इधर शीशमहल पर बवाल उधर RTI से हैरानी जानिए मोदी-मनमोहन ने कितने पैसे यूज किए
इधर शीशमहल पर बवाल उधर RTI से हैरानी जानिए मोदी-मनमोहन ने कितने पैसे यूज किए
Delhi Chunav 2025: दिल्ली में कैग की रिपोर्ट के बाद अरविंद केजरीवाल भाजपा के निशाने पर हैं. शीशमहल में खर्च को लेकर भाजपा घेर रही है. इस बीच एक आरटीआई के खुलासे से यह बात सामने आई है कि पीएम मोदी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कभी भी अपने निजी खर्च के लिए सरकारी पैसे का यूज नहीं किया.
रिपोर्ट: अनिंद्या बनर्जी
Delhi Chunav 2025: दिल्ली चुनाव की मुनादी हो चुकी है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में ‘शीशमहल’ सियासी मुद्दा बन गया है. अरविंद केजरीवाल टारगेट पर हैं. अरविंद केजरीवाल के ‘शीशमहल’ पर कथित खर्च का मुद्दा गरमा गया. अरविंद केजरीवाल पर सरकारी खर्च से शीश महल बनवाने का आरोप है. भाजपा हमलावर है. आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं है. ऐसा लग रहा है कि 5 फरवरी तक आप और भाजपा इस मुद्दे पर ही भिड़ते रहेंगे. इस बीच आरटीआई से सरकारी पैसों के खर्च को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. जी हां, आरटीआई के एक खुलासे ने यह दिखाया है कि पीएम मोदी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह दोनों ने कैसे इस मामले में अरविंद केजरीवाल से अलग रुख अपनाया है.
हाल ही में दुनिया को अलविदा कहने वाले मनमोहन सिंह और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही राजनीतिक और विचारधारा की लकीर से बंटे हुए हैं. मगर सादगी भरा जीवन जीने में दोनों की सोच एक जैसी दिखती है. जी हां, एक आरटीआई खुलासे में यह बात सामने आई है कि पीएम मोदी और मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान दिवाली पर सरकारी पैसे का कभी इस्तेमाल नहीं किया. दरअसल, हाल ही में आरटीआई एक्टिविस्ट प्रफुल्ल सरदा ने जानकारी मांगी कि 2014 से 2024 (पीएम मोदी के कार्यकाल के 10 साल) और 2004 से 2013 (हाल ही में दिवंगत हुए मनमोहन सिंह के शासन के 10 साल) तक दिवाली उत्सव पर कितना खर्च हुआ? इस पूछताछ में साल दर साल खर्च का ब्योरा भी मांगा गया.
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आरटीआई में क्या खुलासा
जब आरटीआई से जानकारी सामने आई तो एक्टिविस्ट के लिए यह हैरान करने वाला था. प्रधानमंत्री कार्यालय ने आरटीआई के जवाब में बताया कि दोनों (पीएम मोदी और मनमोहन सिंह) ने अपने-अपने कार्यकाल के दौरान निजी खर्च के लिए सरकारी खाते का इस्तेमाल नहीं किया. प्रधानमंत्री कार्यालय के परवेश कुमार ने अपने जवाब में साफ तौर पर कहा, ‘प्रधानमंत्री के निजी खर्च सरकार के खाते से नहीं होते.’
आरटीआई एक्टिविस्ट ने क्या कहा
आरटीआई एक्टिविस्ट सारदा ने न्यूज़18 से कहा, ‘यह आरटीआई क्वेरी हमारे मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और यहां तक कि पार्षदों के लिए एक याद दिलाने वाली होनी चाहिए. इनमें से कई सरकारी खजाने से पैसे खर्च करने से पहले दो बार नहीं सोचते. लेकिन यहां हमारे पास दो लोग हैं- एक वर्तमान प्रधानमंत्री और एक पूर्व पीएम. इन दोनों ने 10 साल तक इस तरह की मिसाल पेश की.’ यह खुलासा ऐसे दिलचस्प समय पर हुआ है, जब दिल्ली चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है और लीक हुई कैग रिपोर्ट ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी सरकार पर दबाव बना दिया है. इसको लेकर भाजपा हमलावर है.
भाजपा का क्या है आरोप
दरअसल, बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि 2022 की कैग रिपोर्ट में सीएम आवास पर 33.86 करोड़ रुपये के खर्च का जिक्र है. भाजपा सीएम आवासा को ‘शीश महल’ कहती है. वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि वास्तविक लागत बहुत अधिक थी. उन्होंने कहा, ‘अगर बंगले में मौजूद सामानों की सूची को शामिल किया जाए तो यह रकम 75-80 करोड़ रुपये होगी.’ यहां ध्यान देने वाली बात है कि अरविंद केजरीवाल ने यूपीए और मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ लड़ते हुए एक ‘आम आदमी’ के तौर पर भारतीय राजनीति में प्रवेश किया था. बाद में उन्होंने पीएम मोदी के नीतिगत फैसलों पर भी आपत्ति जताई. अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन की उपज हैं.
Tags: Arvind kejriwal, Delhi Elections, Manmohan singh, PM Modi, Special ProjectFIRST PUBLISHED : January 9, 2025, 09:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed