बहराइच: सितारों की तरह राजनेताओं के लिए भी लोगों का प्यार देखने के लिए मिलता है. एक ऐसी ही कहानी आज हम आपके लिए लाए हैं. कहानी है वफादारी की. शाहबानो प्रकरण में 2 कानून को लेकर सन 1987 में आरिफ मोहम्मद खान ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद आरिफ मोहम्मद खान के करीबी जिला कार्यालय सचिव ने प्रण लिया था. उनका नाम है रामकृष्ण शुक्ला. उन्होंने कहा कि जब तक आरिफ मंत्रिमंडल में वापिस नहीं आएंगे, तब तक वो भी कपड़े नहीं पहनेंगे.
2 साल तक नहीं पहने कपड़े
रामकृष्ण शुक्ला का आरिफ मोहम्मद खान के लिए इतना ज्यादा प्यार था कि उन्होंने कपड़े ही त्याग दिए. फैसला लिया कि वो बिना सिले हुए कपड़े पहनेंगे. इसके बाद उन्होंने 1 जनवरी 1987 से लगाकर 2 साल 11 माह और 6 दिन तक सिले कपड़े नहीं पहने.
फिर हुआ कुछ ऐसा
केंद्र में जनता दल की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के सामने दिल्ली में रामकृष्ण शुक्ला को कपड़े पहनाए गए थे. फिर बहराइच के रामकृष्ण शुक्ला से कहा गया कि वो जो चाहें मांग सकते हैं. जिस पर रामकृष्ण बोले ‘कामना की कोई कीमत नहीं होती. मैंने मां भवानी से कामना की और वो पूरी हो गई.’
प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने पूछी ली ये बात
जब रामकृष्ण शुक्ला से विश्वनाथ प्रताप सिंह पूछा कितनी जमीन है तुम्हारे पास. फिर विश्वनाथ प्रताप ने पूछा कि तो कुछ मांगा क्यों नहीं. तब रामकृष्ण बोले मैंने जो प्राण लिया था, वो पूरा हो गया. मेरे लिए सब कुछ मेरा प्रण ही है.
किसी भी कीमत पर नहीं पहनते कपड़े
रामकृष्ण शुक्ला ने बताया कि उन्होंने 2 सालों तक अपने तन पर गर्मियों में चादर धोती, वह सर्दियों में कंबल लपेटकर रहते थे. अगर उनके प्राण पूरा नहीं होता, तो उनका कहना था वह सीधे कफन के लिबास में जाते, लेकिन कपड़े नहीं पहनते.
Tags: Bahraich news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 16:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed