43 साल से कांग्रेस बेदम कभी नहीं लाई 240 सीट फिर BJP कैसे 3rd डिविजन

लोकसभा चुनाव 2024 में 240 सीटें लाने पर भले ही विपक्ष बीजेपी के प्रदर्शन को खराब बता रहा हो लेकिन आंकडे बताते हैं कि सत्‍ता में रहने के बावजूद पिछले 43 साल में कांग्रेस पार्टी कभी भी अपने दम पर 240 सीटें नहीं ला पाई है.

43 साल से कांग्रेस बेदम कभी नहीं लाई 240 सीट फिर BJP कैसे 3rd डिविजन
लोकसभा चुनाव परिणाम में भाजपा को उम्‍मीद से कम सीटें भले ही आई हैं लेकिन स्‍पष्‍ट बहुमत मिलने से देश में एक बार फिर एनडीए की सरकार बन रही है. पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्‍द ही देश के अगले पीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं. हालांकि चुनाव परिणामों पर मंथन और छींटाकशी अभी भी जारी है. विपक्षी पार्टियां बीजेपी कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर अलग-अलग टिप्‍पणियां कर रही हैं. यहां तक कि सोशल मीडिया से लेकर आम चर्चाओं में भी बीजेपी के लिए थर्ड डिविजन पास, जैसे-तैसे नैया पार जैसे जुमले कहे जा रहे हैं. जबकि आंकड़ों को देखें तो हकीकत कुछ और ही है. कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव रिजल्‍ट के तुरंत बाद बीजेपी की 240 सीटों को लेकर मोदी की नैतिक हार, मोदी बनाम जनता की लड़ाई या मोदी के खिलाफ मेनडेट जैसे आरोप लगाए थे. जबकि देश की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली कांग्रेस का पिछले 43 सालों का रिकॉर्ड बताता है कि पिछले 10 चुनावों में कांग्रेस कभी 240 सीट का आंकड़ा अपने दम पर नहीं छू पाई है. भले ही कांग्रेस ने यूपीए गठबंधन के तहत सबसे ज्‍यादा समय तक देश में शासन किया है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि कांग्रेस पिछले 10 चुनावों में जनता की नजर में फिसड्डी ही साबित हुई है. जबकि बीजेपी ने 2014 से लेकर 2024 तक के चुनावों में अपने दम पर बंपर सीटें जीती हैं. . साल 1989 में हुए नौवें आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्‍व में चुनाव लड़ी देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को सिर्फ 197 सीटें ही मिली थी. . राजीव गांधी की हत्‍या के बाद 1991 के हुए दसवें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की लहर होने के बाद भी इस पार्टी को 521 में से सिर्फ 232 सीटें ही मिली थीं, जो बीजेपी की इस बार की 240 सीटों से भी 8 सीटें कम है. . 1996 में हुए चुनाव में कांग्रेस 140 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर आ गई थी, जबकि भाजपा को अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्‍व में 161 सीटें मिली थीं. . 1998 में भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर 543 में से 182 सांसदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी. जबकि कांग्रेस इस बार भी 141 सीटों पर‍ सिमट गई. . 1999 में फिर हुए चुनाव में बीजेपी को 182 सीटें मिलीं और कांग्रेस घटकर 114 पर पहुंच गई. . साल 2004 में एक बार फिर कांग्रेस सत्‍ता में आई और सोनिया गांधी ने यूपीए गठबंधन कर सरकार बनाई. हालांकि इस बार भी कांग्रेस के पास सीटें सिर्फ 145 ही थीं. .2009 में कांग्रेस फिर सत्‍ता में आई और 204 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. हालांकि यह आंकड़ा भी बीजेपी के 240 से काफी पीछे रहा. . 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने करिश्‍मा कर दिया और नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुए चुनाव में 282 सीटें बीजेपी के खाते में आईं. जबकि कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं. . 2019 में भी कांग्रेस 52 सीटों पर सिमट गई और मुख्‍य विपक्षी पार्टी भी मुश्किल से बन पाई, जबकि इस साल में बीजेपी ने रिकॉर्ड तोड़ 303 सीटें हासिल कीं. . 2024 के आंकड़े सभी के सामने हैं, जबकि बीजेपी को 240 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस के पास अपने दम पर 99 सीटें हैं. बीजेपी नहीं कांग्रेस रही थर्ड डिविजन पास! ऐसे में बीजेपी के 400 पार के नारे के चलते 240 सीटें आने पर भले ही लोग बीजेपी को थर्ड डिविजन पास कह रहे हों लेकिन आंकड़ों में पिछले 43 साल से कांग्रेस ही पिछड़ रही है और 240 के आंकड़े को नहीं छू पाई है. Tags: All India Congress Committee, BJP, BJP Congress, Congress, PM Modi, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 10:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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