स‍िंघवी और जज तुषार और बेंच के बीच बेहद द‍िलचस्‍प बहस सुप्रीम कोर्ट भी बोला

Tushar Mehta And Abhishek Manu Singhavi Argument:न्यायमूर्ति खन्ना ने विशेष रूप से आगामी चुनावों में सीएम केजरीवाल की भागीदारी और आधिकारिक कर्तव्यों में उनकी व्यस्तता से संबंधित चुनौतियों का उल्लेख किया. केजरीवाल के वकील एएम सिंघवी ने तर्क दिया कि सीएम केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं हैं और समाज के लिए कोई खतरा नहीं है, इसलिए उनकी रिहाई अनुचित नहीं होगी.

स‍िंघवी और जज तुषार और बेंच के बीच बेहद द‍िलचस्‍प बहस सुप्रीम कोर्ट भी बोला
नई द‍िल्‍ली. शराब घोटाले के आरोप में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर संभवत: नौ मई को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होगी. इसके पहले कोर्ट ने सात मई को मामले में फैसला सुनाने की घोषणा की थी. जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही है. सीएम केजरीवाल ने कोर्ट से वादा किया कि मामले में अंतरिम जमानत मिलने पर वह किसी भी आधिकारिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से परहेज करेंगे. न्यायमूर्ति खन्ना ने विशेष रूप से आगामी चुनावों में सीएम केजरीवाल की भागीदारी और आधिकारिक कर्तव्यों में उनकी व्यस्तता से संबंधित चुनौतियों का उल्लेख किया. केजरीवाल के वकील एएम सिंघवी ने तर्क दिया कि सीएम केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं हैं और समाज के लिए कोई खतरा नहीं है, इसलिए उनकी रिहाई अनुचित नहीं होगी. इसके अलावा, पीठ ने संघीय जांच एजेंसी से पूछा कि देश में चल रहे आम चुनावों के मद्देनजर सीएम को अंतरिम जमानत पर क्यों नहीं रिहा किया जा सकता है. कोर्ट ने यह भी कहा कि यह असाधारण स्थिति है और ऐसा नहीं है कि वह आदतन अपराधी हैं. जांच एजेंसी ने केजरीवाल को राहत देने का विरोध करते हुए कहा कि इससे गलत मिसाल कायम होगी. राजनेताओं को सामान्य नागरिकों की तुलना में कोई विशेष अधिकार नहीं है. मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के 10 अप्रैल के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी थी. सीएम केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में हैं. सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की अंतर‍िम जमानत पर क‍िसने दी क्‍या दलीलें सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के वकील अभ‍िषेक मनु सिंघवी से पूछा क‍ि सॉल‍िस‍िटर जनरल (SG)ने कहा साधारण आदमी पर सीएम मैं फर्क नहीं कर सकते. दूसरा क‍ि आप 9 समन के बाद भी पेश नहीं हुए. तीसरा आपकी भूमिका को लेकर ED ने बताया है. सिंघवी ने कहा क‍ि अरविंद कोई अपराधी नहीं हैं. चुनाव से पहले उनकी गिरफ्तारी की गई. सिंघवी ने कहा क‍ि सीएम के पास अगर कोई मंत्रालय नही है तो क्या वो पद संवैधानिक हो गया? LG ने भी मान्यता दी है. 2 हफ्ते पहले LG ने ही फाइल वापस कर दी की CM के हस्ताक्षर नहीं थे. सिंघवी: क्या अरविंद से समाज को खतरा है? नहीं हैं. सिंघवी: अगर मैंने समन पर न आकर अपने लिए कोई सुरक्षा ढाल बनाई है, तो आपने मुझे क्यों गिरफ्तार किया? सिर्फ 2 लोगों के बयानों के आधार पर गिरफ़्तार किया गया, उनके पास कोई मैटेरियल नहीं था. केजरीवाल सीबीआई के सामने पेश हुए थे और जवाब भी दिया था. ईडी के समन का जवाब भी दिया. सिंघवी: चंद्रबाबू नायडू को कुछ महीने पहले प्रेस इंटरव्यू या सार्वजनिक टिप्पणी ना देने की शर्तों के साथ सामान्य जमानत दी गई. सिंघवी: 21 मार्च को गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं था. सुप्रीम कोर्ट: क्या आप ऑफिस जाकर बैठकों में भाग लेंगे, क्या आप फाइलों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं? सिंघवी: मैं आबकारी मामले से नहीं कुछ करूंगा, वो वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं_ सुप्रीम कोर्ट: पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते, और अगर मैं आपको अंतरिम जमानत देता हूं, तो आपका कार्यालय में उपस्थित होना कितना उचित है. इसके कई प्रभाव हो सकते हैं. जस्टिस दत्ता – हम सिर्फ चुनाव के लिए अंतरिम बेल पर विचार कर रहे हैं. अगर चुनाव ना होते तो हम फैसला रिजर्व करते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा क‍ि हम आपको चुनाव को लेकर अंतरिम जमानत पर सुनवाई कर रहे थे, लेकिन अगर आप मुख्य मुद्दे पर बहस करना चाहते है तो आप करें. आज केवल 2.30 तक ही बेंच बैठी है. फिर मामले की सुनवाई गर्मियों की छुट्टियों के बाद करेंगे. SG: अरविंद कोई फाइल नहीं करते है. सिंघवी: मैं रोज 10 फाइल पर हस्ताक्षर करता हूं. SG: कई फैसले है जिसमें जमानत देते हुए अदालत ने राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने को मना किया है. अरविंद गंभीर मामले में आरोपी है. SG: आरपी एक्ट कहता है की राइट टू वोट भी निलंबित हो जाता है अगर आप न्यायिक हिरासत में रहते है तो SG: आप नेताओं को एक अलग क्लास में मत रखे. कानून की नजर में सभी समान हैं. इन्हें अलग क्लास मत बनाइए. जस्टिस खन्ना: हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि अगर हम आपको अंतरिम जमानत पर रिहा करते हैं तो हम नहीं चाहते कि आप आधिकारिक कर्तव्य निभाएं. SG: आप फैक्ट्स पर सुनवाई करें. अदालत को यह बताया की चुनाव के पहले इन्हें गिरफ्तार किया गया. SG मेहता: जिन फैसलों का हवाला दिया जा रहा है वो सभी अंतिम आदेश थे. उनका कहना है कि यह मेरा मौलिक अधिकार है, लेकिन भोजन का अधिकार भी मौलिक अधिकार है. बड़ी संख्या में लोग जेल में सड़ रहे हैं. क्या आम आदमी का अधिकार कम है? SG: मेरी जानकारी के मुताबिक, अदालत ने आज तक ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है. ये बिना किसी मंत्रालय के मुख्यमंत्री है. सिंघवी बताए कि केजरीवाल काम क्या करते है. SG मेहता: पहले दिल्ली चुनाव की बात होती थी. अब वे पंजाब चुनाव की बात करने लगे हैं. कृपया राजनीतिक नेताओं को अलग वर्ग मत बनाइए. जेल में कंपनियों के एमडी हैं, वे कह सकते हैं कि कंपनी दिवालिया होने जा रही है और अंतरिम जमानत मांग सकते हैं. Tags: Arvind kejriwal, Delhi liquor scam, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : May 7, 2024, 20:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed