cells in the human body live the longest brain cells eye cells sperm cells

मानव शरीर के अंदर तमाम अंगों की कोशिकाएं लगातार बनती और बिगड़ती रहती हैं लेकिन कुछ ऐसी भी होती हैं जो मानव अगर 200 सालों से ज्यादा जिए तो भी काम करती मिलेगी.

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हाइलाइट्स मानव शरीर की कुछ कोशिकाएं दो दिन में मर जाती हैं लेकिन एक कोशिका 200 सालों से कहीं ज्यादा काम करने में सक्षम कुछ अंग 100 साल तक आराम से काम कर सकते हैं औसतन आपके शरीर में कोशिकाएं हर 7 से 10 साल में बदल जाती हैं लेकिन शरीर के एक हिस्से की कोशिकाएं ऐसी भी हैं, जो 200 सालों से कहीं ज्यादा समय तक काम कर सकती हैं. वैसे शरीर में कुछ अंग और भी होते हैं जो 100 से ज्यादा काम करते रह सकते हैं. न्यूट्रोफिल कोशिकाएं (एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका) केवल दो दिनों तक चल सकती हैं, जबकि आंखों के लैंस के बीच की कोशिकाएं पूरे जीवन तक रहती हैं. वैसे मानव शरीर में ज्यादातार कोशिकाएं हर 7 से 10 वर्षों में बदल जाती हैं ये कोशिकाएं ब्रेन यानि मस्तिष्क की होती हैं, जिनका जीवनकाल 200 से भी ज्यादा होता है यानि आपकी औसत उम्र से करीब तीन गुनी. मस्तिष्क कोशिकाओं विशेष रूप से न्यूरॉन्स, का जीवनकाल 200 वर्ष से अधिक हो सकता है. शोधकर्ताओं ने इसका प्रयोग चूहों पर किया. इसका परिणाम काफी बेहतर मिला 2013 में शोधकर्ताओं ने बूढ़े चूहों के न्यूरॉन्स को लंबे समय तक जीवित रहने वाले चूहों के मस्तिष्क में प्रत्यारोपित किया और पाया कि चूहे के पूरे दो जीवनकाल तक जीवित रहने के बाद भी कोशिकाएं स्वस्थ थीं. अब ये भी देखते हैं कि मानव शरीर की कौन सी कोशिकाएं कितने समय तक जीवित रहती है ब्रेन शेल्स – 200 से ज्यादा साल आंख की कोशिकाएं – ताजिंदगी हृदय मांसपेशियों की शेल्स – 40 साल आंत की कोशिकाएं – 15.9 साल खोपड़ी मांसपेशियों की कोशिकाएं – 15.1 साल वसा कोशिकाएं – 8 साल लिवर कोशिकाएं – 10-16 महीने पेंक्रियाज कोशिकाएं – 1 साल हालांकि ये कोशिकाएं खुद ब खुद ही नई कोशिकाएं बनाकर उनकी जगह लेती रहती हैं, लिहाजा हमें पता ही नहीं लगता कि ये कब बन और बिगड़ रही हैं. वैसे शरीर के कुछ अंग ऐसे हैं जो 100 से अधिक वर्षों तक काम कर सकते हैं पैर की उंगलियां: पैर की उंगलियां 100 से अधिक वर्षों तक काम करने में सक्षम होती हैं. यौन अंग: यौन अंग एक शताब्दी से अधिक समय तक कार्य करने में सक्षम हो सकते हैं. पाचन तंत्र: पाचन तंत्र अपनी भूमिका में संभावित परिवर्तनों के बावजूद 100 से अधिक वर्षों तक काम कर सकता है क्यों मानव के लिए 100 साल जीना चुनौतीभरा मानव शरीर में कई डिज़ाइन दोष और खामियां हैं जो अच्छे स्वास्थ्य में 100 वर्षों तक जीवित रहना चुनौतीपूर्ण बनाती हैं. हालांकि इस पर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं लेकिन ये बिल्कुल आसान नहीं होगा कि हमारी शारीरिक संरचना पूरी तरह दोषरहित कर दें. क्या शुक्राणु कोशिकाएं 3 दिनों में मर जाती हैं पुरुष शरीर के अंदर शुक्राणु शेल प्रजनन प्रणाली में 74 दिनों तक जीवित रह सकते हैं. स्खलित नहीं होने पर शरीर उन्हें फिर से अवशोषित कर लेता है. अलबत्ता महिला शरीर के अंदर शुक्राणु प्रजनन पथ के अंदर 5 दिनों तक जीवित रह सकता है, विशेष रूप से ओव्यूलेशन के समय गर्भाशय ग्रीवा में. शरीर के बाहर आने पर शुक्राणु कुछ ही मिनटों में मर जाते हैं, क्योंकि जीवित रहने के लिए उन्हें नम, गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है. जब कोशिकाएं लगातार बनती हैं तो हम बूढ़े कैसे हो जाते हैं अधिकांश कोशिकाएं डेड होने के साथ नया रूप लेकर जीवित होती रहता हैं. लेकिन एक समय ऐसा आता है जबकि कोशिका प्रक्रियाओं के लिए निर्देश ले जाने वाला डीएनए क्षतिग्रस्त हो जाता है और कोशिका विभाजन रुकने लगता है और इसी का नतीजा होता है कि हम बुढे होने लगते हैं और बीमारियां ज्यादा न्योता देने लगती हैं. जब हमारे शरीर की कोशिकाएं मर जाती हैं तो ये कहां जाती हैं हमारे शरीर की सतह पर या हमारी आंत की परत में मौजूद कोशिकाएं मर जाती हैं तो वहां से हटा दी जाती हैं. हमारे शरीर के अंदर फागोसाइट्स – श्वेत रक्त कोशिकाएं जो अन्य कोशिकाओं को निगल जाती हैं, वो उन्हें भी निगल लेती हैं. साथ ही कुछ मृत कोशिकाओं की ऊर्जा को अन्य श्वेत कोशिकाओं को बनाने के लिए आंशिक रूप से पुनर्चक्रित किया जाता है. हमारे शरीर में कुल कितनी कोशिकाएं मानव शरीर में करीब 37.2 ट्रिलियन कोशिकाएं होती हैं. यह संख्या एनल्स ऑफ ह्यूमन बायोलॉजी में प्रकाशित 2014 के एक अध्ययन से आई है, जिसका उद्देश्य मानव शरीर में कोशिकाओं की कुल संख्या का अधिक सटीक अनुमान प्रदान करना था. औसत वयस्क मानव शरीर में लगभग 30 ट्रिलियन मानव कोशिकाएं होती हैं. लाल रक्त कोशिकाएं अधिकांश मानव कोशिकाओं का लगभग 84% हिस्सा होती हैं. Tags: Brain science, Eye Donation, Health, Science, Science factsFIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 18:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed