शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने नहीं किए राम लला के दर्शन बताई ये वजह
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने नहीं किए राम लला के दर्शन बताई ये वजह
Shankaracharya Avimukteshwaranand: रामलला का दर्शन न करने पर अविमुक्तेश्वरानंद बोले कि उन्होंने प्रण लिया है कि वह राष्ट्र माता का दूध कटोरा में लेकर रामलला का दर्शन करने जाएंगे. उन्होंने कहा कि मंदिर जाने पर सबसे पहले ध्वज का दर्शन करना पड़ता है और अभी मंदिर....
रिपोर्ट- सर्वेश श्रीवास्तव
अयोध्या: राम मंदिर में भगवान राम के विराजमान होने के बाद धर्म नगरी अयोध्या में साधू-संतों के साथ ही काफी संख्या में श्रद्धालू भी घूमने पहुंच रहे हैं. इस समय शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भी गाय के संरक्षण और संवर्धन के लिए अयोध्या पहुंचे हैं. वहां उन्होंने राम जन्मभूमि मंदिर के सामने स्थित क्षीरेश्वर महादेव का अभिषेक किया. इसके बाद राम जन्मभूमि के सांस्कृतिक सीमा रामकोट की परिक्रमा की. गाय संरक्षण और संवर्धन के लिए अयोध्या से मुहिम शुरू करने वाले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हम अयोध्या में गौ ध्वज की स्थापना करेंगे और इसका मतलब है कि इस क्षेत्र में गौ की चर्चा शुरू हो जाए. इन सबके बीच एक बात की चर्चा है कि वह राम मंदिर नहीं गए.
राम मंदिर के दर्शन को लेकर उन्होंने कहा कि हमारा मन और हम अपने विधि विधान से रामलला का दर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि वह शास्त्र से बंधे हुए हैं और वही काम करते हैं जो शास्त्र के हिसाब से हो. रामलला का दर्शन न करने पर अविमुक्तेश्वरानंद बोले कि उन्होंने प्रण लिया है कि वह राष्ट्र माता का दूध कटोरा में लेकर रामलला का दर्शन करने जाएंगे. उन्होंने कहा कि मंदिर जाने पर सबसे पहले ध्वज का दर्शन करना पड़ता है और अभी मंदिर पूरा नहीं है तो वहां जाकर क्या दर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि आम श्रद्धालु और उनमें अंतर है. वह जिम्मेदार व्यक्ति हैं.
शंकराचार्य ने कहा की यह वही क्षीरेश्वर भगवान को लेकर उन्होंने कहा कि यह वही है जिसे कौशल्या माता ने कहा कि आप छोटे हो जाइए और शिशु लीला कीजिए. फिर कौशल्या माता ने पूछा भगवान को दूध क्या पिलाया जाय तो शिव भगवान ने कामधेनु गाय को भेजा. इन्हीं कामधेनु की कृपा से भगवान को दूध मिला और वह दूध फिर से हमसे वंचित हो रहा है क्योंकि गायें मारी जा रही हैं, काटी जा रही हैं और अपमानित हो रही हैं. इसीलिए उन्होंने आज अयोध्या में पहुंचकर क्षीरेश्वर भगवान की पूजा की है. अब वह रामकोट की परिक्रमा कर रहे हैं और उनका कहना है कि भगवान फिर से कृपा करें जिससे बच्चों को और भगवान राम को भोग लगाने के लिए शुद्ध दूध मिल सके.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 22, 2024, 18:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed