बहराइच में भेड़ियों के आतंक पर क्यों मचा है भेड़ियाधसान आप भी हो जाएं खबरदार

बहराइच में भेड़ियों का मसला वहां के लिए तो गंभीर मुद्दा है ही, देश भर में ये चर्चा का विषय बन गया है. भेड़ियों ने इलाके में 9 जाने ले लीं हैं. आस पास के 110 गांवों में लोग रातों को गश्त लगा कर बच्चों की हिफाजत कर रहे हैं.

बहराइच में भेड़ियों के आतंक पर क्यों मचा है भेड़ियाधसान आप भी हो जाएं खबरदार
बहराइच में 4 भेड़िये पकड़ लिए गए, लेकिन भेड़ियाधसान जारी है. पता चला है कि बगल के श्रावस्ती और गोंड़ा जिले के 110 गांवों में गोलबंद हो कर गश्त की जा रही है. लाठी-डंडा, बंदूक जो भी है हाथों में लेकर लोग रात रात भर घूम घूम कर पहरा दे रहे हैं. जिनके हाथ में कुछ नहीं है, उन्होंने मोबाइल ही ले रखा है. वैसे भी मोबाइल के बिना तो शायद ही कोई निकल रहा हो. हाथों में मोबाइल है तो तसवीरें और वीडियो भी खूब बन रहे हैं. कहने की जरूरत नहीं है कि फोटो और वीडियो मिल गया तो मीडिया क्यों पीछे रहेगा. लिहाजा भेंड़ियाधसान जारी है. जिसके पास जो असलहा है, लेकर मुस्तैद है. जंगलात महकमे वाले बड़ी कोशिश करके चार भेंडिए पकड़ने में सफल हो पाए. अगर और होंगे तो वे भी देर सबेर पकड़ ही लिए जाएंगे. कहीं से खबर आ रही है कि भेड़ियों का सरदार पकड़ लिया गया. तभी ये भी सुनने में आ रहा है कि नहीं अभी झूंड का सरगना पकड़ में नहीं आया है. एक थियरी शुक्रवार को ये भी चल रही थी कि भेड़ियों के बच्चे किसी ट्रैक्टर ट्राल से दब गए थे, लिहाजा वो इंतकाम ले रहा है. भेडिये आदमखोर हैं ? भेड़िये को आदमखोर बताया जा रहा है. वैसे जानकारों से बातचीत करने पर पता चलता है कि भेड़िये आम तौर पर आदमी को खाने वाले जानवर नहीं है. लंबे नुकीले दांत किसी को गड़ा दे तो वो घायल हो जाएगा और रैबीज भी हो सकता है. लेकिन ऐसे वाकये कम ही सुनने में आए हैं कि भेड़िया आदमी को मार कर खा ले. हां, अगर उसकी भिंडत किसी बच्चे से हो जाए तो जरूर खतरनाक हो सकता है. भूतहे रहस्यमय माहौल का प्रतीक आकार में कुत्ते से थोड़ा बड़ा ये जानवर अपने दांतों और नाखूनों के कारण जरुर खतरनाक सा लगता है. हालांकि इसे ज्यादा खतरनाक बनाया लोक कथाओं ने. वो भी विदेशी लोककथाओं ने. भुतहा माहौल क्रिएट करने के लिए चित्रों में भेड़िये की ओर चांद की ओर मुंह करके आवाज करता दिखाया जाता है. चांद की मद्धिम रोशनी में कुत्ते से थोड़ा बड़ा बालों और लंबे मुंह वाला जानवर कुछ ज्यादा ही खतरनाक दिखाई देता है. ऐसे ही नहीं बनी खतरनाक इमेज वैसे इसे खतरनाक मानने की एक और वजह भी जान पड़ती है. पहले बहुत सारे लोगों के लिए भेड़ और बकरी पालना ही जीवन यापन का जरिया था. गाय भैस में ज्यादा लागत लगती थी. उनको रखने के लिए जगह का इंतजाम भी करना पड़ता. लेकिन भेड़ बकरियों के कुछ जोड़े भी रख लिए जाते तो वे बहुत जल्द अपनी संख्या बढ़ा लेते. उनको रखने की जगह की भी बहुत जरूरत नहीं थी. कहीं खाली जमीन देख बाड़ानुम बना कर उन्हें रखा जा सकता था. उनके दूध बाल बगैरह से जीने-खाने भर की आमदनी हो जाती थी. जीवन इस पूंजी के सहारे चल जाता था. गरीबों की इस पूंजी के सबसे बड़े दुश्मन भेड़िये ही थे. ये घात लगा कर इन छोटे जानवरों का शिकार कर लेते थे. इस हमले से गरीब आदमी को बहुत बड़ा झटका लग जाता. संख्या ऐसे गरीब लोगों की ही ज्यादा थी. लिहाजा हो सकता है कि यही लोग भेड़िये के बारे में कुछ बढा-चढ़ा कर बताते रहे हों. जो मुखामुखी बहुत बढ़ता गया. क्योंकि तकरीबन पूरी दुनिया में इसे खतरनाक जानवर ही माना जाता है. ये भी पढ़ें : जन्माष्टमी विशेष – केशव ही हैं असल लोकनायक, धर्म और देश की सीमा से परे कैसे सबके हैं श्रीकृष्ण बहरहाल, बहराइच में इन भेड़ियों ने आठ मासूम समेत नौ व्यक्तियों को शिकार बनाया है. इस लिहाज से इन्हें कम खतरनाक नहीं माना जा सकता. वन विभाग को इसे पकड़ना ही होगा. आदमी की जान अमूल्य है. जीवन बचाने के लिए लोगों का हुजूम भेड़ियाधसान में निकला है और इसे अस्वाभाविक भी नहीं माना जा सकता. Tags: UP news, Wild animalsFIRST PUBLISHED : August 30, 2024, 15:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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