खतरे में है उत्तर प्रदेश का ये हुनर! कभी राजा-महाराजाओं की बढ़ाते थे शान
खतरे में है उत्तर प्रदेश का ये हुनर! कभी राजा-महाराजाओं की बढ़ाते थे शान
Aari Zardosi Traditional Handicrafts Skill: बाराबंकी शहर के बंकी वार्ड इस कला के लिए दूर-दूर तक मशहूर था लगभग प्रत्येक घर इस पेशे से जुड़ा हुआ था आरी जरी दरदोजी के काम से अच्छा मुनाफा कमा रहे थे तब इस काम को करने वालों के घर में खुशहाली का माहौल हुआ करता था और उनके परिवार सभी जरूरते आरी जरी दरदोजी के काम से ही पूरी हो जाती थी
संजय यादव/बाराबंकी: परंपरागत हस्तकलाओं में से एक आरी जरदोजी की कारीगरी, जो कभी राजा-महाराजाओं की शान बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध थी. अब लुप्त होने की कगार पर है. लगभग डेढ़ दशक पहले तक इस कला को अपनाने वाले लोगों की बड़ी संख्या थी, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं. लेकिन आज, युवा पीढ़ी का इस कला से मोहभंग हो चुका है. और यह हुनर इतिहास की धरोहर बनता जा रहा है.
बाराबंकी शहर का बंकी वार्ड कभी इस कला के लिए प्रसिद्ध था, जहाँ लगभग हर घर इस पेशे से जुड़ा हुआ था. आरी जरदोजी के काम से लोगों के घरों में खुशहाली थी, और उनकी सभी जरूरतें इसी काम से पूरी होती थीं. लेकिन बीते 5-6 वर्षों में इस कारीगरी से बनी पोशाकों की मांग में भारी कमी आई है, जिससे दर्जनों परिवारों के लिए अपना गुजारा करना मुश्किल हो गया है.
आरी जरदोजी कारीगरों का दर्द
आरी जरदोजी का काम करने वाले कारीगरों का कहना है कि एक समय था जब इस काम से हजारों परिवारों का पालन-पोषण होता था और कमाई भी अच्छी होती थी. लेकिन अब, ग्राहकों की कमी और मटेरियल के बढ़ते दामों के कारण इस काम से होने वाली बचत न के बराबर है. यही कारण है कि इस कला से जुड़े कारीगरों का इससे मोहभंग हो गया है.
12 घंटे मेहनत के बाद 300 रुपये कमाई
कारीगरों ने बताया कि वे 12 घंटे की मेहनत के बाद केवल 300 रुपये कमा पाते हैं, जिससे परिवार चलाना बेहद मुश्किल हो गया है. बढ़ती महंगाई के कारण यह काम अब उनकी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है. इसी वजह से कई कारीगरों ने इस काम को छोड़कर मजदूरी या अन्य व्यवसायों की ओर रुख कर लिया है.
खतरे में कारीगरी की धरोहर
आरी जरदोजी की कारीगरी, जो कभी बाराबंकी की पहचान थी, अब धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है. यह कला, जो सैकड़ों वर्षों तक अपने चरम पर रही, आज सिर्फ कुछ ही घरों में जीवित है. यदि इसे पुनर्जीवित करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह पारंपरिक हस्तकला इतिहास के पन्नों में समा जाएगी.
Tags: Barabanki News, Hindi news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 12:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed