चीन-PAK की बोलती बंद रूस की मदद से भारत की दुश्मनों को टेंशन देने की तैयारी

चीन और पाकिस्‍तान को टेंशन देने के लिए भारतीय नौसेना ने तैयारी पूरी कर ली है. इस महीने भारत को मिसाइल गाइडेड युद्धपोतो मिलने जा रहा है, जिसके बाद भारतीय नौसेना की ताकत काफी ज्‍यादा बढ़ जाएगी.

चीन-PAK की बोलती बंद रूस की मदद से भारत की दुश्मनों को टेंशन देने की तैयारी
नई दिल्ली. चीन और पाकिस्‍तान के सटे बॉर्डर पर भारत के लिए हर वक्‍त खतरा बना रहता है. यह दोनों ही देश अपने नापाक इरादे एलएसी और एलओसी पर अमल में लाने की कोशिशों में लगे रहते हैं. जिसके चलते भारतीय सेना हमेशा अतिरिक्‍त सावधानी के साथ इन सीमाओं पर पड़ोसियों के साथ डील करती हैं. दोनों पड़ोसियों की हर चाल को फेल करने के लिए भारत की तैयारी पक्‍की है. भारत को इस महीने के अंत तक रूस में बने अपने दो गाइडेट मिसाइल युद्धपोतों में से पहला मिलने वाला है. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण लंबे समय से हो रही देरी के बाद अंतत: अब भारत को इसकी डिलीवरी होगी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 4 हजार टन वाला यह युद्धपोत इस वक्‍त रूस के कलिनिनग्राद के यंतर शिपयार्ड में खड़ा है. फिलहाल 200 से ज्‍यादा भारतीय नौसिक और अधिकारी इसका जायजा ले रहे हैं. महीने के अंत तक इसे भारत को सौंप दिया जाएगा. इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा इस युद्धपोत को आईएनएस तुशील के रूप में भारतीय नौसेना में कमीशन किया जाएगा. दिसंबर की शुरुआत में यह युद्धपोत भारत पहुंचने वाला है. दावा किया जा रहा है कि दूसरा युद्धपोत अगले साल की शुरुआत में भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा. जैसे ही ये युद्धपोत भारतीय नौसेना में शामिल होंगे, पड़ोसी देश चीन और पाकिस्‍तान की नाक में दम होना तय है. दोनों युद्धपोत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सहित अन्‍य आधुनिक हथियारों से लेस होंगे. पहले से तय समझौते के तहत भारत ने अक्टूबर 2018 में चार ग्रिगोरोविच-श्रेणी के फ्रिगेट की खरीद का सौदा रूस से किया था. इसके तहत कुल चार युद्धपोत रूस से खरीदे जाने हें. पहले दो युद्धपोत लगभग 8,000 करोड़ रुपये में भारत आयात करेगा. बाकी दो युद्धपोत रूस भारत को टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर के साथ 13,000 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ देगा. तीसरा औरा चौथा युद्धपोत भारत में ही गोवा शिपयार्ड में बनाया जाएगा. Tags: India Defence, Indian navyFIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 10:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed