गुफा में मौजूद है भगवान शिव का ये मंदिर श्रीराम ने भी की थी पूजा चौंकाने
गुफा में मौजूद है भगवान शिव का ये मंदिर श्रीराम ने भी की थी पूजा चौंकाने
Bamdeveshwar Mahadev Mandir Banda: बांदा जिले में बने बामदेवेश्वर मंदिर की, जहां मान्यता है कि महर्षि बामदेव ने यहां तपस्या की थी. उनकी तपस्या से अपने आप गुफा के अंदर शिवलिंग स्थापित हो गया था. पहले यह गुफा इतनी नीचे थी कि लोगों को लेट कर दर्शन के लिए इसके अंदर जाना पड़ता था. लेकिन, धीरे-धीरे गुफा ऊंची होती चली गई.
विकाश कुमार/ बांदा: सावन महीने की शुरुआत हो गई है. भगवान शिव के भक्त भोलेनाथ को जल अभिषेक के लिए अलग-अलग मंदिर पहुंच रहे हैं. ऐसे में हम बुंदेलखंड के बांदा जिले में एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां वनवास काल के दौरान प्रभु श्री राम ने यहां के शिवलिंग में जलाभिषेक किया और उनके दर्शन प्राप्त किए थे. यह मंदिर महर्षि बामदेव का तपस्या स्थल भी रहा है. जहां वह गुफा के अंदर बैठ के तपस्या भी करते थे.
हम बात कर रहे हैं बांदा जिले में बने बामदेवेश्वर मंदिर की, जहां मान्यता है कि महर्षि बामदेव ने यहां तपस्या की थी. उनकी तपस्या से अपने आप गुफा के अंदर शिवलिंग स्थापित हो गया था. पहले यह गुफा इतनी नीचे थी कि लोगों को लेट कर दर्शन के लिए इसके अंदर जाना पड़ता था. लेकिन, धीरे-धीरे गुफा ऊंची होती चली गई. वहां के पुजारी और श्रद्धालुओं के द्वारा दावा किया जाता है कि प्रतिवर्ष एक जौ के बराबर गुफा अपने आप ऊंची होती है. यहां सावन के महीने में भक्तों का तांता भी लगा रहता है. हर कोई भगवान शिव का जलाभिषेक कर उनके दर्शन की चाह रखता है.
गुफा के अंदर है शिवलिंग
मंदिर में शिवलिंग के दर्शन के लिए सीढ़ियों से चढ़कर ऊपर जाना पड़ता है. यहां कई प्रकार के छोटे मंदिर भी स्थापित हैं. ऊंचे पहाड़ में स्थित होने के कारण आप यहां से प्रकृति का सुंदर दृश्य भी देख सकते हैं. गुफा के अंदर शिवलिंग तक पहुंचने के लिए एक संकरे रास्ते से जाना पड़ता है. शिवलिंग में बनी तांबे की जलहरी काफी मनोहर है, जो आने वाले भक्तों का मन मोह लेती है.
मंदिर का चौंकाने वाला रहस्य
मंदिर के सदस्य महेश गोस्वामी ने बताया कि यह रामायण कालीन मंदिर है. बामदेव ऋषि की यह तपोस्थली भी है. भगवान राम के विवाह में भी बामदेव उपस्थित थे. जब भगवान राम वनवास काल में चित्रकूट में थे, तब वह इस मंदिर में भी दर्शन के लिए आए थे. और शिवलिंग के दर्शन करने के बाद बामदेव ऋषि से आशीर्वाद लिया. उनका कहना है कि ऐसी गुफा और ऐसे शिवलिंग आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेंगे. क्योंकि आपको हर जगह शिवलिंग के साथ नंदी बैल देखने को मिलेंगे. लेकिन, हमारे बामदेव मंदिर में शिवलिंग में है. उनका मानना है कि यहां भगवान भोलेनाथ ने सब कुछ दिया है. इसलिए उनके शिवलिंग के आगे नंदी की मूर्ति न होकर दिया स्थापित किया गया है. भोलेनाथ के दरबार में भक्तों की हर मुराद पूरी होती है.रोजाना हजारों की संख्या में भक्त यहां सावन के दिन दर्शन के लिए आते हैं, और सच्चे मन से मंदिर जाकर महादेव की भक्ति में लीन हो जाते हैं.
Tags: Banda News, Local18, Sawan Month, Sawan somvarFIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 15:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed