क्लाइमेट चेंज से बढ़ा जंगलों पर खतरा एक्सपर्ट्स का दावा- तेज गर्मी से हो रही अजीबो-गरीब घटनाएं
क्लाइमेट चेंज से बढ़ा जंगलों पर खतरा एक्सपर्ट्स का दावा- तेज गर्मी से हो रही अजीबो-गरीब घटनाएं
पर्यावरणविदों का कहना है कि भीषण गर्मी (Heat Wave) से जंगल में आग (Forest Fire) लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं. अब लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हर तरह के उपकरणों का इस्तेमाल करना होगा. एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि हाल के समय में दुनिया के कई इलाकों में भीषण गर्मी पड़ने की कुछ असाधारण घटनाएं सामने आई हैं.
कैनबरा. जलवायु परिवर्तन की समस्या के कारण ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया भर के जंगलों में एक नई तरह की भीषण आग की घटनाएं देखने को मिल रही हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन भीषण आग की घटनाओं से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हमें सभी प्रकार के उपकरणों का इस्तेमाल करना होगा. हाल के समय में दुनिया के कई इलाकों में भीषण गर्मी पड़ने की कुछ असाधारण घटनाएं सामने आई हैं. दुनिया भर में 20वीं शताब्दी के मध्य से भीषण गर्मी पड़ने की घटनाओं की तीव्रता, आवृत्ति और अवधि में वृद्धि हुई है और ये परिवर्तन काफी तेजी से हो रहे हैं.
रिसर्च से यह पता चलता है कि जलवायु पर मानव की गतिविधियों के प्रभाव के बिना यह संभव नहीं है. शोध के मुताबिक मौजूदा समय में जन्म लेने वाला बच्चा अपनी 80 साल की उम्र तक हर साल भीषण गर्मी की अवधि के 30 से 50 अतिरिक्त दिन देख सकता है, जो अवधि मौजूदा समय में लगभग चार से 10 दिन है.
जलवायु परिवर्तन से ऑस्ट्रेलिया में पड़ रही तेज गर्मी
ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी राज्य जैसे विक्टोरिया और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया पहले से ही सबसे भीषण गर्मी का अनुभव कर रहे हैं. पूरे यूरोप में पड़ने वाली भीषण गर्मी के दौरान अधिकतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है, जबकि कुछ क्षेत्रों में इस सदी के अंत तक ऐसा समय आएगा जब भीषण गर्मी का दौर दो महीने तक चलेगा. केवल अगले 20 सालों में, अमेरिका 20वीं सदी के उत्तरार्ध की तुलना में हर दशक में भीषण गर्मी के तीन से पांच अधिक दौर का अनुभव करेगा. दुनिया के कई क्षेत्रों में भीषण गर्मी पड़ने के कारण सूखा पड़ने की घटनाओं में भी वृद्धि होने की आशंका है.
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ऑस्ट्रेलिया की ‘ब्लैक समर’ आपदा के बाद इस समस्या से निपटने के लिए ‘रॉयल कमीशन’ नामक एक आयोग का गठन किया गया, जिसने बदलती जलवायु के परिणामस्वरूप जंगलों में आग लगने की घटनाओं में लगातार हो रही वृद्धि का सामना करने के लिए आपदा प्रबंधन क्षमताओं में सुधार करने की तत्काल आवश्यकता की ओर इशारा किया है. यह तीन तरीकों से किया जा सकता है: पहला, समुदायों और पारिस्थितिक तंत्रों तक आग को पहुंचने से रोकना; दूसरा, समुदायों और पारिस्थितिक तंत्रों के आग के संपर्क में आने को सीमित करना; तीसरा, आग लगने को ही रोकना.
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Tags: Climate Change, Forest fireFIRST PUBLISHED : October 26, 2022, 18:20 IST