इस वैरायटी के केले की करें खेती बंपर उत्पादन के साथ तगड़ी होगी कमाई
इस वैरायटी के केले की करें खेती बंपर उत्पादन के साथ तगड़ी होगी कमाई
किसान विमल ने बताया कि जी 9 किस्म के केले का स्वाद अन्य किस्मों की अपेक्षा ज्यादा मीठा होता है. साधारण केले की अपेक्षा पकने में कम समय लेता है और इसमें रोगों का प्रकोप भी कम रहता है. इसका पौधा 15 से 16 रुपये में मिलता है. एक बीघे से 50 से 60 क्विंटल तक केला निकलता है और 15 से 20 हजार रुपए खर्च होता है. मुनाफा लगभग 4 लाख तक हो जाता है.
बाराबंकी. देश में खेती का ट्रेंड लगातार बदलते जारहा है. किसान पारंपरिक को छोड़कर नगदी फसलों की खेती करने पर फोकस कर रहे हैं. नगदी फसलों में केला की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है. उत्तर प्रदेश के किसान भी अब धान और गेहूं को छोड़कर बड़े पैमाने पर केला की खेती करने लगे हैं.
बाजार में केले की डिमांड सालोभर रहती है और कीमत भी अच्छी मिल जाती है. केले की अधिक पैदावार के लिए किसानों को अच्छी किस्म का चयन करना बेहद जरूरी है. केले में कुछ ऐसी किस्मे हैं, जिसकी खेती कर किसाल लाखों में मुनाफा कमा सकते हैं.
जी 9 वैरायटी के केले की खेती करते हें विमल
वैसे तो देश में केले की कई किस्में मौजूद है और किसान इसकी खेती भी कर रहे हैं. केले की खेती में जलवायु का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. किसान रोवेस्टा, बत्तीसा, जी-9 किस्म बसराई, पूवन, न्याली जैसी किस्मों की खेती कर सकते हैं. वहीं बाराबंकी जिला के कई किसान केले की खेती से मुनाफा कमा रहे हैं. उन्हीं किसान में से एक हैं मंजिठा गांव के रहने विमल, केले की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं. विमल केले की खेती से सालाना 4 लाख तक की कमाई कर रहे हैं. विमल कुमार ने बताया वैसे तो केले की खेती पिछले 12 -15 सालों से कर रहे हैं. इस समय एक एकड़ से ज्यादा की जमीन पर केला लगा है, जो जी 9 वैरायटी का केला है.
एक बीघे से 50 से 60 क्विंटल तक निकलता है केला
किसान विमल ने बताया कि जी 9 किस्म के केले का स्वाद अन्य किस्मों की अपेक्षा ज्यादा मीठा होता है. साधारण केले की अपेक्षा ये पकने में कम समय लेता है और इसमें रोगों का प्रकोप भी कम रहता है. इसका पौधा बाहर से मंगवाते हैं जो 15 से 16 रुपये में मिलता है. एक बीघे से 50 से 60 क्विंटल तक केला निकलता है. एक बीघे में 15 से 20 हजार रुपए की लागत आती है और मुनाफा लगभग तीन से चार लाख तक हो जाता है. इसकी खेती करना बेहद आसान है. पहले खेत की गहरी जुताई कर खेत समतल किया जाता है. इसके बाद खेत में तीन-चार फीट की दूरी पर गड्ढे खोद करके उसमें पौधे लगाया जाता है. इसके बाद इसकी सिंचाई कर देते हैं. जब पौधा थोड़ा बड़ा होने लगता है, तब इसमें कीटनाशक दवाइयां व खाद का छिड़काव किया जाता है. वहीं 14 से 15 महीने में फसल तैयार हो जाता है.
Tags: Agriculture, Barabanki News, Local18, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 21:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed