गुजरात रिकॉर्ड तोड़ जीत के बाद सबसे बड़ा संकट कैसे बनेगा विपक्ष का नेता
गुजरात रिकॉर्ड तोड़ जीत के बाद सबसे बड़ा संकट कैसे बनेगा विपक्ष का नेता
गुजरात में भाजपा की प्रचंड जीत के साथ ही यह सवाल सामने है कि अब विधानसभा में विपक्ष की भूमिका कैसी होगी और बिना संख्या बल के विपक्ष का नेता कैसे बनेगा? लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका भी अहम होती है, लेकिन गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत ने सारे समीकरण बदल दिए हैं.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को गुजरात चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ जीत दिलाई है. लेकिन इस प्रचंड जीत के कारण गुजरात में बड़ा संकट पैदा हो गया है. यहां विधान सभा में औपचारिक तौर पर विपक्ष के लीडर (leader of opposition) का दर्जा पाने के लिए अनिवार्य सीटें किसी भी दल को नहीं मिली हैं. ऐसे में यह सवाल है कि गुजरात विधान सभा में विपक्ष का नेता कैसे बनेगा ? वहीं यह भी गौर करने वाली बात है कि 33 जिलों में से 21 में कोई भी कांग्रेस MLA नहीं बन पाया है. बीते चुनाव से तुलना करें तो इस बार भाजपा ने 182 में से 156 सीटें जीती हैं. उसे 2017 के मुकाबले 58 सीटों का फायदा हुआ है. वहीं, कांग्रेस को सबसे ज्यादा 60 सीटों का नुकसान हुआ है.
चुनावी आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस पार्टी ने पिछली बार 77 सीटें जीती थीं. इस बार उसे 17 सीटें ही मिली हैं. इस प्रचंड जीत के आगे सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए हैं तो गुजरात में विपक्ष पर अब तक का सबसे बड़ा संकट मंडरा रहा है. गुजरात विधान सभा में विपक्ष तो होगा, लेकिन वह बेहद कम संख्या वाला होगा. लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. अच्छी संख्या से विपक्ष मज़बूत भी होता है. विपक्ष के नेता का दर्जा अहम होता है क्योंकि इसे कई समितियों में शामिल किया जाता है.
विपक्ष का नेता के लिए जरूरी है संख्या बल
गुजरात विधान सभा में विपक्ष का नेता उस पार्टी के विधायक को बनाया जा सकता है, जिसके पास कुल सीटों 182 का कम से कम दस प्रतिशत यानी 18 विधायक हों. गुजरात में कांग्रेस मात्र 17 सीटें ही जीत पाई है. ऐसे में यहां विधान सभा अध्यक्ष की सहमति से ही विपक्ष का नेता चुना जा सकेगा. पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जीत की ऐसी मिसाल कायम कर दी है, जिसे तोड़ पाना नामुमकिन जैसा है. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के सामने बड़ी चुनौतियां भी होंगी और प्रचंड जीत के बाद जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरने का दबाव भी होगा. आधिकारिक तौर पर कहें तो गुजरात में ऐसी जीत के बाद देश भर में बड़ा संदेश गया है. यहां कांग्रेस का प्रदर्शन इतिहास में अब तक का सबसे बुरा रहा है. नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गुजरात कांग्रेस प्रभारी डॉ रघु शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
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Tags: Gujarat Election Result 2022, Leader of opposition, Pm narendra modiFIRST PUBLISHED : December 08, 2022, 22:36 IST