सिंगल ग्रेनाइड पर उकेरी गई है नेताजी की प्रतिमा 100 फीट लंबे ट्रक से लाया गया पत्थर पढ़ें 5 बातें
सिंगल ग्रेनाइड पर उकेरी गई है नेताजी की प्रतिमा 100 फीट लंबे ट्रक से लाया गया पत्थर पढ़ें 5 बातें
Netaji Subhas Chandra Bose Statue: 28 फुट ऊंची यह प्रतिमा ग्रेनाइट पत्थर पर उकेरी गई है. 65 मीट्रिक टन यह प्रतिमा उसी जगह स्थापित की गई है, जहां बीते 23 जनवरी को पराक्रम दिवस पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था. ये दोनों निर्माण कार्य सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गुरुवार शाम को सेंट्रल विस्टा एवेन्यू (Central Vista Avenue Inauguration) का उद्घाटन करेंगे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री इंडिया गेट (India Gate) पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा (Netaji Subhas Chandra Bose Statue) का भी अनावरण करेंगे. 28 फुट ऊंची यह प्रतिमा ग्रेनाइट पत्थर पर उकेरी गई है. 65 मीट्रिक टन यह प्रतिमा उसी जगह स्थापित की गई है, जहां बीते 23 जनवरी को पराक्रम दिवस पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था. ये दोनों निर्माण कार्य सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. इससे पहले जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन की छत पर बनाए गए अशोक स्तंभ का भी अनावरण कर चुके हैं.
कैनोपी में पीएम मोदी के आगमन की शुरुआत पारंपरिक मणिपुरी शंख ध्वनि और केरल के पारंपरिक वाद्य यंत्र से होगी. प्रतिमा के अनावरण के साथ आजाद हिंद फौज का पारंपरिक गीत ‘कदम कदम बढ़ाए जा’… की धुन बजेगी. स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान नेताजी ने सशस्त्र बल आजाद हिंद फौज का नेतृत्व किया था.
नेताजी के जीवन पर 10 मिनट का एक विशेष ड्रोन शो होगा. 9-11 सितंबर तक रात 8 बजे इंडिया गेट पर इसे देखा जा सकता है. ड्रोन शो में लोगों को फ्री एंट्री मिलेगी.
आइए जानते हैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा की 5 बड़ी बातें:- नेताजी की प्रतिमा भारत में सबसे ऊंची, यथार्थवादी, अखंड, हस्तनिर्मित मूर्तियों में एक है. कुल 280 मीट्रिक टन वजन वाले प्रतिमा को ग्रेनाइट के एक सिंगल ब्लॉक से उकेरा गया है. विशाल ग्रेनाइट मोनोलिथ को काटकर 65 मीट्रिक टन वजन वाली मूर्ति बनाने में 26,000 मानव घंटे से अधिक का गहन कलात्मक समय लगा. सिंगल ग्रेनाइट पत्थर को 100 फीट लंबे और 140 पहियों वाले ट्रक की मदद से ले जाया गया. इस ट्रक को खास तौर पर इसी उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया था. यह पत्थर तेलंगाना के खम्मम से नई दिल्ली तक 1,665 किमी की दूरी तय कर चुका है. मैसूर के पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार अरुण योगीराज के नेतृत्व में एक टीम ने पारंपरिक तकनीकों और आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके प्रतिमा को हाथ से तराशा है. जिस छतरी के नीचे प्रतिमा को पहले रखा गया था, उसमें ब्रिटेन के किंग जॉर्ज पंचम की एक प्रतिमा थी. इसे 1968 में हटा दिया गया था. दशकों तक कैनोपी में अमर जवान ज्योति थी, जिसे इस गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक मशाल की शाश्वत लौ के साथ मिला दिया गया था.
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Tags: Central Vista, Central Vista Avenue, Central Vista project, Central Vista Redevelopment Project, Netaji subhas chandra boseFIRST PUBLISHED : September 08, 2022, 18:04 IST