सपा-भाजपा में हर घर तिरंगा यात्रा को लेकर छिड़ी रार खुद को बड़ा राष्ट्रवादी साबित करने में जुटे
सपा-भाजपा में हर घर तिरंगा यात्रा को लेकर छिड़ी रार खुद को बड़ा राष्ट्रवादी साबित करने में जुटे
उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भाजपा (BJP) में तिरंगा यात्रा को लेकर रार छिड़ गई है. योगी सरकार ने 11 अगस्त से 17 अगस्त तक स्वतंत्रता सप्ताह मनाने की घोषणा की है.
हाइलाइट्सहर घर तिरंगा यात्रा को लेकर गजब का उत्साहसमाजवादी पार्टी और भाजपा के कार्यकर्ता हुए सक्रिय खुद को बड़ा राष्ट्रवादी बताने में जुटे हैं राजनीतिक दल
ममता त्रिपाठी
नई दिल्ली. देश आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर इस साल आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, केंद्र की मोदी सरकार इसे एक भव्य आयोजन के रूप में कभी ना भूलने वाले जश्न के तौर पर मनाना चाहती हैं तो वहीं इस मुद्दे पर जमकर सियासत चालू हो गई है. सारे विपक्षी दल खुद को बड़ा राष्ट्रवादी साबित करने में जुट गए हैं.
उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भाजपा (BJP) में तिरंगा यात्रा को लेकर रार छिड़ गई है. केंद्र सरकार ने 13-15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान की घोषणा की है, साथ ही सूबे की योगी सरकार ने 11 अगस्त से 17 अगस्त तक स्वतंत्रता सप्ताह मनाने की घोषणा की है. इसी बीच सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से बड़ी संख्या में 9 अगस्त-15 अगस्त तक हर घर पर तिरंगा फहराने की अपील की है.
भाजपा की जननीतियों ने मजबूर किया
इसके साथ ही दोनों दलों की तरफ से जुबानी जंग शुरू हो गई है. भाजपा नेता और प्रवक्ता मनीष शुक्ला का कहना है कि ये अच्छी बात है कि सारे दल तिरंगे का सम्मान कर रहे हैं और इस तरह के अभियान शुरू कर रहे हैं. भाजपा की जननीतियों ने मजबूर तो कर दिया कि जो दल तुष्टीकरण की बात करते थे वो अब राष्ट्रवाद की बातें कर रहे हैं. सैफई महोत्सव कराने वाले तिरंगा लेकर चल रहे हैं ये अच्छी बात है, योगी और मोदी की अन्य अच्छी बातों का भी अनुसरण करना चाहिए. साथ ही आतंकवादियों के हितैषी ना बनकर ऐसे लोगों से दूर भी रहना चाहिए. भारतीय जनता पार्टी अच्छी बातों का हमेशा स्वागत करती है.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश, देश का सबसे बड़ा सूबा है, 25 करोड़ की आबादी है इस प्रदेश की और प्रधानमंत्री खुद यूपी के काशी से ही सांसद हैं. ऐसे में हर घर तिरंगा अभियान यूपी के लिए काफी महत्वपूर्ण बन जाता है. सारे विपक्षी दलों को लगता है कि भाजपा इस अभियान के जरिए राष्ट्रवाद के मुद्दे पर जनता का दिल जीत लेगी और 2024 के लोकसभा चुनावों में इसे मुद्दे के तौर पर भुनाएगी. इसलिए तिरंगा यात्रा को लेकर सभी राजनीति दलों में होड़ मची है.
‘भाजपा को क्या मालूम कि तिरंगे की शान क्या होती है’
सपा नेता और प्रवक्ता राजीव राय कहते हैं कि समाजवादी पार्टी ने हर घर तिरंगा यात्रा की 9 अगस्त से करने की शुरुआत इसलिए की है क्योंकि 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई थी. आरएसएस ने उस वक्त तिरंगे का अपमान किया था, भाजपा को क्या मालूम कि तिरंगे की शान क्या होती है? समाजवादी पार्टी शुरू से ही राष्ट्र के हित में सोचती आई है और जब जब मौका मिला सपा ने देश को सबसे आगे रखा है निजी हितों को पीछे. भाजपा के लोग ये फैला रहे हैं कि समाजवादी पार्टी ने भाजपा का मुद्दा चुरा लिया है. ये बात सरासर गलत है. तिरंगा जितना उनका है उतना ही हमारा है और प्रत्येक देशवासी का है. हमें ऐसे लोगों से जो अंग्रेजों से पेंशन लेते रहे, सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं हैं.
दिल्ली में बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा झंडा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी घोषणा की है कि 4 अगस्त को दिल्ली में दुनिया का सबसे बड़ा झंडा बनाया जाएगा, इस झंडे को स्कूली बच्चों की मदद से दिल्ली सरकार बनावाएगी.
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि सारा देश जानता है कि कांग्रेस पार्टी का देश की स्वतंत्रता में कितना बड़ा योगदान रहा है इसलिए हमें इस तरह के इंवेट मैनेजमेंट की जरूरत नहीं है..जनता समझदार है.
चाहिए होंगे 25 करोड़ तिरंगे
केंद्र सरकार की हर घर तिरंगा अभियान के पीछे मंशा सिर्फ इतनी है कि देश का हर नागरिक व्यक्तिगत रूप से उस लम्हे को महसूस कर सके, लेकिन खुद को बड़ा राष्ट्रभक्त साबित करने की होड़ में सभी दल उस भावना के साथ खेलने में लग गए हैं. हर घर तिरंगा अभियान के चलते देश में तिरंगे की मांग ने भी तेजी पकड़ ली है. इस अभियान के लिए अलगृअलग आकार के करीब 25 करोड़ तिरंगों की जरूरत पड़ेगी.
तैयार किए जा रहे हैं तीन आकार के झंडे
व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि पूरे देश में करीब 4-4.50 करोड़ तिरंगे ही फिलहाल उपलब्ध होंगे. हर घर तिरंगा यात्रा के लिए करीब 25 करोड़ तिरंगों की जरूरत होगी. आपको बता दें कि इस अभियान के लिए तीन प्रकार के तिरंगे प्रयोग में लाए जाएंगे और इनकी कीमत भी 10 रुपये से लेकर 150 रुपये तक होगी. मुख्य रूप से तीन आकार के झंडे तैयार किए जा रहे हैं. एक आकार 20 गुणे 30, दूसरा आकार 16 गुणे 24, तीसरा 6 गुणे 9 का हो सकता है.
तिरंगा बनाने वालों को मिलेगी सब्सिडी
केंद्र सरकार के आदेशानुसार कपड़ा मंत्रालय तिरंगा बनाने वालों को ज्यादा मात्रा में कपड़ा उपलब्ध कराएगा साथ ही सब्सिडी भी दी जाएगी. इसके अलावा केंद्र और राज्य के खादी और ग्रामोद्योग विभाग भी भारी मात्रा में खादी के तिरंगा झंडे बनाएंगे और कंपनियां सीएसआर फंड का इस्तेमाल झंडों की खरीद में कर सकती हैं. कारपोरेट घराने अपने कर्मचारियों को मुफ्त में झंडे देंगे ताकि वो अपने घरों पर उसे फहरा सकें.
200 करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान
चूंकि ये अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है ऐसे में झंडों की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है जिसको देखते हुए मैन मेड पालिस्टर झंडा बनाने की इजाजत भी दी गई है. साथ ही भारत ध्वज संहिता में कुछ बदलाव भी किए गए हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस अभियान से जुड़ सकें. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले 15 दिनों में हर घर तिरंगा अभियान के तहत झंडों का करीब 200 करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है, जिसका फायदा लघु और कुटीर उद्योग व्यापारियों को होगा.
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Tags: BJP, Samajwadi party, Tiranga yatraFIRST PUBLISHED : July 29, 2022, 17:23 IST