यहां एक साथ होंगे श्री राम के कई प्रसंगों के दर्शन श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़
यहां एक साथ होंगे श्री राम के कई प्रसंगों के दर्शन श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़
Manas Darshan Chitrakoot: चित्रकूट के तुलसी पीठ के पास बने मानस दर्शन के हर रोज हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं. और भगवान श्री राम के प्रमुख प्रसंगों का चलचित्र के माध्यम से दर्शन करते हैं. इस मानस दर्शन के अंदर प्रभु श्री राम का विवाह, वनवास काल, गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा लिखी गई रामायण के साथ-साथ अन्य कई चलचित्र उपलब्ध है. इसको देखने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से मानस दर्शन पहुंचते हैं.
विकाश कुमार /चित्रकूट: धर्मनगरी चित्रकूट प्रभु श्री राम की तपोस्थली रही है. क्योंकि, यहां प्रभु श्री राम ने अपने वनवास काल के साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए थे. ऐसे में प्रभु श्री राम का चित्रकूट से अटूट नाता भी रहा है. आज हम चित्रकूट के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आपको एक ही जगह पर श्री राम के प्रसंगों का चलचित्र के माध्यम से दर्शन मिल जाएगा. मंदिर का निर्माण पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कराया है.
चित्रकूट के तुलसी पीठ के पास बने मानस दर्शन के हर रोज हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं. और भगवान श्री राम के प्रमुख प्रसंगों का चलचित्र के माध्यम से दर्शन करते हैं. इस मानस दर्शन के अंदर प्रभु श्री राम का विवाह, वनवास काल, गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा लिखी गई रामायण के साथ-साथ अन्य कई चलचित्र उपलब्ध है. इसको देखने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से मानस दर्शन पहुंचते हैं.
ऐसे पहुंचे मानस दर्शन
अगर आप मानस दर्शन के लिए जाना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले चित्रकूट रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा. इसके बाद ऑटो पकड़कर आपको तुलसी पीठ पहुंच जाना है. इसके बगल में यह मंदिर बना हुआ है. अगर इसकी दूरी की बात की जाए तो यह चित्रकूट रेलवे स्टेशन से लगभग 12 किलोमीटर दूर है.
मंदिर के स्टाफ ने दी जानकारी
मंदिर के रामानंद बागी ने बताया कि मंदिर का निर्माण जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी के द्वारा कराया गया है. इसमें उन्होंने हिंदू संस्कृति को विश्व स्तर तक इस मंदिर के माध्यम से पहुंचाने का प्रयास किया है. यहां सभी प्रकार के लोग दर्शन के लिए आते हैं. इन चल चित्रों का दर्शन कर के राम मय हो जाते हैं. इस मंदिर में चलचित्र के माध्यम से प्रभु श्री राम के प्रमुख प्रसंगों को दिखाया गया है. यह मंदिर बनवाने का मुख्य उद्देश्य है कि बड़े से लेकर बच्चों तक रामायण व प्रभु श्री राम के प्रमुख प्रसंग पहुंचे.
Tags: Chitrakoot News, Dharma Aastha, Dharma Culture, Local18FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 15:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed