोर का झटका लगा है. इस बार बिजली के बिल दो-तीन गुना आए हैं. दिल्ली में बिजली के बिलों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो इस बार बिजली के बिलों ने सबको चौंका दिया. इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंत्री का कहना है कि बिजली के बिल नहीं बढ़े हैं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी इस बारे में भ्रम फैला रही है.
बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार गरीबों लोगों की जेब काट रही है. उन्होंने कहा कि यूनिट की दर भले ही कम की हुई हों, लेकिन दूसरे तरीके से पैसे वसूला जा रहा है. पूर्व मंत्री तथा दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि उनके घर का 25 दिन का बिजली बिल 19,000 रुपये आया है.
अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि गर्मी में ज्यादा कंज्यूम करने से बिजली बिल नहीं बढ़े बल्कि यह PPAC के कारण यह बिल बढ़ रहे हैं. 10 साल के बाद भी बिजली कंपनी के ऑडिट नहीं किया गया है.
लवली ने कहा कि दिल्ली सरकार लोगों को जेल से ही लूट रही है और मुख्यमंत्री के जेल में होने के कारण डीआरसी के सदस्य की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. बिजली कंपनियां अपनी मनमानी कर रही हैं. उन्होंने अपने घर का बिजली बिल दिखाया जिसमें 19,616 रुपए के बिल में 4000 से अधिक का ppac चार्ज वसूल करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि पेंशन ट्रस्ट जो 1.5 से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दी गई है जो दिल्ली की जनता का काम नहीं बल्कि दिल्ली के डिस्कॉम कंपनी का काम है क्योंकि कंपनी में कर्मचारी प्राइवेट हैं तो उसका शुक्ल दिल्ली की जनता क्यों भरे.
बीजेपी के इन आरोपों पर दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने बिजली बिल में वृद्धि को लेकर कहा कि भाजपा पिछले कई दिनों से भ्रम फैला रही है कि दिल्ली सरकार ने बिजली के दाम बढ़ा दिए हैं. PPAC को बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा की यह समस्या है कि जिस भी राज्य में उनकी सरकार है, वहां देश में सबसे महंगी बिजली मिलती है. दिल्ली के आसपास, भाजपा शासित राज्यों के फ़रीदाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा आदि जगहों पर गर्मियों में 8-8 घंटे के पावर कट लगते हैं.
आतिशी ने कहा कि भाजपा अपने राज्यों में बिजली की समस्या सुलझा नहीं पा रही है और दिल्ली सरकार पर झूठे आरोप लगा रही है. आतिशी ने कहा कि दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (DERC) के साफ आदेश हैं कि विद्युत खरीद समायोजन शुल्क (PPAC) को नहीं बढ़ाया जा सकता है. सितंबर तक यह पहले का ऑर्डर लागू रहेगा.
दिल्ली सरकार की मंत्री ने बताया कि लेकिन डिस्कॉम के पास यह प्रावधान है कि गर्मियों में ख़ास तौर पर जब पीक पावर डिमांड होती है और जब उन्हें महंगे दाम पर बिजली खरीदनी पड़ती है, उस दौरान शॉर्ट टाइम के लिए वे सात फीसदी तक PPAC बढ़ा सकते हैं. यह केवल उस दौरान के लिए लागू रहता है जब उन्होंने महंगी बिजली खरीदी हो. यह प्रावधान पिछले दस साल से लागू होता रहा है. अक्सर गर्मियों में जब पीक पावर डिमांड होती है, डिस्कॉम कम्पनियां सात फीसदी तक PPAC बढ़ाती रही हैं. दिल्ली सरकार या DERC द्वारा बिजली के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं.
Tags: Arvind kejriwal, Atishi marlena, Delhi Government, Electricity BillsFIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 13:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed