धान-गेहूं छोड़ किसान ने शुरू की यह खेती चमक उठी किस्मत आज कमा रहा लाखों

किसान हरिश्चंद्र ने धान गेहूं के साथ गेंदा के फूल की खेती की शुरुआत की. जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ. आज  वह करीब 2 बीघे में गेंदा के फूल की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें एक फसल पर डेढ़ से दो लाख रुपये मुनाफा हो रहा है.

धान-गेहूं छोड़ किसान ने शुरू की यह खेती चमक उठी किस्मत आज कमा रहा लाखों
संजय यादव/ बाराबंकी: वैसे तो हमारे देश में फूलों को धार्मिक कार्यक्रमों के अलावा साज-सज्जा के कामों में भी उपयोग किया जाता है. इसके अलावा आए दिन होने वाले बड़े आयोजनों में फूलों से की जाने वाली डेकोरेशन में आकर्षक रंग बिरंगे फूलों की भारी डिमांड होती है. इसलिए फूलों की खेती किसानों को कम वक्त में बढ़िया मुनाफा दे जाती है. वहीं गेंदे की खेती भी बड़ी मुनाफे वाली होती है. इस फूल की खेती में आप कुछ हजार रुपये लगाकर आसानी से लाखों रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं. जिले के एक प्रगतिशील किसान गेंदा के फूल की खेती से कम लागत में  अच्छा मुनाफा कमा रहा है. वह कई सालो से गेंदा की खेती करके लाखों रुपए मुनाफा कमा रहा है. बाराबंकी जिले के सायपुर गांव निवासी किसान हरिश्चंद्र ने धान गेहूं के साथ गेंदा के फूल की खेती की शुरुआत की. जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ. आज  वह करीब 2 बीघे में गेंदा के फूल की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें एक फसल पर डेढ़ से दो लाख रुपये मुनाफा हो रहा है. गेंदा के फूल की खेती करने वाले किसान हरिश्चंद्र ने बताया धान गेहूं आदि खेती में लागत भी निकाल पाना मुश्किल हो जाता था. इसलिए हमने गेंदा के फूलों की खेती आधे बीघे से शुरुआत की, जिसमें हमें अच्छा लाभ देखने को मिला. आज वह करीब दो बीघे में गेंदा के फूल की खेती कर रहे हैं और इस खेती में  एक बीघे में 8 से 10 हजार रुपये के आसपास लागत आती है और मुनाफा लगभग डेढ़ से दो लाख रुपए हो जाता है. क्योंकि इस खेती में लागत कम मुनाफा ज्यादा है. क्योंकि शादियों की सीजन में इसकी ज्यादा मांग रहती है और यह महंगे रेट में जाता है. बस इसकी देखभाल करना गर्मी के सीजन में ज्यादा जरूरी होता है. गेंदा की खेती करना बहुत ही आसान है. पहले खेत की जुताई की जाती है. उसके बाद खेत में हम नाली बना देते हैं फिर गेंदा के पौधे को एक-एक मीटर की दूरी पर लगा देते हैं. फिर इसकी सिंचाई की जाती है. थोड़े दिनों बाद गोबर व कंपोस्ट खाद मिलाकर पेड़ों में डाली जाती है. जिससे पेड़ जल्दी तैयार हो जाता है. वहीं पेड़ लगाने के महज दो महीने के बाद फूल निकलने  शुरू हो जाते हैं, जिसे तोड़कर इसकी बिक्री कर सकते हैं. क्योंकि यह फसल करीब 6 महीने तक चलती है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 11:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed