आशीष त्यागी/बागपत: बागपत के एक बेहद दिलचस्प पेड़ की कहानी आज हम आपके लिए लेकर आए हैं. मंदिर, पेड़, फल और फूल की कई कहानी आपने सुनी होंगी. किसी पेड़ पर खूब फल लगते हैं, तो किसी पेड़ पर खास फूल. लेकिन बागपत के शिव मंदिर में एक अनोखा पेड़ है. इस पेड़ की खासियत यह है कि इसपर कभी फल नहीं आते. हां, पर फूल तो खूब आते हैं. इसके पीछे एक किस्सा सुनाया जाता है. आइए जानते हैं आखिर किसने इस पेड़ को श्राप दिया था.
बागपत के शिव मंदिर में है चमत्कारी पेड़
बागपत के शिव मंदिर में एक पेड़ लोगों के बीच एक सवाल है. पेड़ पर फूल तो खूब नजर आते हैं, लेकिन फल एक भी नहीं. कहा जाता है कि ऋषि ने इस पेड़ को श्राप दिया था. लगभग 450 वर्ष पूर्व मंगल गिरी महाराज तपस्या कर रहे थे. तब इस पेड़ का फल टूटकर गिरा और उनकी तपस्या भंग हुई थी. तभी से इस पेड़ पर फल नहीं आते है. बागपत का यह शिव मंदिर काठा गांव में है.
दूर-दूर से देखने आते हैं लोग
स्थानीय निवासी सतपाल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि केंदू का पेड़ मंदिर में मौजूद है. इस पेड़ पर फल नहीं आते. मंगल गिरी महाराज लगभग 450 वर्ष पूर्व इसी पेड़ के नीचे तपस्या की थी. तभी इसका फल टूट कर आया और उनके ऊपर गिरा जिससे उनकी तपस्या भंग हो गई. सतपाल शर्मा ने बताया कि मंदिर में मौजूद इस वृक्ष को महात्मा द्वारा दिया गया श्राप लगा था. मंगल गिरी जी महाराज एक महान साधु संत थे, जिनकी समाधि मंदिर में मौजूद है. मंदिर में ही उनका एक तकत मौजूद है, जिस पर उनके अलावा कोई नहीं बैठ सकता.
साधु की होती है पूजा
मंगल गिरी महाराज का आर्शिवाद लेने लोग दूर-दूर से आते हैं. उनके खड़ाऊ इसी तकत के पास मौजूद हैं. उसकी पूजा अर्चना भी होती है. यह मंदिर विशेष मान्यताओं वाला मंदिर है. यहां दूर-दूर से शिव भक्त आकर पूजा अर्चना करते हैं. मान्यता है कि यहां मांगी हुई हर मुराद पुरी हो जाती है.
Tags: Baghpat, Local18FIRST PUBLISHED : July 4, 2024, 16:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed