OPINION: राहुल गांधी क्या पिता के दाग को धुलने की कोशिश कर रहे

राहुल गांधी ने कहा कि हम भारत में सिखों के गुरुद्वारे जाने की स्वतंत्रता चाहते हैं. उन्होंने एक ऐसा मुद्दा उठाया जो वास्तव में कोई मुद्दा है ही नहीं.

OPINION: राहुल गांधी क्या पिता के दाग को धुलने की कोशिश कर रहे
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अमेरिका में बीजेपी और मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला. इस दौरान सिखों का भी जिक्र किया. राहुल गांधी ने कहा कि भारत में हमारी लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या सिखों को पगड़ी पहनने की इजाजत मिलेगी या वो स्वतंत्रत रूप से गुरुद्वारे में जा सकते हैं या कड़ा पहन सकते हैं? राहुल गांधी के इस बयान पर बहस छिड़ गई है. बीजेपी हमलावर है और कांग्रेस की सरकार में हुए सिख विरोधी दंगों की तस्वीरें दिखा रही है. कुछ लोग राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी के एक भाषण का भी जिक्र कर रहे हैं. राजीव गांधी का 40 साल पुराना वो भाषण आजतक कांग्रेस को दर्द देता है. राजीव गांधी ने सिखों पर क्या कहा था? साल 1984 में इंदिरा गांधी की उनके ही अंगरक्षकों ने जान ले ली. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस ने उनकी विरासत संभालने के लिए राजीव गांधी को आगे किया. तब तक उन्हें सियासत की कोई खास समझ नहीं थी. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली और आसपास के इलाकों में सिख विरोधी दंगे शुरू हो गए. कांग्रेस के कुछ नेताओं ने दंगों को हवा दी. इंदिरा की हत्या के ठीक 20वें दिन उनका जन्मदिन था. कांग्रेस ने इस मौके को भुनाने का फैसला किया. इंडिया गेट के करीब बोट क्लब में एक बड़ी रैली रखी. यह आयोजन इसलिये महत्वपूर्ण था क्योंकि राजीव गांधी पहली बार किसी रैली को संबोधित करने जा रहे थे. 19 नवंबर 1984 को झक सफेद कुर्ता पहने राजीव मंच पर पहुंचे. थोड़ी देर बाद माइक उनके हाथ में था. राजीव गांधी का पूरा संबोधन इंदिरा गांधी की हत्या और उसके बाद पैदा हुई स्थिति के इर्द गिर्द था. उन्होंने सिख विरोधी दंगों पर कुछ खास नहीं बोला. राजीव गांधी ने कहा, ‘गुस्से में उठाया गया कोई कदम पूरे देश के लिए नुकसानदायक होता है. कई बार हम जाने अनजाने ऐसे लोगों की मदद करते हैं जो देश को बांटना चाहते हैं…’ इसके बाद राजीव माइक के और करीब आए और कहा, ”मुझे मालूम है कि लोगों के अंदर कितना गुस्सा है, लेकिन जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो आसपास की धरती हिलती है…” एक तरीके से राजीव गांधी इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों के कत्ल को जायज ठहरा रहे थे. राजीव गांधी का यह बयान अगले दिन अखबारों में छपा. सिखों की नुमाइंदगी करने वाली तमाम संस्थाओं ने राजीव और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. बाद के दिनों में कांग्रेस ने राजीव गांधी के इस बयान पर कई बार सफाई देने की कोशिश की. पर आजतक उसका दाग कांग्रेस के दामन से छूट नहीं पाया. क्या पिता के दाग को धुल रहे राहुल? भारत में न तो सिखों के गुरुद्वारे में जाने पर पाबंदी है और न ही पगड़ी-कड़ा पहनने पर. राहुल गांधी ने जिस अमेरिका की धरती से सिखों का नाम लिया, कम से कम उन्हीं की एक रिपोर्ट पढ़, देख, सुन लेते तो ऐसा कहने की जरूरत ही नहीं पड़ती. अमेरिका का एक मशहूर थिंक टैंक है- प्यू रिसर्च सेंटर. कुछ महीने पहले इस सेंटर ने एक सर्वे किया. जिसमें 95 फीसदी सिखों ने कहा कि उन्हें भारतीय होने पर गर्व है और उनके साथ किसी भी तरह का धार्मिक भेदभाद नहीं है. ऐसे में सवाल है कि राहुल गांधी सिखों के साथ किस भेदभाद की बात कर रहे हैं? वो भी अमेरिका की धरती से, जहां गुरुपतवंत सिंह पन्नू जैसे खालिस्तानी पंजाब को भारत से अलग करने का नारा देते हैं. जिस कांग्रेस की सरकार में सिखों का कत्लेआम हुआ, पार्टी के सर्वेसर्वा ने कत्ल को जायज ठहराया, उस पार्टी अब सिख क्यों याद आ रहे हैं? ऐसे मुद्दे पर जो कोई ”मुद्दा” है ही नहीं. क्या इस बहाने राहुल गांधी अपने पिता के दामन पर लगे 40 साल पुराने दाग को धुलने की कोशिश कर रहे हैं? Tags: Congress, Rahul gandhi, Sikh CommunityFIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 17:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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