दाऊद के गुर्गों को HC से राहत जज बोले- ये कानून नहीं होगा लागू जमानत भी दी
दाऊद के गुर्गों को HC से राहत जज बोले- ये कानून नहीं होगा लागू जमानत भी दी
दाऊद इब्राहिम साल 1992 में मुंबई बम धमाकों का मुख्य आरोपी है. बताया जाता है कि वो इस वक्त कराची में छुपा हुआ है. पाकिस्तान में रहते हुए वो इस वक्त अपना गिरोह भारत में चला रहा है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने दाऊद के गुर्गों को बड़ी राहत दी है.
हाइलाइट्स दाऊद इब्राहिम 1992 मुंबई बम ब्लॉस्ट का आरोपी है. दाऊद को यूएपीए के कड़े नियम के तहत आरोपी बनाया गया है. दाऊद इब्राहिम के गुर्गों को कोर्ट ने यूएपीए से राहत दे दी है.
बंबई हाईकोर्ट ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम को लेकर एक अहम जजमेंट दिया. कोर्ट ने कहा कि गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दाऊद को व्यक्तिगत रूप से आतंकवादी घोषित किया गया है. ऐसे में उससे या उसके गिरोह के साथ किसी तरह का जुड़ाव होने पर वह व्यक्ति इस कठोर कानून के प्रावधान के दायरे में नहीं आएगा. न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की बेंच ने 11 जुलाई के आदेश में महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (ATS) द्वारा अगस्त 2022 में हिरासत में लिए गए दो व्यक्तियों को जमानत दे दी. आदेश का विवरण शुक्रवार को उपलब्ध हुआ.
एटीएस ने दावा किया है कि फैज भिवंडीवाला और परवेज वईद दोनों दाऊद इब्राहिम गिरोह के सदस्य थे. भिवंडीवाला के पास से 600 ग्राम गांजा जब्त किया गया था. भिवंडीवाला और वईद, दोनों पर आतंकवादी संगठन का सदस्य होने, आतंकी कृत्य करने और अपराध के लिए धन जुटाने को लेकर यूएपीए और एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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UAPA ने व्यक्ति की गतिविधियों को अलग-अलग कर दिया…
अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने चार सितंबर 2019 को एक अधिसूचना जारी कर ‘‘दाऊद इब्राहिम कासकर को यूएपीए के तहत ‘आतंकवादी’ घोषित किया था.’’ पीठ ने कहा कि यूएपीए ने व्यक्ति की गतिविधियों को अलग-अलग कर दिया है, एक ओर यह आतंकी कृत्य कहलाएगा, वहीं दूसरी ओर आतंकी गिरोह व आतंकवादी संगठन की गतिविधियां हैं.
कोर्ट ने प्रदान की जमानत…
अदालत ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि प्रथम दृष्टया, यूएपीए की धारा 20 (आतंकवादी संगठन का सदस्य होना) नहीं लगती क्योंकि दाऊद इब्राहिम कासकर को उसकी व्यक्तिगत क्षमता में आतंकवादी घोषित किया गया है.’’ पीठ ने यह भी कहा कि सरकारी वकील एस वी गावंद ने एटीएस अधिकारी के निर्देश पर बयान दिया कि आरोपपत्र में यूएपीए की धारा 17 और 18 के तहत आरोपों को स्थापित करने वाली कोई सामग्री नहीं है जो आतंकवादी कृत्य करने और अपराध के लिए धन एकत्र करने से संबंधित है. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि एक आरोपी से कथित तौर पर जब्त किया गया प्रतिबंधित मादक पदार्थ कम मात्रा में था. अदालत ने भिवंडीवाला और वईद को 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया.
Tags: Bombay high court, Dawood ibrahim, UAPA ActFIRST PUBLISHED : July 20, 2024, 19:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed