किसी का घर फूस का तो कोई बेघर आदमखोर भेड़िए से बचाने के लिए बनाए गए शेल्टर होम
किसी का घर फूस का तो कोई बेघर आदमखोर भेड़िए से बचाने के लिए बनाए गए शेल्टर होम
Bahraich Ground Report: उत्तर प्रदेश के महसी तहसील इलाके में इन दिनों भेड़िए का आतंक है. आलम यह है कि लोग रात भर जागकर पहरा दे रहे हैं. ऐसे में उनके लिए मुसीबत बड़ी है. जिनके घर फूस के हैं या फिर उनके घर में दरवाजे नहीं हैं. ऐसे लोगों के लिए जिला प्रशासन ने रेन बसेरा बनाया है.
हाइलाइट्स बहराइच जनपद में आदमखोर भेड़िए का आतंक अभी भी बना हुआ है यहां कुछ ऐसे गांव है जहां के ग्रामीणों के पास रहने के लिए सिर्फ फूस की झोपड़ी है
रिपोर्ट: ताहिर हुसैन
बहराइच. उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद में आदमखोर भेड़िए का आतंक अभी भी बना हुआ है. हालांकि, वन विभाग की सतर्कता और लगातार कॉम्बिंग की वजह से भेड़िए ने पिछले आठ दिनों में कोई हमला नहीं किया है, खतरा अभी भी बना हुआ है. खासकर महसी तहसील क्षेत्र में. यहां कुछ ऐसे गांव है जहां के ग्रामीणों के पास रहने के लिए सिर्फ फूस की झोपड़ी है, जो बिना दरवाजे के हैं और ऐसी जगह पर आदमखोर भेड़िया बड़ी आसानी से हमला करता है.
इसकी जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी मोनिका रानी ने एक नई पहल की है. गांव के सरकारी स्कूलों, पंचायत भवन सहित ग्राम सचिवालय भवन में उन ग्रामीणों को रात में सोने की पूरी व्यवस्था की गई है, जिनके घर फूस के हैं या कच्चे है और दरवाजे लगाने का काम हो रहा है. ऐसे लोग इन जगहों पर रात में आकर रहते हैं. इसकी सच्चाई जानने के लिए न्यूज 18 इंडिया की टीम मौके पर पहुंची. हमें इन शेल्टर होम्स में कुछ ग्रामीण सोते हुए मिले, जिनसे हमने बात की और जाना कि किस लिए अपना घर छोड़ कर यहां रात को रहते है. ग्रामीणों ने बताया कि उनके घर फूस के हैं, वहां रात में सोना इस वक्त खतरनाक हो सकता है. इसलिए यहां सोते हैं. यहां हमारी जान को कोई खतरा नहीं हैं. यहां सुरक्षा के सारे इंतजाम है.
इन गांवों में बनाए गए शेल्टर होम्स
बहराइच के महसी तहसील के करीब 50 गांवों में इन दिनों आदमखोर भेड़िये की दहशत हैं. यह इलाका अति पिछड़ा होने की वजह से यहां आज भी लोग फूस की झोपडी या फिर कच्चे मकानों में रहते हैं. ऐसे में वे भेड़ियों के लिए आसान शिकार हो सकते हैं. लेकिन जिला प्रशासन ने अब घरों में दरवाजे लगाने का काम शुरू किया है. साथ ही जो झोपड़ी में रहते हैं, उनके लिए शेल्टर होम बनाए गए हैं. चंदपईया, अगरौरा, दुबहा ,रायपुर, सिसैया और चूड़ामणि गांव में आश्रय स्थल बनाए गए हैं. यहां चारपाई के साथ बिजली की सुविधा है. जिकसी वजह से ग्रामीण चैन की नींद ले पा रहे हैं.
Tags: Bahraich news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 06:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed