पापा थे नितिन गडकरी के गुरु मगर बार-बार चुनाव हारती रही बिटिया अब भाजपा

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान हुआ है. इस चुनाव में उसके एक बड़े नेता की बेटी भी हार गई. उन्हें 2019 में भी हार का सामना करना पड़ा था.

पापा थे नितिन गडकरी के गुरु मगर बार-बार चुनाव हारती रही बिटिया अब भाजपा
राजनीति में विरासत बड़ी चीज होती है. इस विरासत के जरिए कोई युवा नेता जब राजनीति में कदम रखता है तो उसकी शुरुआत वहां से होती है जहां तक एक आम कार्यकर्ता को पहुंचने में दसियों साल लग जाते हैं. आज की कहानी भाजपा के एक दिग्गज नेता की बेटी की है. एक समय उनकी गिनती भाजपा के चोटी के नेताओं में होती थी. यह बात उस दौर की है जब भाजपा देश के कुछ गिने-चुने राज्यों में क्षेत्रीय दलों का हाथ पकड़कर खड़ा होना खीस रही थी. दरअसल, हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र भाजपा के दिग्गज नेता रहे दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की. वह महाराष्ट्र में भाजपा के शीर्ष नेता थे. वह नब्बे के दशक में राज्य में पहली बार बनी भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार मे उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे. फिर वह 2014 में केंद्र की मोदी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री बनाए गए थे. लेकिन, मंत्री बनने के कुछ ही दिनों बाद उनकी एक सड़क हादसे में मौत हो गई. गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र की राजनीति में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सीनियर थे. गडकरी कई बार सार्वजनिक मंचों पर कह चुके हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बावजूद वह मुंडे का पैर छूते थे. मुंडे की मौत के पर उनकी राजनीतिक विरासत के संभालने की जिम्मेदारी उनकी दोनों बेटियों पंकजा मुंडे और प्रीतम मुंडे पर आई. मुंडे राज्य की बीड सीट से सांसद चुने गए थे. उनकी मौत के बाद 2014 में ही उपचुनाव हुआ और प्रीतम मुंडे अपने पिता की विरासत संभालने उतरी. वह 2014 और फिर 2019 में यहां से विजयी भी हुईं. फिर 2024 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. मुंडे की राजनीतिक विरासत गोपीनाथ की बड़ी बेटी पंकजा मुंडे राज्य की राजनीति में सक्रिय रहीं. वह पिता के जीवित रहते ही राजनीति में आ गई थीं. वह 2009 मे पर्ली सीट से विधानसभा पहुंची थीं. पिता गोपीनाथ के निधन के बाद 2014 में महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी. वह उस सरकार में ग्रामीण, महिला और बाल विकास मंत्री बनीं. लेकिन, 2019 आते-आते उनकी राजनीति पर शनि का प्रकोप आ गया. वह 2019 में विधानसभा की चुनाव हार गईं. इसके बाद वह राजनीतिक रूप थोड़ी अलग-थलग हो गईं. फिर 2024 में पार्टी में संभवतः परिवार से किसी एक व्यक्ति को ही टिकट देने का फॉर्मूल बनाया. इस कारण पंकजा और उनकी बहन प्रीतम में से किसी एक को ही टिकट मिल सकता था. फिर प्रीतम चुनावी राजनीति से हट गईं. पंकजा अपने पिता की संसदीय सीट बीड से मैदान में उतरीं, लेकिन इस बार भी वह हार गईं. विधान परिषद की उम्मीदवार अब भाजपा पंकजा को बैक डोर से सदन भेजने की तैयारी में है. उसने विधान परिषद चुनाव के लिए पांच उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है, जिसमें पंकजा मुंडे का नाम भी शामिल है. पंकजा मुंडे को टिकट मिलने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा कि वह बीते करीब छह साल से कोई जनप्रतिनिधि नहीं हैं. ऐसे में पार्टी ने उन्हें अब तोहफा देने की तैयारी कर ली है. पंकजा के पास संपत्ति पंकजा मुंडे के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में कुल 91 लाख 23 हजार 861 रुपये जमा हैं. विभिन्न शेयरों और म्यूचुअल फंड में उनके नाम पर कुल 1 करोड़ 28 लाख 75 हजार 694 रुपये की संपत्ति है. उनके नाम पर कोई गाड़ी नहीं है. पंकजा मुंडे की अचल संपत्ति की कीमत 96 लाख 73 हजार 490 रुपये है जबकि चल संपत्ति 6 ​​करोड़ 8 लाख 15 हजार 709 रुपये है. उन पर कुल 2 करोड़ 74 लाख 89 हजार 518 रुपये का कर्ज है. उनके पति के नाम पर 2 करोड़ 50 लाख 32 हजार 427 रुपये का बैंक लोन है. उनके पास 2.84 लाख कैश, 450 ग्राम सोना, 4 किलो चांदी और 2.30 लाख के अन्य आभूषण हैं. Tags: BJP, Maharashtra bjpFIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 18:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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