कनाडा को अब आया समझ क्या होता है आतंकवाद 39 साल बाद लगाया मरहम
कनाडा को अब आया समझ क्या होता है आतंकवाद 39 साल बाद लगाया मरहम
एअर इंडिया का कनिष्क विमान 23 जून 1995 को कनाडा के मांट्रियल से नई दिल्ली आ रहा था, तभी रास्ते में लंदन में लैंडिंग से करीब 45 मिनट पहले विमान में जोरदार धमाका हुआ. इस विमान धमाके में 329 लोगों की मौत हो गई थी. इस बम धमाके को आज 39 साल हो गए हैं और अब कनाडाई पुलिस ने इस पर बयान जारी किया है.
आतंकवाद क्या होता है और भारत किस तरह से खालिस्तानी आतंकियों का दंश झेल रहा है? यह कनाडा को भी अब समझ आने लगा है. एअर इंडिया के कनिष्ठ विमान में हुए बम धमाके को लेकर कनाडा पुलिस ने अब बयान जारी करते हुए इस आतंकी वारदात के पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश है.
एअर इंडिया का कनिष्क विमान 23 जून 1995 को कनाडा के मांट्रियल से लंदन के रास्ते नई दिल्ली आ रहा था, तभी रास्ते में लंदन में लैंडिंग से पहले विमान में जोरदार धमाका हुआ. इस विमान धमाके में 329 लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में अधिकतर भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक थे.
इस बम विस्फोट का आरोप सिख आतंकवादियों पर लगाया गया था. यह विस्फोट कथित तौर पर 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए किए गए ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ के बदले के रूप में किया गया था.
39 साल बाद भी जारी है जांच
इस धमाके को आज 39 साल पूरे हो गए हैं. इसकी 39वीं बरसी पर कनैडियन पुलिस ने बयान जारी करते हुए बताया कि इस मामले की जांच जारी है. रॉयल कनैडियन मॉन्टेड पुलिस में प्रशांत क्षेत्र के कमांडर डेविड टेबोल ने इस बम धमाके को देश के इतिहास में ‘कनाडाई लोगों को प्रभावित करने वाली और उनसे जुड़ी सबसे बड़ी आतंकी क्षति’ बताया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति और समर्थन की पेशकश की.
टेबोल ने कहा, ‘एयर इंडिया की जांच सबसे लंबी और निश्चित रूप से RCMP के इतिहास में की गई सबसे जटिल घरेलू आतंकवाद जांचों में से एक है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारे जांच प्रयास सक्रिय और जारी हैं.’
कनिष्क धमाके ने पीढ़ियों को प्रभावित किया
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस बम धमाके का असर ‘समय के साथ कम नहीं हुआ है’ और इससे होने वाले आघात ने पीढ़ियों को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा, ‘हमें इस त्रासदी और आतंकवाद की दूसरी घटनाओं में खोई गई उन निर्दोष जिंदगियों को कभी नहीं भूलना चाहिए.’
विमानन इतिहास में हुए सबसे बड़े आतंकी हमलों में एक कनिष्क बम धमाकों को याद करते हुए वैंकूवर में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने एक स्मृति कार्यक्रम भी आयोजित की है. भारत की तरफ से आयोजित यह श्रद्धांजलि सभा खालिस्तानी आतंकवादियों के मुद्दे पर कनाडा के साथ भारत के संबंधों में तनाव के बीच हो रही है.
आतंकवाद पर भारत-कनाडा में कलह
पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका और प्रेरित’ बताते हुए खारिज कर दिया है. भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपनी धरती से गतिविधियां चला रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों को बिना किसी रोक-टोक के जगह दे रहा है.
भारत ने बार-बार कनाडा के सामने अपनी ‘गहन चिंता’ जाहिर की है और नई दिल्ली को उम्मीद है कि ओटावा ऐसे तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेगा.
Tags: Canada, Khalistani terroristFIRST PUBLISHED : June 23, 2024, 08:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed