दिल्ली सरकार के अधिकारी बात नहीं मानते गोपाल राय को फिर टका सा जवाब
दिल्ली सरकार के अधिकारी बात नहीं मानते गोपाल राय को फिर टका सा जवाब
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के कारण कम से कम दो मामलों में सरकार के मंत्रियों का निर्देश मानने से नौकरशाहों ने मना कर दिया है. दोनो मामले गोपाल राय से ही जुड़े हैं.
आम आदमी पार्टी के मंत्रियों की बात उनके ही विभाग के सचिव नहीं सुन रहे हैं. दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने चिट्ठी लिखी थी कि आतिशी मार्लेना सिंह 15 अगस्त को दिल्ली में झंडा फहराएगी. लेकिन उनके ही विभाग के सेक्रेट्री ने इसे मानने से इनकार कर दिया. फिर पता चला है कि गोपाल राय ने सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद के इस्तीफे से खाली हुए सात विभागों को अफसरों को मंत्री के तौर पर आतिशी को रिपोर्ट करने के निर्देश देने को कहा. इसे भी सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव ने मानने से इनकार कर दिया.
दरअसल, गोपाल राय के पास दिल्ली सरकार का सामान्य प्रशासन महकमा भी है. उन्होंने इस विभाग के मंत्री होने के नाते बिना मंत्री के चल रहे विभागों को आतिशी से जोड़ने की कोशिश की. इसी हैसियत से उन्होंने झंडा फहराने की व्यवस्था भी देने की कोशिश की थी.
उनकी दलील थी कि 8 दिसंबर 2023 को एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इसके मुताबिक आतिशी को 13 विभागों का मंत्री बनाया गया. साथ में ये लिखा गया था कि जो विभाग किसी को नहीं सौंपे गए हैं, वे भी आतिशी के जिम्मे ही रहेंगे.
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राजकुमार आनंद के पास गुरुद्वारा चुनाव, एससी एसटी कल्याण, समाज कल्याण, सहकारिता, भूमि और भवन, श्रम और रोजगार विभाग थे. उनके इस्तीफे के बाद ये विभाग किसी को नहीं दिए गए थे. लिहाजा खुद ब खुद ये महकमे आतिशी के पास चले जाने चाहिए.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि गोपाल राय के जवाब में दिसंबर के नोटिफिकेशन में जिक्र किया गया था कि उस वक्त जो विभाग किसी को नहीं सौंपे गए थे, वे आतिशी को दिए जाएंगे. जबकि राजकुमार आनंद ने अप्रैल में मंत्रालय खाली किए थे. इस लिहाज से उस नोटिफिकेशन का असर इस पर नहीं पड़ता है. साथ ही अधिकारियों ने गोपाल राय को ये भी बता दिया कि मुख्यमंत्री ने राजकुमार आनंद का जब इस्तीफा स्वीकार करते हुए एलजी को भेजा था तब उनके विभाग किसी को देने की रिकमेंडेशन भी नहीं की थी. उस समय अरविदं केजरीवाल जेल से बाहर थे.
सूत्रों का ये भी कहना है कि इस स्थिति के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी सूचित कर दिया गया है. असल में ये स्थिति पहले कभी रही ही नहीं है. इस पर गृह मंत्रालय ने कानून मंत्रालय से राय लेने की बात कही है. ये भी कहा जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने नियमों का हवाला देकर ये भी कहा है कि बिना मंत्रालय किसी को सौंपे जाने के लिए मुख्यमंत्री की सिफारिश जरूरी होती है.
ये भी पता चला है कि गोपाल राय को सारी स्थिति बताने से पहले अपनी जबाव को मुख्य सचिव ने उपराज्यपाल के यहां भेज कर उनसे भी एप्रूवल लिया है. एलजी ने अपनी नोटिंग में ये भी लिखा है कि वे इस मामले को गृहमंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति को भेज कर विभागों का कामकाज ठीक से चलाने के लिए सही निर्देश मांगे हैं. उपराज्यपाल ने ये भी कहा है कि जब तक मंत्रालयों या राष्ट्रपति सचिवालय से कोई दिशा निर्देश नहीं आ जाता तब तक मंत्रालयों के सचिव नियमों के मुताबिक काम काज निबटाते रहें.
Tags: Atishi marlena, Delhi AAP, Gopal RaiFIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 15:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed