उस वीरांगना की कहानी जिसने राम मंदिर तोड़ने वाले मीर बाकी से लिया बदला

अयोध्या में राम मंदिर ध्वस्त कर बाबरी मस्जिद की नींव रखने वाले मीर बांकी के खिलाफ जब राजा रणविजय सिंह ने 28,000 सैनिकों के साथ युद्ध छेड़ा, तब उन्होंने वीरगति प्राप्त की. उनकी शहादत के बाद, उनकी पत्नी रानी जयराज कुंवारी ने प्रतिशोध की शपथ ली और मीर बाकी के वध तक शांत न बैठने का प्रण किया.

उस वीरांगना की कहानी जिसने राम मंदिर तोड़ने वाले मीर बाकी से लिया बदला
आजमगढ़: आजमगढ़ की धरती को क्रांतिकारियों की धरती के रूप में जाना जाता है. चाहे 1857 की क्रांति हो या फिर अंग्रेजी सेना के खिलाफ संघर्ष, आजमगढ़ ने हर आक्रांता से स्वतंत्रता के लिए लोहा लेने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. आज हम इतिहास के पन्नों से एक ऐसी वीरांगना की कहानी बताएंगे, जिसने 3000 महिलाओं की सेना के साथ मिलकर अयोध्या में राम मंदिर ध्वस्त करने वाले मीर बाकी के खिलाफ युद्ध किया और उसे मार गिराया. मीर बाकी से युद्ध और राजा रणविजय सिंह की शहादत अयोध्या में राम मंदिर ध्वस्त कर बाबरी मस्जिद की नींव रखने वाले मीर बांकी के खिलाफ जब राजा रणविजय सिंह ने 28,000 सैनिकों के साथ युद्ध छेड़ा, तब उन्होंने वीरगति प्राप्त की. उनकी शहादत के बाद, उनकी पत्नी रानी जयराज कुंवारी ने प्रतिशोध की शपथ ली और मीर बाकी के वध तक शांत न बैठने का प्रण किया. महारानी जयराज कुंवारी ने लिया शहादत का बदला 1528 ईस्वी में, राम मंदिर के ध्वस्त होने के बाद लाखों हिंदुओं ने अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष किया. राजा रणविजय सिंह की शहादत का बदला लेने के लिए, रानी जयराज कुंवारी ने आजमगढ़, अंबेडकर नगर और अवध क्षेत्र से 3000 महिलाओं की सेना तैयार की. इस महिला सेना के साथ उन्होंने मीर बाकी के खिलाफ युद्ध छेड़ा और उसे मौत के घाट उतार दिया, जो इतिहास में एक अद्वितीय घटना के रूप में दर्ज है. 500 साल से वीरान है हवेली आजमगढ़ और अंबेडकर नगर की सीमा पर आज भी रानी जयराज कुंवारी का किला स्थित है. इस किले की विरासत को क्षेत्र के ब्लॉक प्रमुख कुंवर संजय सिंह पिछले 500 वर्षों से संभाल रहे हैं. यह हवेली आज भी उन ऐतिहासिक घटनाओं की गवाही देती है और बताती है कि भारत केवल पुरुष योद्धाओं की धरती ही नहीं है, बल्कि यहां कई वीरांगनाओं ने भी अपनी तलवार के दम पर धरती की रक्षा की है. Tags: Azamgarh news, Local18FIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 12:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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