BJP ने पहले चल दी कांग्रेस वाली चाल हमलावर हाथ सफाई देने की मुद्रा में
BJP ने पहले चल दी कांग्रेस वाली चाल हमलावर हाथ सफाई देने की मुद्रा में
माहाराष्ट्र झारखंड विधानसभा चुनाव - बीजेपी ने महाराष्ट्र और झारखंड विधान सभा चुनावों में कांग्रेस के दाव से ही उसे घेर दिया है. संविधान में बदलाव और आरक्षण के मसले पर लोकसभा चुनाव में बीजेपी को घेरने वाली कांग्रेस अब इन्ही मसलों पर सफाई दे रही है.
बीजेपी ने लोकसभा चुनावों से गंभीर सबक लिया.पार्टी दिग्गज लगातार कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संविधान और आरक्षण के नाम पर घेरते दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने संविधान के नाम पर लाल रंग की कोरे पन्नों वाली किताब बंटवा कर संविधान का अपमान किया. तो अमित शाह संदेश दे रहे हैं कि गैर भाजपा सरकार बनने पर कांग्रेस पिछड़ों और दलितों का कोटा अल्पसंख्यकों में बांट देगी, जिसका खामियाजा इन वर्गों को भुगतना पड़ेगा.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का नैरेटिव
कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के दौरान ये नैरिटिव जोर शोर से खड़ा किया था कि बीजेपी लोक सभा में 400 सीटें इसलिए जीतना चाहती है कि वो संविधान में संशोधन कर आरक्षण खत्म कर सके. देश भर में ये नैरेटिव भले ही बहुत असरदार न हुआ हो लेकिन यूपी में प्रभावी रहा. यूपी के वोटरों को बीजेपी के सांसद लल्लू सिंह की तरफ से एक गवाही भी मिल गई. उनका एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्हें आरक्षण खत्म करने की बात कहते हुए सुना गया.
बीजेपी को नुकसान हुआ था
उत्तर प्रदेश में दलित और पिछड़े वर्ग ने बीजेपी का साथ तकरीबन छोड़ ही दिया. नतीजा राहुल और समाजवादी पार्टी के हक में रहा. बीजेपी को राज्य में 29 सीटों का नुकसान हुआ. राहुल गांधी लगातार लाल रंग की संविधान की किताब अपने साथ लिए वोटरों के बीच घूमते रहे. उस वक्त उनका नारा था संविधान को बचाना है. उन्होंने इस किताब को हासिल करने उसे साथ रखने जैसे मसलों पर पत्रकारों से खूब चर्चा भी की. बीजेपी के रणनीतिकार या तो उस वक्त इसकी संजीदगी को समझ नहीं सके थे. या फिर इसकी काट खोजने में उस समय नाकाम रहे.
संविधान किताब के तौर पर भले ही भारतीय मतदाताओं के हाथों में नहीं होता, लेकिन उससे मिली सुरक्षा का अहसास वोटरों को निश्चित तौर पर है. खासकर वंचित वर्ग के लोगों आरक्षण की व्यवस्था से अस्तित्व जोड़ कर देखते हैं. जब उन्हें अंदेशा हुआ कि आरक्षण पर खतरा है तो उनका रिएक्ट करना नेचुरल था. इसे बीजेपी ने लोकसभा नतीजों का मंथन करने के दौरान अच्छे से समझा.
अब कांग्रेस दे रही सफाई
अब पार्टी ने कुछ ऐसी रणनीति तैयार की जिसका जवाब देना राहुल और कांग्रेस दोनों के लिए मुश्किल हो रहा है. इस बार सबसे पहले पीएम मोदी ने आपातकाल की तारीख 25 जून को संविधान हत्या दिवस के तौर पर मनाने की भी घोषणा कर दी. फिर महाराष्ट्र में एक चुनावी सभा में उन्होंने आरोप लगाए कि राहुल गांधी ने भारतीय संविधान के नाम पर कोरे पन्नों वाली किताब बंटवा कर बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया है.
बीजेपी को मालूम है कि महाराष्ट्र को बाबा साहेब के अपमान की बात बहुतत प्रभावित करती है. इस बार राहुल के विरोध में कुछ वीडियो भी बीजेपी के सोशल हैंडलों से शेयर हुए. ये वीडियो महाराष्ट्र का ही बताया गया. नागपुर में राहुल गांधी ने संविधान सम्मेलन का आयोजन किया था और वहां संविधान की प्रतियां बांटी गई थी.
प्रधानमंत्री मोदी के बाद शाह ने किया हमला
इसके बाद प्रधानमंत्री ने इस मसले को माराष्ट्र में अपने चुनावी भाषणों में सलीके से उठाया. उसके बाद छतरपुर में गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के छतरपुर की चुनावी सभा अपने भाषण का फोकस इसी पर रखा. उन्होंने सीधे तौर पर कह दिया कि राहुल गांधी संविधान की नकली किताब बांट कर बाबा साहेब का अपमान कर रहे हैं. शाह ने ये भी कहा कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण और संविधान की बात कर रही है लेकिन संविधान से वही सबसे ज्यादा खिलवाड़ करती है. शाह ने कहा कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने महाराष्ट्र में उलेमाओं के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि मुसलमानों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिलाने में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस दलितों- पिछड़ों और आदिवासियों का हिस्सा काटकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती है.
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बीजेपी की ओर से कांग्रेस के शासन काल में बार-बार हुए संविधान संशोधन की चर्चा करते हुए कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने सबसे ज्यादा संशोधन किये हैं. साथ ही इंदिरा शासन के दौरान लिए गए मनमाने फैसलों की भी चर्चा की जा रही है. कांग्रेस की तरफ से बयान दिए जा रहे हैं लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान एग्रेसिव दिखने वाली पार्टी को इस बार अपने बचाव में बयान देने पड़ रहे हैं.
Tags: Prime Minister Narendra Modi, Rahul gandhi amit shahFIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 13:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed