सास-बहू पर गर्व करेंगेबहू की जान पर आई आफत तो मौत के मुंह से खींच लाई सास

Inspirational Story: यूं तो सास और बहू के रिश्ते को अधिकतर लोग अलग नजरिए से जानते हैं, लेकिन एक सास ने अपनी बहू के लिए उसकी सगी मां से भी बढ़ कर ऐसा काम किया जो वह एक मिसाल के तौर पर देखा जा सकता है. मामला बिहार के गया है.

सास-बहू पर गर्व करेंगेबहू की जान पर आई आफत तो मौत के मुंह से खींच लाई सास
गया. शायद ही कोई सगी मां भी होती तो ऐसा करने से पहले एक बार जरूर सोचती. लेकिन, गया में एक सास ने बगैर सोचे अपनी बहू के लिए वह किया जो उसके जीवन के लिए वरदान से कम नहीं. हम बात कर रहे हैं गया जिले के अतरी प्रखंड के तेतुआ पंचायत अंतर्गत खिरियावा गांव की रहने वाली अनु देवी की. पूरी कहानी जानियेगा तो सास बहू के संबंधों के बारे में आपका नजरिया जरूर बदल जाएगा. दरअसल, अनु देवी का ससुराल गया में है और वह यहां किराये के मकान पर अपने पति राजेश कुमार और बाल बच्चे के साथ रहती हैं. जब 2022 में अनु देवी की अचानक तबीयत बिगड़ी तो उन्हें पटना में इलाज के लिए भर्ती कराया गया तो यहां पता चला कि अनु देवी की दोनों किडनी फेल हो गई है. मध्यम वर्ग से आने वाले परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा. फिर जैसे-तैसे पति राजेश कुमार के द्वारा इसे चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती कराया गया और कई दिनों तक डायलिसिस पर रखा गया. लेकिन, अब इसको जान बचाने के लिए इसे एक किडनी की जरूरत थी, पर कहीं से किडनी का इंतजाम नहीं हो पाया और किडनी भी किसी से मैच नहीं हो पा रहा था. मुश्किल की घड़ी में पूरा परिवार चिंतित था. लेकिन, इस मुश्किल घड़ी में घर की मुखिया और अनु देवी की सासू मां मालती देवी आगे आईं और अपनी एक किडनी देकर अपनी बहू की जान बचा ली. अब सास और बहू दोनों ही स्वस्थ और खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही हैं. यह वाकई में उन लोगों के लिए मिसाल है जो हमेशा सोचते हैं कि सास और बहू के बीच अच्छे संबंध नहीं होते हैं. लेकिन, बिहार के गया में सास बहू की जोड़ी खूब चर्चा हो रही है, वर्ष 2022 में अनू देवी की किडनी फेल हो गयी थी और 2023 में किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. बहू अनु देवी बताती हैं कि उनकी सासू मां सगी मां के समान हैं. अनु देवी ने कहा, एक सगी मां भी अपने बीमार बच्चों को किडनी डोनेट करने से पहले कई बार सोचेगी, लेकिन मेरी सासू मां ने ऐसा किया और किडनी डोनेट कर मेरी जान बचाई. वहीं, अनु देवी की सास मालती देवी कहती है कि बेटी और बहू में कोई अंतर नहीं है बहू भी बेटी ही होती है. मालती देवी ने कहा, जब बेटी को कोई दर्द होता है तो मां आगे आते ही है. अपनी बेटी की तरह भी अनु को हमलोग बहुत प्यार करते हैं. वह जब मौत के बीच झूल रही थी तो मैं किडनी डोनेट किया था आज हमारी बहू और हम भी पूरी तरह से स्वस्थ है. इस तरह से हमारा पूरा परिवार अब खुशहाल जिंदगी जी रहा है. Tags: Bihar News, Gaya news, Inspiring storyFIRST PUBLISHED : May 13, 2024, 09:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed