खबरदार! कहीं आप बाजार से सीमेंट वाला लहसुन तो नहीं खरीद लाए

Cement Made Garlic: भारत में समय-समय पर सब्जियों के भाव में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं. खासकर प्‍याज और लहसुन की कीमतें तो आसमान छू लेती हैं. गोरखधंधा करने वाले इसका फायदा उठाकर खूब चांदी काटते हैं.

खबरदार! कहीं आप बाजार से सीमेंट वाला लहसुन तो नहीं खरीद लाए
प्रीति सोमपुरा अकोला (महाराष्‍ट्र). देश में सालभर में कभी न कभी खाद्य पदार्थों खासकर सब्जियों, प्‍याज-लहसुन आदि के भाव में अक्‍सर ही वृद्धि होती है. कभी प्‍याज तो कभी टमाटर आमलोगों के किचन का जायका बिगाड़ता रहता है. उसी तरह लहसुन और अदरक भी लोगों को खून के आंसू रुलाने से बाज नहीं आता है. फिलहाल लहसुन की बारी है. सब्जियों के स्‍वाद में चार चांद लगाने वाले लहसुन के नाक इन दिनों कुछ ज्‍यादा ही टेढ़े हो चुके हैं. महाराष्‍ट्र के कई इलाकों में बरसाती मौसम में लहसुन का भाव 300 से लेकर 350 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुका है. ऐसे में कालाबाजारी और धोखाधड़ी करने वाले चांदी काटने की फिराक में हैं. इसका एक खतरनाक नमूना महाराष्‍ट्र के अकोला में सामने आया है. अकोला में सीमेंट से बने लहसुन बिकने के मामले सामने आए हैं. जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के अकोला में कुछ फेरीवाले लोगों को सीमेंट से बने नकली लहसुन बेचकर धोखा दे रहे हैं. पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त और अकोला शहर के बाजुरवे नगर इलाके में रहने वाले सुभाष पाटिल के साथ नकली लहसुन बेचकर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. उनकी पत्नी ने घर के सामने आए फेरीवाले से लहसुन खरीदा था. घर में आने के बाद वह लहसुन छीलने लगीं तो उसकी कलियां अलग ही नहीं हो रही थीं. उन्‍होंने जब इसकी छानबीन करनी शुरू की तो हैरान करने वाली बात का पता चला. दरअसल, लहसुन की कलियों को सीमेंट से बनाया गया था. इस वजह से वे आपसे में जुड़े हुए थे. कलियों को अलग करने की कोशिश की गई तो वे अलग ही नहीं हुए. हाय रे लहसुन की महंगाई! खुदरा में ₹400 प्रति किलो, थोक में एक क्विंटल का दाम ₹35000…फिर भी मुसीबत में क्‍यों किसान? महाराष्‍ट्र पुलिस विभाग से रिटायर्ड अकोला के सुभाष पाटिल की पत्‍नी ने फेरीवाले से लहसुन खरीदा था जो सीमेंट का निकला. (न्‍यूज 18 हिन्‍दी) जालसाजी का नया तरीका नकली गार्लिक खरीदकर ठगे जाने वाले पीड़ित सुभाष पाटिल ने बताया कि लहसुन की जगह सीमेंट का उपयोग किया गया था. इस नकली लहसुन पर सफेद रंग का प्रयोग किया गया था, जिससे यह असली लहसुन जैसा दिखाई दे रहा था. लोग समझ ही नहीं सके कि यह असली है या नकली. इसी का फायदा उठाकर फेरीवाले नकली लहसुन की धड़ल्‍ले से बिक्री किए जा रहा है. बता दें कि फिलहाल अकोला शहरों में लहसुन की कीमत 300 से 350 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. फरवरी में लहसुन का भाव 400 तक पहुंच गया था देशभर में फरवरी में लहसुन का भाव सातवें आसमान पर पहुंच गया था. यह आमलोगों की थाली से दूर हो चुका था. लहसुन 400 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकने लगा था, ऐसे में यह सामान्‍य लोगों की पहुंच से दूर हो गया था. लोग लहसुन खाने से परहेज करने लगे थे. हालांकि, इससे लहसुन उत्‍पादक किसान खुश थे, लेकिन उनके लिए एक नई परेशानी भी खड़ी हो गई थी. उन्‍हें अपने खेतों की रखवाली और सुरक्षा के लिए सिक्‍योरिटी गार्ड रखने पड़ रहे थे. CCTV कैमरे तक लगाने पड़ रहे थे. लहसुन की खेतों की रखवाली के लिए उन्‍नत नस्‍ल के कुत्‍तों का भी इस्‍तेमाल किया जाने लगा थ. Tags: Maharashtra News, Vegetables PriceFIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 18:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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