बहराइच: कुछ जगहें इतनी अजब-गजब होती हैं कि लोग रहस्य समझने लगते हैं. बहराइच में भी एक ऐसी जगह है. यह जगह शहर से 40 किलोमीटर दूर है. सरयू नदी के किनारे एक बुलंद और बेमिसाल इमारत स्थित है. इसे 400 साल पुराना बताया जाता है. इसका आधा भाग सरयू नदी में है. सरयू नदी के बहते हुए पानी में इसकी दीवारें मजबूती के साथ आज भी टिकी हुई हैं. इसे देखकर आप हैरान हो जाएंगे. बताया जाता है कि इस इमारत को गंगवल स्टेट की रानी ने बनवाया था.
रानी ने बनवाई थी यह अनोखी इमारत
यहां प्राचीनकाल से ही राम जानकी का एक मंदिर बना हुआ था. रानी ने इस मंदिर को एक भव्य रूप देखकर आलीशान महल का रूप दे दिया. बीच में एक मंदिर है और उसके चारों तरफ बरामदे के अंदर कमरे बनाए गए थे. सारे कमरे एक दूसरे से जुड़े हैं. कुछ कमरों में सुरंग हैं. कई सीढ़ियां हैं, जो पता नहीं कहां जाती है.
बहुत रहस्यमयी है यह भूल भूलैया
एक कमरे को खोलने पर एक रास्ता मिलता है, जो नदी की तरफ एक भव्य स्नानागार की तरफ जाता है. इसको देखकर हैरानी होती है. क्योंकि नदी का बहता हुआ पानी ही इस स्नानागार तक आता है. और यहां से हो कर आगे बढ़ जाता है. मोटे-मोटे पिलर हैं.स्नानागार के अंदर जाने के लिए चारों तरफ कोनों में चारों तरफ चार सीढ़ियां बनी हुई है.काफी हैरानी की बात है यह स्नानागार पूरी तरह से सरयू नदी में बना हुआ है. इतने साल बीत जाने के बाद भी आज भी मजबूती से खड़ा हुआ है.
आज भी छिपा है खजाना
स्नानगृह के आगे जाने पर बहुत सी सीढियां मिलती हैं, जो पता नहीं कहां जाती हैं. शायद इसलिए इसको भूल भुलैया कहा जाता है. कहा जाता है कि यहीं पर कहीं राजा का गुप्त कोषागार भी है, जिसमें आज भी खजाना छुपा हुआ है. सुरंग के माध्यम से होकर नदी के नीचे भी कुछ तहखाने हैं, ऊपर पानी बह रहा है इसलिए आज उसके अंदर जाना नामुमकिन है.
पुजारी करते हैं मंदिर की देखभाल
मंदिर के अंदर एक पुजारी रहते हैं,वहीं इस मंदिर की देखभाल करते हैं. उनको भी इस इमारत के रहस्यों के बारे में कोई खास जानकारी नहीं है. क्योंकि वह मंदिर के अलावा बाकी कहीं नहीं जाते. सारे कमरों में ताला लगा हुआ है. इस ऐतिहासिक इमारत के बारे में किसी को ठीक से कोई जानकारी नहीं है.
Tags: Ajab Gajab, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 11:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed